जहाँ सभी राजनीतिक संगठन ‘किसान आंदोलन’ के बहाने अपना उल्लू सीधा करना चाह रहे हैं, वहीं जातिवाद, मजहबी कट्टरता और खालिस्तानी एजेंडे को बढ़ावा देने वाले लोग भी इससे जुड़ते देखे जा रहे हैं। ऐसा ही एक दल है ‘भीम आर्मी’, जो उत्तर प्रदेश में दलितों की राजनीति करने का दावा करता है। बताया जा रहा है कि चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ ‘रावण’ की अगुआई वाले इस संगठन के लोगों को गाजियाबाद में किसानों ने मार-मार कर भगा दिया।
जो शाहीन बाग और दिल्ली दंगों में नहीं हो पाया, वह किसान आंदोलन के नाम पर करने की तैयारी है।
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) December 7, 2020
पर्दे के पीछे खिलाड़ी वही हैं।
भीम आर्मी नें 23 फरवरी को भारत बंद बुलाया था और 24 फरवरी को दिल्ली में दंगे हुए।
पजांब के किसान को तो संतुष्ट कर देगे
— 🙏💥सुरेन्द्रा आचार्य 🌹राम राम 🌹 (@Surinde87911268) December 7, 2020
पर योगराज जोगिंदर यादव केजरीवाल जैसे दर्जनो बेशर्म है जो किसानो को डरा रहे है की अंबानी अडानी खेतो पर कब्जा कर लेगे सरकार को चाहिए किसान बिल को करोना के बाद बात करके लागू कर दे
और हाथो हाथ
जनसंख्या वृद्धि पर कानून और NRC लागू कर दे
कांग्रेस को किसानों की इतनी ही चिंता होती तो कांग्रेस के इतने सालों के शासन में किसान आत्महत्या नहीं करते,ज़मीन नहीं बेचते,खेती छोड़कर मजदूरी नहीं करते।
— Astro Narrender (@narrenderverma) December 7, 2020
AAP का किसानों के प्रति रवैया तो उस सभा से ही पता चलता है जिसमें किसान पेड़ से लटक कर आत्महत्या रहा था और नेता भाषण दे रहे थे।
नागरिकता कानून को मुस्लिम विरोधी कानून बताकर दिल्ली को जला दिया
— Atul Bhardwaj (@AtulBha86037049) December 7, 2020
किसान हितैसी कानून को किसान विरोधी कानून बताकर दिल्ली को बंधक बना लिया
ये सड़कें बंद करने के आंदोलन कब तक सहेगा भारत,
लट्ठ बजाओ लट्ठ
भीम आर्मी एक इस्लामिक संगठन है, देश में बैन करे सरकार
— Vaibhav sharma (@unique_vaibhav) December 7, 2020
‘आज तक’ की खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मंगलवार (दिसंबर 8, 2020) को आयोजित भारत बंद के दौरान भीम आर्मी के नेता-कार्यकर्ता किसानों के आंदोलन में उन्हें समर्थन देने पहुँचे और उनके साथ विरोध प्रदर्शन के इरादे से बाहर निकले। लेकिन, वहाँ उन्हें किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। यूपी गेट पर किसानों के धरने में पहुँचे भीम आर्मी के नेताओं को किसानों ने भगा दिया।
किसानों ने आरोप लगाया कि भीम आर्मी के लोग इस आंदोलन को भड़काने की कोशिश में लगे हुए थे, इसीलिए उन्हें इसमें शामिल नहीं होने दिया गया। खबर के अनुसार, किसानों की शिकायत के बाद पुलिस ने भी लाठियाँ चटकाईं और भीम आर्मी के लोगों को किसानों ने खदेड़ दिया। उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही कह चुकी है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान जोर-जबरदस्ती नहीं चलेगी। दुकानों को जबरन बंद नहीं कराया जा सकता है।
वहीं भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने आरोप लगाया है कि विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जाते समय उन्हें हिरासत में लेकर नजरबंद कर लिया गया है। उधर दिल्ली में भी सब्जी मंडी के व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानें खोल रखी थीं, लेकिन यहाँ सुबह तक मंडियों को बंद रखने के लिए AAP नेता द्वारा दबाव बनाया जा रहा था। दिल्ली में APMC के अध्यक्ष आदिल अहमद खान हैं। ऐसे में AAP पर कई सवाल उठ रहे हैं।
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