आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
लाटायाँ फ़र्न्स-आडवाणी (Latoya Ferns-Advani) महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस की वे नई प्रवक्ता और मीडिया समन्वयक हैं। पार्टी ने उन्हें यह जिम्मेदारी बीते 11 जुलाई को ही सौंपी है।
अब देखना यह है कि कांग्रेस में देशप्रेमी और शांतिप्रिय--चाहे वह हिन्दू हो या किसी अन्य धर्म से--गुलाम बन पार्टी में रहेगा या पार्टी से बाहर। क्योकि जिसे महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस का प्रवक्ता नियुक्त किया गया है, लगता है कांग्रेस देश में अराजकता फ़ैलाने का मन बना चुकी है।
यदि गाँधी परिवार प्रधानमंत्री न बन पाने की ईर्ष्या में जवाहर लाल नेहरू के इतिहास को दोहराने का प्रयत्न कर रही है, तो यह उसकी भयंकर भूल होगी। ज्ञात हो, जब स्वतन्त्रता मिलने पर देश का प्रधानमंत्री नियुक्त करने पर वोटिंग होने पर नेहरू को मात्र 3 वोट मिलने पर जवाहर लाल ने प्रधानमंत्री न बनाए जाने पर पार्टी को तोड़ने की धमकी देने के कारण, कांग्रेस में यह चिंता होने लगी थी, यदि ऐसा हो गया, ब्रिटिश किसके हाथ में सत्ता देकर जाएंगे? मजबूरन 3 वोट पाने वाले को प्रधानमंत्री मानने को मजबूर होना पड़ा था। क्योकि उस समय का उद्देश्य ब्रिटिश राज से मुक्ति पाना था। पिछले कुछ वर्षो में कांग्रेस ने बहुमत न होने पर देखिए प्रधानमंत्री कांग्रेस का ही बना।
लेकिन विधि के विधान कौन बदल सकता है। 2014 में ऐसा परिवर्तन आया कि कांग्रेस चारों खाने चित हो गयी। अक्सर अपने लेखों में फ्रैंच ज्योतिष नास्त्रेदमस का उल्लेख करता रहता हूँ क्योंकि उस महान ज्योतिष ने भविष्यवाणी में स्पष्ट कहा कि "हिन्द(भारत) को असली आज़ादी 2014 में मिलेगी, जब एक अधेड़ उम्र के सख्त प्रशासक के नेतृत्व में एक नयी पार्टी सत्ता में आएगी। वह देश को ऊंचाई पर ले जाने के साथ-साथ अखंड देश और विश्व गुरु बनने के मार्ग पर लेकर जाएगा।"
प्रमाण जगजाहिर सबके सम्मुख है: इस्लामिक आतंकवाद फ़ैलाने वाले पाकिस्तान का भारतवासियों से दिल-ओ-दिमाग में एक खौफ बना रखा था। आतंकवाद को संरक्षण देने "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" के नाम पर बेकसूर हिन्दू साधु, संत और साध्वियों को जेलों में डाला गया। लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी आतंकवाद मुद्दे को विश्व पटल पर ऐसे प्रस्तुत किया कि कल तक बब्बर शेर बन घूमने वाला पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया। जो चीन भारत की धरती पर कब्ज़ा करता आ रहा था, उसे वापस पीछे हटने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
संविधान के नाम पर शपथ लेकर देशहित की बात करने वालों ने देश को विश्व में अपमानित करने की कोई कसर नहीं छोड़ी। जिस गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका का वीजा न मिलने के लिए पत्राचार किया गया था, क्या वह काम देशहित में था या अपमान में? क्या इन्हे नेता कहना चाहिए, जो देश को अपमानित करने का कोई अवसर नहीं चूकना चाहते? यह भी नहीं भूलना कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर विश्व में अमेरिका ही पहला देश था, जिसने मोदी को अमेरिका आने का न्यौता दिया था।खैर अब वापस महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस की नयी प्रवक्ता पर आते हैं, जो कांग्रेस के असली चेहरे को बेनकाब करने को काफी है:-
लाटायाँ आडवाणी का अतीत देखकर पता चलता है कि कांग्रेस में जिम्मेदारी पाने के लिए गाय के खिलाफ अभद्र चुटकुले, गोमूत्र पर तंज और इस्लामिक आतंकियों से हमदर्दी रखनी पड़ती है।
यूथ कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की युवा शाखा है, जो राहुल गाँधी के नियंत्रण में है। लाटाँया आडवाणी का ‘लिंक्ड-इन’ प्रोफाइल बताता है कि वे एक ‘मीडिया और नीति रणनीतिकार’ हैं। उन्होंने डरहम और वारविक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।
‘डेली टाइम्स’ जैसे पाकिस्तानी प्रकाशन में कॉलम लिखने वाली लटाँया फर्न्स-आडवाणी का ऐसे ही एक ‘लेख’ में मानना है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस के ‘लड़ाकों’ को उनका अपना राज्य देकर उन्हें वैध बनाया जाना चाहिए। पाकिस्तानी प्रकाशन की वेबसाइट पर एक लेख में वह लिखती हैं कि आईएसआईएस (ISIS) को एक ‘राज्य’ के रूप में पहचान ना दिए जाने से हम ‘लड़ाकों’ और ‘नागरिकों’ बीच अंतर नहीं कर पाते हैं।
लटाँया आडवाणी ने अपने लेख में न केवल आईएसआईएस आतंकवादियों को ‘लड़ाकों’ के रूप में, बल्कि ‘सेनानियों’ के रूप में जगह दी है। वह कहती हैं कि ‘ISIS सेनानियों’ को ‘पहचाने जाने वाली वर्दी’ ना देने से उन्हें चुपके से घात लगाकर हमला करने का लाभ देती है।
महाराष्ट्र युवा कांग्रेस प्रवक्ता और मीडिया समन्वयक के रूप में नियुक्त लटाँया फर्न्स-आडवाणी का मानना है कि आईएसआईएस को स्टेट का दर्जा उन्हें पहचान योग्य बनाने में सेना की सहायता करेगा।
इसके अलावा, लटाँया फर्न्स-आडवाणी आतंकवादी शब्द का शुद्धिकरण करना चाहती है, जिसका उपयोग कि आतंकवादियों, आतंकियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। वह दावा करती है कि आईएसआईएस ‘अमेरिका के घृणित लोकतंत्र को बढ़ावा देने और जल्दबाजी वाली एग्जिट स्ट्रेटेजी का नतीजा है।
वास्तव में, ISIS मजहबी हिंसा को बढ़ावा देता है और उन कट्टरपंथी मुसलमानों को तवज्जो देता है, जो काफिर या गैर-मुस्लिमों वाली इनकी परिभाषा से सहमत होते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय सुरक्षा वेबसाइट के अनुसार, अपने गठन के बाद से, आईएसआईएस ने इराक और सीरिया के क्षेत्रों पर और उसके भीतर सुन्नी और शिया के बीच सांप्रदायिक तनाव पैदा कर कब्जा करने पर ध्यान केंद्रित किया है। लटाँया फर्न्स-आडवाणी की मानें तो इस विचारधारा को वैध बना दिया जाना चाहिए।
उसी लेख में, लटाँया फर्न्स-आडवाणी ने आईएसआईएस द्वारा की गई क्रूरता और बर्बरताओं, जैसे -सार्वजनिक जगहों पर सर कलम करने को सही ठहराया है। जब हमने इस ‘लेख’ में यह जाँच करने की कोशिश की कि कहीं यह व्यंग्य तो नहीं है? लेकिन हमने यह पाया कि यह व्यंग्य नहीं बल्कि महाराष्ट्र युवा कांग्रेस की प्रवक्ता लटाँया फर्न्स-आडवाणी द्वारा बेहद गम्भीरता से लिखा गया था।
लटाँया फर्न्स-आडवाणी सिर्फ आतंकी संगठनों को ही क्लीन चिट नहीं देतीं बल्कि सोशल मीडिया पर आतंकवादियों की ही भाषा में नियमित रूप से हिंदुओं पर ‘गोमूत्र’ से लेकर अन्य घटिया हिन्दू घृणा से भरे हुए ट्वीट भी करती हैं। जिसके कुछ उदाहरण यहाँ देखे जा सकते हैं, जहाँ लटाँया जनता कर्फ्यू के अवसर पर गोमूत्र पार्टी जैसे ‘जोक’ बनाते हुए देखी जा सकती हैं –
2015 के एक ट्वीट में लटाँया का कहना है कि गाय उसकी माँ नहीं है, और वह बीफ़ पर प्रतिबंध के बाद भी इसे खाने वाली हैं –
लटाँया पाकिस्तान जाने के लिए भी व्याकुल रहती हैं –
लटाँया के अनुसार, नरेंद्र मोदी पाकिस्तानी एजेंट हैं –
दिल्ली दंगा आरोपितों और मुख्य अभियुक्तों के समर्थन में भी लटाँया डटकर खड़ी हैं –
उसका यह भी मानना है कि ‘बाबरी मस्जिद’ की जगह पर राम मंदिर का कोई अवशेष नहीं है और सुप्रीम कोर्ट का फैसल गलत था –
अवलोकन करें:-
लाटायाँ फ़र्न्स-आडवाणी (Latoya Ferns-Advani) महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस की वे नई प्रवक्ता और मीडिया समन्वयक हैं। पार्टी ने उन्हें यह जिम्मेदारी बीते 11 जुलाई को ही सौंपी है।
अब देखना यह है कि कांग्रेस में देशप्रेमी और शांतिप्रिय--चाहे वह हिन्दू हो या किसी अन्य धर्म से--गुलाम बन पार्टी में रहेगा या पार्टी से बाहर। क्योकि जिसे महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस का प्रवक्ता नियुक्त किया गया है, लगता है कांग्रेस देश में अराजकता फ़ैलाने का मन बना चुकी है।
यदि गाँधी परिवार प्रधानमंत्री न बन पाने की ईर्ष्या में जवाहर लाल नेहरू के इतिहास को दोहराने का प्रयत्न कर रही है, तो यह उसकी भयंकर भूल होगी। ज्ञात हो, जब स्वतन्त्रता मिलने पर देश का प्रधानमंत्री नियुक्त करने पर वोटिंग होने पर नेहरू को मात्र 3 वोट मिलने पर जवाहर लाल ने प्रधानमंत्री न बनाए जाने पर पार्टी को तोड़ने की धमकी देने के कारण, कांग्रेस में यह चिंता होने लगी थी, यदि ऐसा हो गया, ब्रिटिश किसके हाथ में सत्ता देकर जाएंगे? मजबूरन 3 वोट पाने वाले को प्रधानमंत्री मानने को मजबूर होना पड़ा था। क्योकि उस समय का उद्देश्य ब्रिटिश राज से मुक्ति पाना था। पिछले कुछ वर्षो में कांग्रेस ने बहुमत न होने पर देखिए प्रधानमंत्री कांग्रेस का ही बना।
लेकिन विधि के विधान कौन बदल सकता है। 2014 में ऐसा परिवर्तन आया कि कांग्रेस चारों खाने चित हो गयी। अक्सर अपने लेखों में फ्रैंच ज्योतिष नास्त्रेदमस का उल्लेख करता रहता हूँ क्योंकि उस महान ज्योतिष ने भविष्यवाणी में स्पष्ट कहा कि "हिन्द(भारत) को असली आज़ादी 2014 में मिलेगी, जब एक अधेड़ उम्र के सख्त प्रशासक के नेतृत्व में एक नयी पार्टी सत्ता में आएगी। वह देश को ऊंचाई पर ले जाने के साथ-साथ अखंड देश और विश्व गुरु बनने के मार्ग पर लेकर जाएगा।"
प्रमाण जगजाहिर सबके सम्मुख है: इस्लामिक आतंकवाद फ़ैलाने वाले पाकिस्तान का भारतवासियों से दिल-ओ-दिमाग में एक खौफ बना रखा था। आतंकवाद को संरक्षण देने "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" के नाम पर बेकसूर हिन्दू साधु, संत और साध्वियों को जेलों में डाला गया। लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी आतंकवाद मुद्दे को विश्व पटल पर ऐसे प्रस्तुत किया कि कल तक बब्बर शेर बन घूमने वाला पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया। जो चीन भारत की धरती पर कब्ज़ा करता आ रहा था, उसे वापस पीछे हटने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
संविधान के नाम पर शपथ लेकर देशहित की बात करने वालों ने देश को विश्व में अपमानित करने की कोई कसर नहीं छोड़ी। जिस गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका का वीजा न मिलने के लिए पत्राचार किया गया था, क्या वह काम देशहित में था या अपमान में? क्या इन्हे नेता कहना चाहिए, जो देश को अपमानित करने का कोई अवसर नहीं चूकना चाहते? यह भी नहीं भूलना कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर विश्व में अमेरिका ही पहला देश था, जिसने मोदी को अमेरिका आने का न्यौता दिया था।खैर अब वापस महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस की नयी प्रवक्ता पर आते हैं, जो कांग्रेस के असली चेहरे को बेनकाब करने को काफी है:-
लाटायाँ आडवाणी का अतीत देखकर पता चलता है कि कांग्रेस में जिम्मेदारी पाने के लिए गाय के खिलाफ अभद्र चुटकुले, गोमूत्र पर तंज और इस्लामिक आतंकियों से हमदर्दी रखनी पड़ती है।
यूथ कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की युवा शाखा है, जो राहुल गाँधी के नियंत्रण में है। लाटाँया आडवाणी का ‘लिंक्ड-इन’ प्रोफाइल बताता है कि वे एक ‘मीडिया और नीति रणनीतिकार’ हैं। उन्होंने डरहम और वारविक विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।
Thank you for the opportunity to serve as @IYCMaha Spokesperson and Media Coordinator, President @satyajeettambe ji and GS @brijdutt ji. Here's to increasing young @INCIndia-ns' elasticity of impact and ability to serve India.— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) July 11, 2020
Jai Hind 🇮🇳 https://t.co/wqP0qF3OdT
‘डेली टाइम्स’ जैसे पाकिस्तानी प्रकाशन में कॉलम लिखने वाली लटाँया फर्न्स-आडवाणी का ऐसे ही एक ‘लेख’ में मानना है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस के ‘लड़ाकों’ को उनका अपना राज्य देकर उन्हें वैध बनाया जाना चाहिए। पाकिस्तानी प्रकाशन की वेबसाइट पर एक लेख में वह लिखती हैं कि आईएसआईएस (ISIS) को एक ‘राज्य’ के रूप में पहचान ना दिए जाने से हम ‘लड़ाकों’ और ‘नागरिकों’ बीच अंतर नहीं कर पाते हैं।
लटाँया आडवाणी ने अपने लेख में न केवल आईएसआईएस आतंकवादियों को ‘लड़ाकों’ के रूप में, बल्कि ‘सेनानियों’ के रूप में जगह दी है। वह कहती हैं कि ‘ISIS सेनानियों’ को ‘पहचाने जाने वाली वर्दी’ ना देने से उन्हें चुपके से घात लगाकर हमला करने का लाभ देती है।
महाराष्ट्र युवा कांग्रेस प्रवक्ता और मीडिया समन्वयक के रूप में नियुक्त लटाँया फर्न्स-आडवाणी का मानना है कि आईएसआईएस को स्टेट का दर्जा उन्हें पहचान योग्य बनाने में सेना की सहायता करेगा।
इसके अलावा, लटाँया फर्न्स-आडवाणी आतंकवादी शब्द का शुद्धिकरण करना चाहती है, जिसका उपयोग कि आतंकवादियों, आतंकियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है। वह दावा करती है कि आईएसआईएस ‘अमेरिका के घृणित लोकतंत्र को बढ़ावा देने और जल्दबाजी वाली एग्जिट स्ट्रेटेजी का नतीजा है।
वास्तव में, ISIS मजहबी हिंसा को बढ़ावा देता है और उन कट्टरपंथी मुसलमानों को तवज्जो देता है, जो काफिर या गैर-मुस्लिमों वाली इनकी परिभाषा से सहमत होते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय सुरक्षा वेबसाइट के अनुसार, अपने गठन के बाद से, आईएसआईएस ने इराक और सीरिया के क्षेत्रों पर और उसके भीतर सुन्नी और शिया के बीच सांप्रदायिक तनाव पैदा कर कब्जा करने पर ध्यान केंद्रित किया है। लटाँया फर्न्स-आडवाणी की मानें तो इस विचारधारा को वैध बना दिया जाना चाहिए।
उसी लेख में, लटाँया फर्न्स-आडवाणी ने आईएसआईएस द्वारा की गई क्रूरता और बर्बरताओं, जैसे -सार्वजनिक जगहों पर सर कलम करने को सही ठहराया है। जब हमने इस ‘लेख’ में यह जाँच करने की कोशिश की कि कहीं यह व्यंग्य तो नहीं है? लेकिन हमने यह पाया कि यह व्यंग्य नहीं बल्कि महाराष्ट्र युवा कांग्रेस की प्रवक्ता लटाँया फर्न्स-आडवाणी द्वारा बेहद गम्भीरता से लिखा गया था।
लटाँया फर्न्स-आडवाणी सिर्फ आतंकी संगठनों को ही क्लीन चिट नहीं देतीं बल्कि सोशल मीडिया पर आतंकवादियों की ही भाषा में नियमित रूप से हिंदुओं पर ‘गोमूत्र’ से लेकर अन्य घटिया हिन्दू घृणा से भरे हुए ट्वीट भी करती हैं। जिसके कुछ उदाहरण यहाँ देखे जा सकते हैं, जहाँ लटाँया जनता कर्फ्यू के अवसर पर गोमूत्र पार्टी जैसे ‘जोक’ बनाते हुए देखी जा सकती हैं –
The 1% global contraction prediction should concern us. Not perhaps so for PM Naren-dramabazi, who it is safe to predict, is going to try & hide his 6 year economic mismanagement, which has 6 out of 10 skilled young workers out of work, behind the #CoronavirusPandemic shock.— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) March 22, 2020
2015 के एक ट्वीट में लटाँया का कहना है कि गाय उसकी माँ नहीं है, और वह बीफ़ पर प्रतिबंध के बाद भी इसे खाने वाली हैं –
Jawwad I think you and I are related. That is the exact burger I have when I go to Gunsmoke. Off the top of my mind:— H U Khan (@Huk06) January 13, 2020
Unique: Double patty beef. 2 guys 1 grll
Huge: Any Gournet Burger. OMG
Solid: Gouda Burger. Xanders
Juicy: Double Cheese Burger. JucyLucy
My mother is certainly not a cow. I'm truly sorry if yours is, because I'm going to have to eat her regardless of the #BeefBan. Lol.— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) March 13, 2015
लटाँया पाकिस्तान जाने के लिए भी व्याकुल रहती हैं –
When my government demands that the best of us go to Pakistan, the Sindhi in me thinks it's a damn good idea. Why don't you fools ease the visa and trade restrictions already? 🇮🇳♥️🇵🇰— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) January 9, 2020
लटाँया फर्न्स-आडवाणी के लिंक्ड-इन प्रोफाइल के अनुसार वो कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर के ऑफिस में काम करती हैं। ये वही मणि शंकर अय्यर हैं, जो केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पाकिस्तान जाकर हर संभव षड्यंत्र का हिस्सा बनने का कारनामा करना चाहते हैं और भारत विरोध के लिए पाकिस्तान का समर्थन करते आए हैंIn these fascist times, seeking asylum in Pakistan doesn't seem like a bad idea. If I am ever forced to leave my beloved India, I'd choose somewhere which resembles it most, especially when it's home friends I love like @ImamAliUnar & @shehryar_taseer. 🇮🇳♥️🇵🇰 Hate hath no power.— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) December 11, 2019
![]() |
लटाँया का लिंक्ड-इन प्रोफाइल |
Is PM @NarendraModi a stooge of Pakistan's ISI?— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) September 3, 2019
Checklist:
He destabilised Kashmir, abolishing A.370 unconstitutionally, causing international outcry.
Destabilised North East with the National Register of Citizens, causing both statelessness & cultural genocide.
Wrecked economy.
दिल्ली दंगा आरोपितों और मुख्य अभियुक्तों के समर्थन में भी लटाँया डटकर खड़ी हैं –
Khalid Saifi— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) June 8, 2020
Sharjeel Imam
Meeran Haider
Safoora Zargar
Asif Tanha
Kafeel Khan
Farhan Zuberi
Mohd Amir
Imran
Anwar
Faheemuddin
Sabir
& 100s of Muslims activists are facing UAPA, sedition, NSA & other charges. The Opposition is speaking about them, to render support & solidarity❤️ https://t.co/wFYAXYsE5i
उसका यह भी मानना है कि ‘बाबरी मस्जिद’ की जगह पर राम मंदिर का कोई अवशेष नहीं है और सुप्रीम कोर्ट का फैसल गलत था –
Lord Ram must be ashamed of India. The #BabriMasjid was demolished brick by brick. Today the Supreme Court capitulated to the mob's demands. #RamMandir is being built on desecrated land in the name of the Lord despite no evidence of a Hindu structure below it. This is not justice— Latoya Ferns-Advani (लटाँया) (@LatoyaFerns) November 9, 2019
अवलोकन करें:-
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