जब चोर शोर मचा रहे हो, समझ जाना चाहिए, कहीं कुछ खड़बड़ है। देखिए अम्बानी किसके राज में करोड़पति से खरबपति बना? स्विस बैंकों में काला धन किसके राज में जमा हुआ? हवाला किसके राज में हुआ? स्कैम किसके राज में हुए? राशनिंग किसके राज में हुई?भोपाल गैस त्रासदी के गुनाहगारों को किसने और किसके राज में भारत से भगाया गया? महात्मा गाँधी हत्या के बाद चितपावन ब्राह्मणों का सबसे भयानक(1984 सिख नरसंहार से अधिक भयानक) नरसंहार किसके राज में हुआ था? 1984 में सिखों का नरसंहार किसके राज में हुआ था? हिन्दू और हिन्दुत्व को अपमानित किसके राज में किया जा रहा था? पुरुषोत्तम श्रीराम को काल्पनिक किसके राज कहा गया था? कोर्ट के फैसलों को किसके राज में ठेंगा दिखाया गया? भूमिमाफिया और पानी माफिया का जन्म किसके राज में हुआ? भारत में हुए प्रथम चुनाव में हारे हुए उम्मीदवार को विजयी घोषित किसके राज में किया गया था? इमरजेंसी में बेगुनाहों को जेलों में किसके राज में डाला गया था? प्रेस पर सेंसरशिप किसके राज में लगी थी? बैंकों से फोन पर(नागरवाला कांड) 60,000 रूपए किसके राज में निकले थे? 7 नवंबर 1966 को गौ-हत्या का विरोध कर रहे निहत्ते साधुओं पर गोली चलवाकर पार्लियामेंट स्ट्रीट लाल किसके राज में हुई थी? भारतीय इतिहास और संस्कृति को धूमिल किसके राज में किया गया? आदि आदि यानि देखिए नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली.... को चली।
Hey @RahulGandhi can you tell us why 1975 emergency is called as darkest days of India?
— Vishakha | Yogi ji stan acc (@vixhakha) December 9, 2020
Nowadays congress barks about saving democracy, they should go back a little in past and rediscover their own sins.
वर्षों तक @INCIndia ने देश के किसान को ठगने का काम किया। पिछले 5 दिन से @INCDelhi और कांग्रेस के नेताओं ने किसान आंदोलन में कांग्रेस की रसोई के नाम पर सिर्फ अपना प्रचार किया रसोई में न ही खाना है न ही कोई व्यक्ति। ये कैसा मज़ाक है किसानों के साथ।। pic.twitter.com/d5dVKboVYr
— MLA Kuldeep Kumar (@KuldeepKumarAAP) December 9, 2020
किसानों को उद्योगपतियों का तरह-तरह का डर दिखाकर प्रदर्शन के लिए भड़काया जा रहा है। उनको गुमराह करने के लिए अडानी और अंबानी को एक खलनायक के तौर पर पेश किया जा रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मुकेश अंबानी को नए कृषि कानून का प्रमुख लाभार्थी बता रहे हैं। लेकिन यहीं अमरिंदर सिंह कई बार मुकेश अंबानी के तलवे चाटते नजर आए हैं। 2016 में अमरिंदर सिंह उस समय विलाप करने लगे, जब तत्कालीन अकाली दल की सरकार ने रिलायंस रिटेल के साथ हुए एक समझौते को रद्द कर दिया था।
अमरिंदर सिंह ने 27 जुलाई, 2016 को एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि हमने 3000 करोड़ रुपये के रिटेल एग्री-बिजनेस प्रोजेक्ट की शुरुआत के लिए रिलायंस ग्रुप के साथ समझौता किया था। इस समझौते से 3000 गांवों में कम से कम 1.5 लाख किसानों की आय को तीन गुना करने में मदद मिलती,लेकिन अकालियों ने इसे रद्द कर दिया।
Now of course Ambani is supposed a villain for The Captain since he is allegedly the prime beneficiary of the farm bills . What hypocrisy... pic.twitter.com/dL4J8kLlMu
— R Jagannathan (@TheJaggi) December 7, 2020
रिलायंस रिटेल और पंजाब सरकार के बीच हुआ था समझौता
दरअसल मुकेश अंबानी के नियंत्रण वाली रिलायंस रिटेल ने अगस्त 2006 में कृषि और रिटेल प्रोजेक्ट के लिए पंजाब सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था, जिसमें 500 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश का प्रावधान किया गया था। लेकिन बाद में इसे 3,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाना था। तत्कालीन उपमुख्यमंत्री राजिन्दर कौर भट्टल की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन पर पंजाब के वित्त आयुक्त जी एस चीमा और रिलायंस रिटेल के अध्यक्ष संजीव अस्थाना ने हस्ताक्षर किए थे।
अमरिंदर सिंह ने खेत से फैक्ट्री तक सप्लाई चेन का दिया सुझाव
नवंबर 2017 में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी के बीच मुंबई में मुलाकात हुई। इस दौरान टेलीकॉम और डाटा नेटवर्क के अलावा कृषि उत्पादकता, फूड प्रोसेसिंग उद्योग, उत्पादन सुविधाओं और परचून, खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग देने पर अंबानी ने सहमति जताई। कृषि के क्षेत्र में सहयोग के मामले में मुख्यमंत्री अमरिंदर ने सुझाव दिया कि आरआइएल को खेत से फैक्ट्री तक या उपभोग केंद्रों तक सप्लाई चेन स्थापित करनी चाहिए।
उद्योगपतियों के खिलाफ कांग्रेस के इस दोगलापन पर सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी हैं।
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