आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
गृह मंत्री अमित शाह कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसके बाद उन्हें डॉक्टर्स की सलाह पर मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। अमित शाह ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
अमित शाह ने ट्वीट किया, “कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबीयत ठीक है परन्तु डॉक्टर्स की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूँ। मेरा अनुरोध है कि आप में से जो भी लोग पिछले कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जाँच करवाएँ।”
अमित के कोरोना+ समाचार आते ही भारत में पल रहे शांतिप्रिय, मजलूम और गरीब कट्टरपंथियों के जो ट्वीट्स आ रहे हैं, दर्शाता है उनकी गन्दी सोंच और जहालत। इस बीमारी के भारत में आने पर चुनाव आयोग में आयुक्त रहे कुरैशी ने भी कहा था, "मोदी को भी कोरोना हो जाये।" ये शांतिप्रिय पहल करते समय सोंचते नहीं कि पलटवार होने पर क्या होगा? यदि समस्त ट्वीट्स को विस्तार से देखा जाए, वह #not in my name, #award vapsi, #intolerance और गंगा-जमुना तहजीब का रोना रोने वालों के मुंह पर इतना जोर का थप्पड़ है, जिसके दर्द के कारण किसी की आवाज़ नहीं निकल रही। ये जो थप्पड़ पड़ रहे हैं, जनता के हैं, जहां ये victim card खेलने में पूर्णरूप से असमर्थ हैं। आम मुसलमानों को भी इनकी चीख अनसुना करना होगा, इसी में सबकी भलाई है।
अमित शाह के कोरोना पॉजिटिव आने से लिबरलों और कट्टरपंथी इस्लामी लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर किसी ने इसे अमित शाह की अंतिम रात बताते हुए उनके मौत की दुआ माँगी तो कई ने इसे सबसे अच्छा ‘ईदी’ बताया।
एक यूजर ने लिखा, “सहायक पुजारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। राम मंदिर के पास तैनात 16 पुलिसकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए और अब अमित शाह कोरोना संक्रमित हो गए हैं। वो प्लान करते हैं, मगर अल्लाह बेस्ट प्लानर है।” वहीं एक अन्य ने लिखा, “अल्लाह को जल्दी प्यारे हो जाओ।”
एक सोशल मीडिया यूजर लिखती है, “ईदी मिल गई दोस्तों, ईदी मिल गई। इससे अच्छी ईदी और क्या होगी?” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर लिखता है कि यार पहले मरने तो दे।
एक यूजर ने लिखा कि अमित शाह ने दुनिया के पतंजलि के द्वारा बनाया गया बेहतरीन वैक्सीन कोरोनील का इस्तेमाल किया होगा।
मोहम्मद आसिफ खान लिखता है, “अमित शाह ने कौन सी जमात में शिरकत की थी?”
वहीं मोहम्मद जीशान फारूकी लिखता है, “आपको जमात में जाने की क्या जरूरत थी सर।”
सैय्यद जाबिर ने भी इसी को लेकर लिखा, “जमात में गए थे या जमात वाले आए थे मिलने।” इतना ही नहीं, एक ने तो उन्हें ‘तबलीगी शाह’ तक कह दिया।
हालाँकि लोगों ने लिबरलों को भी कई सलाह दे डाली। एक यूजर ने लिखा, “बरनॉल नहीं मिल रही है तो, उस की जगह सैनिटाइजर लगा कर पास में माचिस की तीली जलाने से भी ठंडक मिलती है। बहुत गुप्त जानकारी है। किसी को मत बताना।”
एक ने लिखा कि चाहे कोई भी बात हो पर कोरोना की देन तो तुम जमातियों की ही है।
एक यूजर ने उनकी परवरिश पर बात करते हुए कहा, “आप के माँ-बाप ने आपकी अच्छी ही परवरिश की होगी। अब आपको देखना होगा कि आप ने इस तरह की गंदी बातें सीखी कहाँ, अगर आपको कुछ सही करना है तो… वरना इस दुनिया में जानवर की भी ज़िन्दगी गुजर जाती है।। तुम्हारी और मेरी भी गुजर जाएगी।”
गृह मंत्री अमित शाह कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसके बाद उन्हें डॉक्टर्स की सलाह पर मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। अमित शाह ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
अमित शाह ने ट्वीट किया, “कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबीयत ठीक है परन्तु डॉक्टर्स की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूँ। मेरा अनुरोध है कि आप में से जो भी लोग पिछले कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जाँच करवाएँ।”
अमित के कोरोना+ समाचार आते ही भारत में पल रहे शांतिप्रिय, मजलूम और गरीब कट्टरपंथियों के जो ट्वीट्स आ रहे हैं, दर्शाता है उनकी गन्दी सोंच और जहालत। इस बीमारी के भारत में आने पर चुनाव आयोग में आयुक्त रहे कुरैशी ने भी कहा था, "मोदी को भी कोरोना हो जाये।" ये शांतिप्रिय पहल करते समय सोंचते नहीं कि पलटवार होने पर क्या होगा? यदि समस्त ट्वीट्स को विस्तार से देखा जाए, वह #not in my name, #award vapsi, #intolerance और गंगा-जमुना तहजीब का रोना रोने वालों के मुंह पर इतना जोर का थप्पड़ है, जिसके दर्द के कारण किसी की आवाज़ नहीं निकल रही। ये जो थप्पड़ पड़ रहे हैं, जनता के हैं, जहां ये victim card खेलने में पूर्णरूप से असमर्थ हैं। आम मुसलमानों को भी इनकी चीख अनसुना करना होगा, इसी में सबकी भलाई है।
अमित शाह के कोरोना पॉजिटिव आने से लिबरलों और कट्टरपंथी इस्लामी लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर किसी ने इसे अमित शाह की अंतिम रात बताते हुए उनके मौत की दुआ माँगी तो कई ने इसे सबसे अच्छा ‘ईदी’ बताया।
...and they’re celebrating illness of #AmitShah.— Harshil Mehta હર્ષિલ મહેતા (@MehHarshil) August 2, 2020
Can you find what’s common between them? pic.twitter.com/QGtxpzQ5R1
एक यूजर ने लिखा, “सहायक पुजारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। राम मंदिर के पास तैनात 16 पुलिसकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए और अब अमित शाह कोरोना संक्रमित हो गए हैं। वो प्लान करते हैं, मगर अल्लाह बेस्ट प्लानर है।” वहीं एक अन्य ने लिखा, “अल्लाह को जल्दी प्यारे हो जाओ।”
एक सोशल मीडिया यूजर लिखती है, “ईदी मिल गई दोस्तों, ईदी मिल गई। इससे अच्छी ईदी और क्या होगी?” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर लिखता है कि यार पहले मरने तो दे।
That did not take long. pic.twitter.com/zTgYmkXvQ5— Sree ✨ (@readncrochet) August 2, 2020
एक यूजर ने लिखा कि अमित शाह ने दुनिया के पतंजलि के द्वारा बनाया गया बेहतरीन वैक्सीन कोरोनील का इस्तेमाल किया होगा।
मोहम्मद आसिफ खान लिखता है, “अमित शाह ने कौन सी जमात में शिरकत की थी?”
कोरोना के शुरूआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबीयत ठीक है परन्तु डॉक्टर्स की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूँ। मेरा अनुरोध है कि आप में से जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आयें हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जाँच करवाएं।— Amit Shah (@AmitShah) August 2, 2020
वहीं मोहम्मद जीशान फारूकी लिखता है, “आपको जमात में जाने की क्या जरूरत थी सर।”
Aapko jamat mein jaane ki kya zarurat thi sir— मो. ज़ीशान फ़ारूकी़ (@M_Z_Farooque_02) August 2, 2020
योद्धा किसको बोलते खटमल छाप चुरण— Azam Latif اعظم لطیف (@azamlatif92) August 2, 2020
सैय्यद जाबिर ने भी इसी को लेकर लिखा, “जमात में गए थे या जमात वाले आए थे मिलने।” इतना ही नहीं, एक ने तो उन्हें ‘तबलीगी शाह’ तक कह दिया।
Tablighi Shah?— Siddhahahaharth (@aageSeLeftLelo) August 2, 2020
मरेगा😂😂😂— Aziz Husain (@AzizHus25287811) August 2, 2020
Yes... Liberals kept posted obnoxious and insensitive comments...— Lokesh Rathi (घर में रहें - सुरक्षित रहें) (@Sidha_Sada) August 2, 2020
Bhai... Badi jaldi heart melt hi gaya Aapka...
Abhi to logo ne comments bhi nahi kiye... Unka kya... Jo 10 years se aise comments jhel rahe hain... pic.twitter.com/z1dscEnqQd
हालाँकि लोगों ने लिबरलों को भी कई सलाह दे डाली। एक यूजर ने लिखा, “बरनॉल नहीं मिल रही है तो, उस की जगह सैनिटाइजर लगा कर पास में माचिस की तीली जलाने से भी ठंडक मिलती है। बहुत गुप्त जानकारी है। किसी को मत बताना।”
बरनॉल नही मिल रही है तो।उस की जगह सैनिटाइजर लगा कर पास में माचिस की तीली जलाने से भी ठंडक मिलती है। बौहत गुप्त जानकारी है। किसी को मत बताना।— Dharmendra Jajra (@DharmendraJajr5) August 2, 2020
एक ने लिखा कि चाहे कोई भी बात हो पर कोरोना की देन तो तुम जमातियों की ही है।
Koi bhi baat ho, par corona ki den to tum jamatiyo ki hi hai.— Dhruv Singh Rajput (@DhruvSi12259421) August 2, 2020
आप के मा बाप ने आपकी अच्छी ही परवरिश की होगी।— Khan Ubaid خان عبید (@khanubaid21) August 2, 2020
अब आपको देखना होगा कि आप ने इस तरह की गंदी बातें सीखी कहा, अगर आपको कुछ सही करना है तो।।
वरना इस दुनिया में जानवर की भी ज़िन्दगी गुजर जाती है।। तुम्हारी और मेरी भी गुजर जाएगी
एक यूजर ने उनकी परवरिश पर बात करते हुए कहा, “आप के माँ-बाप ने आपकी अच्छी ही परवरिश की होगी। अब आपको देखना होगा कि आप ने इस तरह की गंदी बातें सीखी कहाँ, अगर आपको कुछ सही करना है तो… वरना इस दुनिया में जानवर की भी ज़िन्दगी गुजर जाती है।। तुम्हारी और मेरी भी गुजर जाएगी।”
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