‘मोदी मर जा तू’: वामपंथी किसान संगठन की महिला 'प्रदर्शनकारी'


जिस तरह से इस प्रदर्शन में देश विरोधी ताकतों की भूमिका बढ़ती जा रही है। उससे धीरे-धीरे यह प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित लगने से ज्यादा खतरे की घंटी नजर आने लगा है। वही खतरे की घंटी जिसे शाहीन बाग के दौरान नजरअंदाज किया जाता रहा और अंत में उसका भीषण रूप उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों के रूप में देखने को मिला। इसी तरह किसानों की आड़ में भी किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है। 

दोनों ही प्रदर्शनों की तुलना करने पर अंतर कुछ नहीं दिखाई देता। जिस प्रकार नागरिकता संशोधक कानून विरोध में "मोदी तेरी कब्र खुदेगी", "योगी तेरी कब्र खुदेगी", "हिन्दुत्व तेरी कब्र खुदेगी" और "fuck hindutva"(देखिए चित्र) जैसी नारेबाजी हो रही थी, और बेशर्म हिन्दू इस प्रदर्शन में ऐसे एकजुटता दिखा रहे थे, मानो वह हिन्दू नहीं। किसी बेशर्म हिन्दू ने विरोध तक नहीं किया, परिणाम विरोध हिन्दू विरोधी दंगे में परिवर्तित हो गया। ठीक वही स्थिति इस तथाकथित किसान आंदोलन की है। वैसे भी आंदोलनकारी स्वयं इस बात के प्रमाण दे रहे हैं कि "हम किसान नहीं", अगर ये किसान होते अपने मुद्दे पर रहते, अनुच्छेद 370 बहाल करने, हिन्दू विरोधी भाषण, खालिस्तान, और  हिन्दू विरोधी दंगे के आरोपियों को रिहा करने की आदि की मांग नहीं करते। अपनी कुर्सी की खातिर हिन्दुओं को अपमानित करने वाले अजमेर जाने की बजाए बीकानेर संग्रहालय जाकर औरंगज़ेब का दस्तावेज़ देखें। 
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का हल्लाबोल जारी है। किसानों के इस आंदोलन के बीच राजनीतिक दल अपना-अपना झंडा ऊपर रखना चाहते हैं। इसको लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। इस बीच एक नया वीडियो सामने आया है। इसमें ‘प्रदर्शनकारी’ महिलाएँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मरने की दुआ कर रही हैं। 

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक महिला को कहते हुए देखा जा सकता है, “मोदी मर जा तू, शिक्षा बेच के खा गया रे मोदी, मर जा तू। रेल बेचकर खा गया रे मोदी, मर जा तू। देश बेच के खा गया रे मोदी, मर जा तू। किसानों को धोखा दे गए रे मोदी, मर जा तू।” वहीं सामने बैठी महिला बार-बार ‘हाय-हाय मोदी मर जा तू’ दोहरा रही थी।

हालाँकि यह स्पष्ट नहीं है कि वीडियो कहाँ का है। लेकिन बैकग्राउंड में अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) और कम्युनिस्ट पार्टी का हथौड़ा देखा जा सकता है। एआईकेएस एक वामपंथी मोर्चा संगठन है। इसके दो गुट हैं- एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और दूसरा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)। वीडियो में पीछे लगे बैनर से लग रहा है कि यह राजस्थान के घड़साना क्षेत्र का है।

दिल्ली बीजेपी महासचिव कुलजीत सिंह चहल ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा कि ये मेरे देश के किसान नहीं हो सकते। साथ ही उन्होंने सवाल भी किया कि ऐसा करने के लिए इन्हें स्पॉन्सर कौन कर रहा है? उन्होंने इसे शर्मनाक बताया।

इस शर्मनाक वीडियो के सामने आने के बाद लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही है। कोई कह रहा है कि ये कॉन्ग्रेस के लोग हैं तो वहीं कुछ लोग सच का पता लगाने और उन्हें दंडित करने की बात कह रहे हैं।

‘अन्नदाता’ के इस आंदोलन के बीच कई जानी-मानी हस्तियाँ भी समर्थन में आ रही हैं। यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की बातें सामने आई है। इससे पहले भारत के पूर्व-क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने भी जहर उगला था।

पंजाबी में दिए भाषण में योगराज सिंह ने कहा था, “मैं इन्हें आपलोगों से ज्यादा जानता हूँ। ये माँ-बेटियों की कसमें खा कर भी पलट जाते हैं। मैं आपको बधाई देता हूँ कि जब अमित शाह ने कहा कि निरंकारी ग्राउंड आ जाओ तो आपलोग नहीं गए। इनकी किसी बात का विश्वास नहीं करना। एक बात और कहना चाहता हूँ जब इनकी औरतों को अहमद शाह दुर्रानी ले जाता और वहाँ टके-टके की बिकती थी, तो पंजाबियों ने बचाया।” https://www.facebook.com/skmisra1942/posts/10218086052452146

जब योगराज सिंह से पूछा गया था कि इस ‘किसान आंदोलन’ में इंदिरा गाँधी की हत्या को याद करते हुए पीएम मोदी को भी धमकी दी गई है, तो उन्होंने कहा था कि जिसने जो बोया है, वो वही काटेगा। उन्होंने इसे भावनाओं की लड़ाई बताते हुए कहा था कि सरकार को ऐसा कोई भी बयान नहीं देना चाहिए, जो भारत को विभाजित करे। उन्होंने भारत सरकार पर मुग़ल बादशाहों बाबर, औरंगजेब और अंग्रेजों से भी ज्यादा क्रूरता और अत्याचार करने के आरोप लगाए।

 योगराज सिंह ने कहा था कि उन्होंने पीएम मोदी सहित भाजपा के अन्य नेताओं के चेहरे देखे हैं, वो सभी ‘शैतानों की तरह’ दिखते हैं। पंजाबी में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी शायद ये नहीं जानते हैं कि भगवान और शैतान एक साथ नहीं रह सकते। 

इसी तरह का एक और वीडियो सामने आया था जिसमें एक तथाकथित किसान द्वारा स्पष्ट तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता था कि जैसे इंदिरा गाँधी को ठोका वैसे ही नरेंद्र मोदी को भी ठोक देंगे।

वहीं एक वीडियो में प्रदर्शनकारी ‘जय हिन्द’ बोलने से भी इनकार कर रहा था। जब ये सब चल रहा था, तब ओखला से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान वहीं पर मौजूद थे। वीडियो में एक प्रदर्शनकारी कह रहा था कि वो ‘जय हिन्द’ नहीं बोलेगा और न ही ‘भारत माता की जय’ बोलेगा, सिर्फ ‘जो बोले सो निहाल’ ही बोलेगा। साथ ही उसने कहा था कि वो ‘अस्सलाम वालेकुम’ भी बोलेगा। AAP विधायक अमानतुल्लाह खान की मौजूदगी में प्रदर्शनकारी ने धमकाया कि जैसे इंदिरा गाँधी को ‘सबक सिखाया गया’ था, वैसे ही पीएम मोदी को भी ‘सबक सिखाया जाएगा।’

कांग्रेस की इस हालत का जिम्मेदार कौन ? 😎
राहुल गाँधी का कहना है कि कांग्रेस एक सोच है, कांग्रेस एक विचारधारा है, कांग्रेस ये है, कांग्रेस वो है, कांग्रेस कौन है और कांग्रेस क्या है, कुछ बिंदु आपके समक्ष, ध्यानपूर्वक पढ़िए :
* कांग्रेस वही है जिसने महाराणा प्रताप की जगह अकबर को महान किताबों में पढाया।
* कांग्रेस वही है जिसने शिवाजी महाराज की जगह औरंगजेब को महान बनाया | संभाजी नगर का नाम औरंगाबाद कर दिया, दिल्ली में औरंगजेब के नाम पर मुख्य सड़क बना दी |
* कांग्रेस वही है जिसने भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी देने की सिफारिश की और तो और इनका नाम शहीदों की लिस्ट में नहीं आने दिया ।
* कांग्रेस वही है जिसने भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद को उग्रवादी बताया आतंकी बताया और नेहरू को क्रन्तिकारी बताया |
* कांग्रेस वही है जिसके नेहरू ने मुखबरी करके चंद्रशेखर आज़ाद को मरने पर मजबूर किया।
* कांग्रेस वही है जिसने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिन्द फौज का विरोध किया, आज़ाद हिन्द फ़ौज का धन लूट लिया |
* कांग्रेस वही है जिसके कालखंड में 1990 में कश्मीर घाटी में भयंकर कत्लेआम हुआ | 5 लाख हिन्दुओं को घाटी छोड़नी पड़ी।
* कांग्रेस वही है जिसने 2G घोटाला, आदर्श सोसायटी घोटाला, CWG घोटाला, तेलगी घोटाला, कोयला घोटाला, दूरसंचार घोटाला, हर्षद मेहता घोटाला जैसे कई घोटाले हुए |
* कांग्रेस वही है जिसके राज में चीन 2013 में 19 km अंदर हमारी सीमा में घुस आया | अब मोदी राज में हम 19 km डोकलाम में गये।
* कांग्रेस वही है जिसके कालखण्ड में सैनिकों का अपमान होता था, कर्नल पठानिया समेत 5 सैनिकों को उम्रकैद की सजा दी गयी |
* कांग्रेस वही है जिसके एक परिवार के नेताओं के नाम से 650 योजनाएँ हैं | क्यों भाई और कोई महापुरुष देश में नहीं हुए क्या?
* कौनसा कांग्रेसी फांसी पर चढ़ा ? एक तो नाम बताओ।
* कांग्रेस की वजह से देश का विभाजन हुआ।
* कांग्रेस जिसके नेता JNU में देशविरोधी नारे लगाने वालों का स्पोर्ट करते हैं।
* कांग्रेस वही है जिसने मदरसों में तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाने का विरोध किया।
*कांग्रेस वही है जिसके नेता खुल्लेआम केरल में गाय को काटकर खाते हैं*
* कांग्रेस वही है जिसने तुष्टिकरण हेतु हिन्दुओं को बदनाम करने हेतु भगवा आतंकवाद कहा, इसी कांग्रेस ने आतंकियों को "साहब" कहा, हाफिज साहब और ओसामा जी बताया, वहीं हिन्दुओं को आतंकी बताया |

* कांग्रेस वही है जिसने पत्थरबाजों को भाई बताया और सेना प्रमुख को गली का गुंडा बताया |
दिल्ली पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है
*कितनी भी बातचीत कर लो*
कितना भी समझा लो, इनमें नकली किसान नेताओं की जायज़ नाज़ायज़ मांगे भी मान लो।
*फिर भी हिंसा तो हो कर ही रहेगी, सारी तैयारी और फंडिंग हिंसा के लिए हो रही है।*
दिल्ली दंगे की तरह गोली भी खुद ही चलाएंगे और जान भी अपनों की लेंगे, विपक्ष को किसी भी कीमत पर मोदीजी को किसान विरोधी सिद्ध करना है। इसलिए एक बार फिर से ये सारे गिद्ध इकट्ठे हैं, इन्हें लाशें गिरने का इंतज़ार है।
*इनमें कांग्रेस है, आप है, अकाली दल है, वामपंथी है, योगेंद्र यादव है, JNU गैंग है, अमानतुल्ला खान है, खालिस्तानी हैं, रावण है, पप्पू यादव है, शहीनबाग वाली दिहाड़ी की दादी है, इनमें बहुत से सिखों का वेश धरे मुसलमान हैं,* हाथरस वाली नक्सली भाभी है तलवारें है डंडे हैं बंदूकें भी होंगी अभी पता नही है किरपाण है बरछा है
*इनके पास मोटे गद्दे हैं, झक सफ़ेद रजाइयां और ढेरों कम्बल भी हैं, अनवरत चाय की चुस्कियां हैं, चौबीस घंटे तर माल वाले लंगर हैं, डिज़ाइनर कपडे हैं, डिज़ाइनर टोपियां हैं.*
कनाडा का बेवकूफ पप्पू प्रधानमन्त्री है इंग्लैंड के भारत विरोधी सांसद भी हैं
*बहुतों के हाथों में महंगे वाले मोबाइल हैं, fortuner गाडियाँ हैं, 6 महीने का राशन हैं, 1000 से ज्यादा ट्रेक्टर हैं लक्ज़री बसें है कनाडा के खालिस्तानी 10 mn डॉलर की मदद की घोषणा कर दी है*
ये लोग इतनी बड़ी तैयारी करके आये हैं, निहंगों की टोलियां पँजाब से निकल चुकी हैं, और इन्होंने तो दिल्ली को घेर भी लिया है और बिना हिंसा के और बिना लाशें गिराए वापस चले जाएंगे? ये हो नहीं सकता
*ये देशद्रोही इस मुद्दे को पूरा निचोड़ लेंगे तो अचानक ये मुद्दा गधे के सींग की तरह गायब हो जाएगा... नया मुद्दा प्रकट होगा... रंगभूमि बदल जायेगी पर कलाकार वही होंगे फिर अवार्ड वापिसी होगी, वहां सभी फिर इक्कठे होंगे, फिर देश को बंधक बनाएंगे*
देश विरोधी ताकतें अकूत धन और गद्दारों की फौज के साथ देश को उसी पुराने पतन के गढ्ढे में धकेलने को आतुर हैं.
मज़बूत और ईमानदार देश उनके किस काम का.. जहाँ भ्रष्टाचार की संभावना ही न हो?
*यह किसान आंदोलन बिना बड़ी जानमाल के नुक्सान के ख़त्म नहीं होगा

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