कांग्रेस नेता पंकज पुनिया एक बार फिर फेक न्यूज फैलाते धरे गए हैं। ट्विटर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर कांग्रेस नेता पंकज पुनिया मई, 2020 में गिरफ्तार भी हो चुके हैं। उन्होंने इस बार रेलवे को लेकर लोगों को गलत जानकारी दी है। पंकज पुनिया ने पांच साल पुरानी खबर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘लो भई मोदीजी ने रेल मंत्रालय से भी आदेश पारित करवा दिया रेलवे तेल/डीजल सरकारी कंपनियों से लेने की बजाय उनके दोस्त अंबानी की रिलायंस व एस्सार कंपनी से लेने को प्राथमिकता दे!!!’
लो भई मोदीजी ने रेल मंत्रालय से भी आदेश पारित करवा दिया रेलवे तेल/डीजल सरकारी कंपनियों से लेने की बजाय उनके दोस्त अंबानी की रिलायंस व एस्सार कंपनी से लेने को प्राथमिकता दे!!! pic.twitter.com/aVXeINCFaX
— Pankaj Punia (@PankajPuniaINC) December 17, 2020
जबकि रेलवे हर साल टेंडर जारी कर एचएसडी ऑयल खरीदता है। टेंडर में सबसे कम बोली लगाने वाले को निविदा दी जाती है। हर साल इसे पारदर्शिता के साथ किया जाता है। जो सबसे कम बोली लगाता है, उसे काम मिलता है। इसमें पक्षपात की बात ही नहीं है। ऐसे में कांग्रेस नेता के इस पुराने ट्वीट के जरिए फेक न्यूज फैलाने पर यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।
Check date- the letter is of 2015.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) December 18, 2020
Railway purchases HSD oil through tenders, each company bids for a location. Lowest tenders gets the location.
Process is done every year, transparently. It's clearly mentioned rate will be according to PSU.
Serial Fake News Peddler. https://t.co/fkeU0QUOVD pic.twitter.com/7eAJOOoDMx
कॉंग्रेस वाले इटली वालो के पैर दबाते दबाते कब भारत विरोधी हो गए कि पता ही नहीं चला
— bharat_one (@bharatone6) December 18, 2020
सब के सब अब मात्र झूठी ख़बरें बनाने और फैलाने का काम करते हैं
शायद ये सोचते हैं कि माँ बेटे इनको अभी भी भ्रष्टाचार की मलाई खाने का मौका देंगे.अरे मूर्खों, वो खुद लूटेंगे पर लूट को इटली ले जाएंग
फेक न्यूज की फैक्ट्री बन गई है कांग्रेस
प्रियंका गांधी वाड्रा ने की फेक न्यूज ट्वीट कर सनसनी फैलाने की कोशिश
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 16 दिसंबर, 2020 को फेक न्यूज के जरिए सनसनी फैलाने की कोशिश की। प्रियंका ने ट्वीट कर दावा किया कि सरकार ने भारतीय रेल पर एक निजी कंपनी का ठप्पा लगवा दिया है। जबकि पीआईबी फैक्ट चेक में पाया गया कि निजी कंपनी का वह प्रतीक चिन्ह सिर्फ एक विज्ञापन है। जिसे रेलवे ने कमाई बढ़ाने के लिए लगाया है। आप इस तरह का विज्ञापन मेट्रो और रेलवे के कोच पर देख सकते हैं, लेकिन कांग्रेस नेता को तो सिर्फ फेक न्यूज फैलाकर लोगों को भरमाना रहता है।
दावा: #फेसबुक पर एक वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय रेल पर एक निजी कंपनी का ठप्पा लगवा दिया है। #PIBFactCheck: यह दावा भ्रामक है। यह केवल एक वाणिज्यिक विज्ञापन है जिसका उद्देश्य केवल 'गैर किराया राजस्व' को बेहतर बनाना है। pic.twitter.com/vSmK8Xgdis
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 16, 2020
प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसके पहले जुलाई में भी फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की थी। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि असम, बिहार और यूपी के कई क्षेत्रों में आई बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त है। लाखों लोगों पर संकट के बादल छाए हुए हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए हम तत्पर हैं। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं से अपील करती हूं कि प्रभावित लोगों की मदद करने का हर संभव प्रयास करें।
असम, बिहार और यूपी के कई क्षेत्रों में आई बाढ़ से जनजीवन अस्त व्यस्त है। लाखों लोगों पर संकट के बादल छाए हुए हैं।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस ट्वीट के साथ दो फोटो भी शेयर किए, लेकिन इनमें से एक तस्वीर 2019 की और दूसरी 2017 की थी। पुरानी तस्वीरें शेयर करने पर लोगों ने ट्विटर पर प्रियंका वाड्रा की क्लास लगा दी।
The images you've used is from 2017 and 2019.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) July 20, 2020
This is what happens when you show Fake Sympathy on Twitter instead of actually helping people. pic.twitter.com/30kKWJqa0C
फेक न्यूज फैलाते पकड़े गए राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी भी हाल ही में फेक न्यूज फैलाते पकड़े गए हैं। फेक न्यूज फैलाने की उनकी ये कोशिश जल्द ही पकड़ में आ गई और उन्हें काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। किसान आंदोलन के भड़काने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की। तस्वीर में एक बुजुर्ग व्यक्ति पर लाठी चार्ज किया जा रहा था। ट्वीट में राहुल ने लिखा, ‘बड़ी ही दुखद फ़ोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज PM मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया। यह बहुत ख़तरनाक है।’
बड़ी ही दुखद फ़ोटो है। हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था लेकिन आज PM मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 28, 2020
यह बहुत ख़तरनाक है। pic.twitter.com/1pArTEECsU
कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी ने इस तस्वीर को शेयर कर लोगों को भड़काने की कोशिश की। लेकिन राहुल की ये कोशिश हमेशा की तरह एक बार फिर नाकाम हो गई। उनकी पोल खुलते ही लोगों ने उन्हें क्लास लगानी शुरू कर दी।
Rahul Gandhi must be the most discredited opposition leader India has seen in a long long time. https://t.co/9wQeNE5xAP pic.twitter.com/b4HjXTHPSx
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 28, 2020
पुरानी भड़काऊ तस्वीरों के जरिए दंगा भड़काने में जुटी कांग्रेस
सत्ता की चाहत में कांग्रेस पार्टी इतना नीचे गिर जाएगी ये किसी ने सोचा भी नहीं होगा। यूथ कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से दो साल पुरानी भड़काऊ फोटो शेयर कर दंगा फैलाने की कोशिश की है।
India can never forgive the party who use old pictures to provoke people of India. #FarmersProtest https://t.co/TqDPwyIarY pic.twitter.com/moBarMjE8Q
— Lä Lä 🇮🇳 (@Lala_The_Don) November 26, 2020
कांग्रेस ने इसके पहले अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो में सात साल पहले साल 2013 का एक फोटो शेयर कर फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की। कांग्रेस ने गंगा नदी की जिस तस्वीर को शेयर कर मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की, वो कांग्रेसी शासनकाल की है। इसका खुलासा होने के बाद कांग्रेसी नेताओं की बोलती बंद हो गई।
भारत समेत पूरा विश्व इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार लोगों को हर प्रकार से मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस समेत दूसरी विपक्षी पार्टियां झूठी और मनगढ़त बातों के जरिए लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रही है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी, लेकिन कांग्रेस के इस बयान को सोशल मीडिया में काफी निंदा झेलनी पड़ी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का यह बयान सिर्फ और सिर्फ आम लोगों को दिगभ्रमित और बरगलाने वाला था। आइए बताते हैं कैसे?
भारतीय रेलवे कर रहा है 85 फीसद खर्च
कांग्रेस द्वारा फैलाई जा रही झूठ की हकीकत ये है कि कोरोना संकट काल में जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए रेलवे 85% और राज्य सरकार सिर्फ 15% खर्चा उठा रही है। प्रवासी मजदूरों से एक भी पैसा नहीं लिया गया। इसके अलावा रेलवे ने यात्रा के दौरान खाना और पानी देने के साथ साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके आधी क्षमता पर ट्रेन चलाया। राज्य सरकरों को सिर्फ बचे हुए 15 प्रतिशत का ही भुगतान करना पड़ा, जो बहुत बड़ी रकम नहीं है। राज्य सरकारों को यह भार महज इस व्यवस्था में दायित्व सुनिश्चित करन के लिए दिया गया।
न्याय योजना कांग्रेस शासित राज्यों में लागू नहीं किया
लोकसभा चुनाव 2019 के पहले कांग्रेस ने न्याय योजना को लेकर खूब प्रचार प्रसार किया लेकिन चुनाव हारने के बाद ही न्याय योजना की बात कांग्रेस यदा कदा ही करती है लेकिन बड़ी बात ये है कि सालभर बीत जाने के बाद भी कांग्रेस शासित पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान लागू नहीं कर पाईं।
डिटेंशन सेंटर को लेकर कांग्रेस ने झूठ बोला
डिटेंशन सेंटर और सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट के मुद्दे पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जो झूठे आरोप लगाए थे, उसका पर्दाफाश हो चुका है। पीआईबी की एक ख़बर से साफ हो जाता है कि कांग्रेस की सरकारों के दौरान डिटेंशन सेंटर बनाए गए थे। इस खबर का पीआईबी ने खंडन किया। 13 दिसंबर, 2011 को पीआईबी द्वारा प्रकाशित की गई एक ख़बर से साफ हो जाता है कि कांग्रेस की सरकारों के दौरान डिटेंशन सेंटर बनाए गए थे। पीआईबी के मुताबिक तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने गोलपुरा, कोकराझाड़ और सिल्चर में डिटेंशन सेंटर बनाए ताकि अवैध घुसपैठियों को प्रत्यर्पण तक वहाँ और रखा जाए। इसके साथ ही इस खबर में ये भी बताया गया था कि कांग्रेस ने नवंबर 2011 तक 362 लोगों को डिटेंशन सेंटर में भेजा था। गोलपुरा में 221, कोकराझाड़ में 79 और सिल्चर के डिटेंशन कैम्प में 62 लोगों को भेजे जाने की खबर थी। इस दौरान 78 लोगों को प्रत्यर्पित किया गया था।
13 जनवरी 2011 को भारत और बांग्लादेश के बीच घुसपैठियों के प्रत्यर्पण को लेकर करार भी हुआ था, इसके साथ ही भारत ने बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया था। वहीं तत्कालीन गृह राज्यमंत्री मुल्लाप्पली रामचंद्रन ने लोकसभा में इसकी लिखित जानकारी भी दी थी। गौरतलब है कि पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर बीजेपी द्वारा जारी किए वीडियो को गलत करार दिया था, वहीं भाजपा की ओर से बताया गया कि NPR की स्कीम कांग्रेस राज में ही शुरू हुई थी तब पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे।
ट्विटर पर शेयर किया प्रधानमंत्री मोदी के मेकअप वाला भ्रामक फोटो
इसके पहले कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चार साल पुराने फोटो को शेयर करते हुए लिखा है कि ‘ऐशो-आराम की जिंदगी में मस्त हैं।’ कांग्रेस ने इस फोटो को अपने वीडियो में इस्तेमाल करते हुए यह कहने की कोशिश की है कि कोरोना संकट काल में प्रधानमंत्री मोदी मजदूर-किसानों की आवाज सुन नहीं रहे हैं और ‘ऐशो-आराम की जिंदगी में मस्त हैं।
Do you know how low can Congress stoop?
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) May 28, 2020
Congress did a post saying PM Modi 'ऐशो-आराम की ज़िंदगी में मस्त हैं'.
The pic used is of Madame Tussauds museum staff recording facial features of PM Modi for wax statue. pic.twitter.com/DzOK3ZWSKk
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की जिस तस्वीर को लगाया है, वह मैडम तुसाद म्यूजियम के लिए मार्च, 2016 में ली गई थी। आप भी देखिए ये वीडियो मार्च 2016 का है। उस समय मैडम तुसाद म्यूजियम के कुछ आर्टिस्ट प्रधानमंत्री मोदी का वैक्स स्टेच्यू बनाने के लिए उनका शारीरिक नाप लेने उनके घर आए थे।
फेक न्यूज फैलाते रंगे हाथ पकड़ी गई कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड राम्या
कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड दिव्या स्पंदना ‘राम्या’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में फेक न्यूज फैलाते रंगे हाथ पकड़ी गई थी। दिव्या स्पंदना ने एक ट्वीट कर लिखा कि, ‘बड़ी मुश्किल से वीडियो ढूंढा है, ये 1998 का इन्टरव्यू है जिसमे साहब खुद कह रहे है हाई स्कूल तक पढा हूँ, लेकिन आज साहब के पास ग्रेजुएशन की डिग्री है जो 1979 मे किया था!!’
बड़ी मुश्किल से विडियो ढूंढा है, ये 1998 का इन्टरव्यू है जिसमे साहब खुद कह रहे है हाई स्कूल तक पढा हूँ, लेकिन आज साहब के पास ग्रेजुएशन की डिग्री है जो 1979 मे किया था !! pic.twitter.com/zr2DLBDv6i
— Divya Spandana/Ramya (@divyaspandana) September 18, 2018
कांग्रेस सोशल मीडिया हेड ने इंटरव्यू को एडिट कर लोगों को गलत जानकारी देकर भरमाने की कोशिश की। दिव्या ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी के सिर्फ हाई स्कूल पास होने का दावा किया, लेकिन अगर आप कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला के साथ प्रधानमंत्री मोदी की पूरी बातचीत देखेंगे तो आपको सच्चाई का पता चलेगा। ओरिजनल वीडियो में प्रधानमंत्री साफ कहते हैं कि बीए और एमए की पढ़ाई एक्सटर्नल एक्जाम (कोरेस्पोंडेस कोर्स) से पूरी की है।
दुष्प्रचार पर उतरी कांग्रेस !अल्ट न्यूज पर लगाई गई इस खबर में आप देख सकते हैं कि एक तस्वीर में राजनाथ सिंह के पैरों में गिरे हुए पुलिस इंस्पेक्टर की तस्वीर है, दूसरी तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है जिसमें मुंबई हमले का मास्टर माइंड आतंकवादी हाफिज सईद से उन्हें हाथ मिलाते हुए दिखाया जा रहा है, लेकिन इन तस्वीरों की सच्चाई जानेंगें तो आप कांग्रेस के कुकृत्यों को भी सही रूप में देख पाएंगे।
फोटो शॉप से बनाई Fake तस्वीरें
इन तस्वीरों की सच्चाई भी जान लीजिए। दरअसल राजनाथ सिंह के पैरों में गिरे पुलिस इंस्पेक्टर की तस्वीर एक फिल्म की है। इसमें एक राजनेता के कदमों में पुलिस इंस्पेक्टर को गिड़गिड़ाते हुए दिखाया गया है। दूसरी तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाफिज सईद से हाथ मिलाते हुए दिखाया गया है, लेकिन वास्तविक तस्वीर 1 जनवरी 2016 की तस्वीर है जब प्रधानमंत्री मोदी लाहौर गए थे तो उन्होंने तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ से हाथ मिलाया था। इन दोनों ही तस्वीरों से फोटो शॉप के जरिये छेड़छाड़ की गई है और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया है।
Fake तस्वीरों का कांग्रेसी कनेक्शन
दोनों ही तस्वीर वायरल करने वालों का नाता कांग्रेस पार्टी से बताया गया। दरअसल तस्वीर पोस्ट करने वालों में से एक आलमगीर रिजवी फ्रेंड्स ऑफ कांग्रेस वेबसाइट के एनआरआई टीम में सोशल मीडिया वोलेंटियर के रूप में लिस्टेड है। जबकि अरशद चिस्ती के ट्विटर प्रोफाइल में कांग्रेस के आइटी सेल का सदस्य बताया गया है। आलमगीर रिजवी को कई बार बताया गया कि ये तस्वीरें नकली हैं, लेकिन उन्होंने इसे नहीं हटाया। अलबत्ता कांग्रेस के प्रवक्ता संजय झा ने इसे रीट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा है, “अगर यह सही तस्वीर है, तो यह बहुत ज्यादा है। समझ से परे, दंग रह गए।”
हालांकि संजय झा ने इस रीट्वीट के लिए क्षमा मांग ली, लेकिन यह साफ हो गया कि आजकल सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों को लेकर कई ऐसी खबरें फैलाई जा रही हैं जो Fake हैं।
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