
चीन के विदेश मंत्रालय ने इस मामले की सूचना जारी की। जारी की गई सूचना में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा दक्षिण पश्चिमी चेंगडू शहर स्थित अमेरिकी दूतावास का लाइसेंस रद्द किया जा रहा है। इसके बाद यह अमेरिकी दूतावास पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।
#BREAKING: Chinese Foreign Ministry on Friday informed the US Embassy in China of its decision to withdraw its consent for the establishment and operation of the US Consulate General in #Chengdu, SW China's Sichuan Province. pic.twitter.com/RVA5apYMYm— People's Daily, China (@PDChina) July 24, 2020
Cold war between USA and China in progress.— Dr. Imtiaz Ahmed Khan (Ph.D.) (@drimtiaz1955) July 24, 2020
चीन के विदेश मंत्रालय ने यह भी लिखा यह कदम ‘जैसे को तैसा’ (tit-for-tat move) पद्धति पर आधारित है। अमेरिका द्वारा की गई कार्रवाई का न तो कोई कारण था और न ही कोई आधार। इसके जवाब में हमने यह ज़रूरी और न्यायसंगत कदम उठाया है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माईक पॉम्पियो ने गुरूवार के दिन कहा ह्यूस्टन स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास जासूसी का अड्डा बन चुका है। हाल ही में अमेरिका ने इस वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया था। पॉम्पियो ने इस बारे में कई अहम बातें कही, उनके मुताबिक़ चीन के इस काउंसलेट में कई गई कानूनी गतिविधियाँ चल रही थीं। साथ ही तमाम अमेरिकी कंपनी के व्यापार सम्बन्धी दस्तावेज़ भी चुराए जा रहे थे।
इसके बाद पॉम्पियो ने कहा “अंततः हमने यह फैसला लिया है कि इस सप्ताह में यह चीन का यह वाणिज्य दूतावास बंद कर दिया जाएगा। यहां जासूसी और अमेरिकी बौद्धिक विषय वस्तु (intellectual property) की चोरी के अलावा कुछ और नहीं होता है।” पॉम्पियो के मुताबिक़ “अगर आज़ाद दुनिया वामपंथी चीन को नहीं बदलती तो वामपंथी चीन हमें बदल कर रख देगा।”
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