ओडिशा: मंदिर की मूर्तियाँ तोड़ीं, छत्र भी चोरी.. मिशनरी गतिविधियों के लिए जाना जाता है आंध्र की सीमा से लगा ये गाँव

                                                            भगवान रामेश्वर महादेव मंदिर
दिल्ली से लेकर आंध्रा और ओडिशा तक सुनियोजित साज़िश के तहत हिन्दू मंदिरों पर हो रहे प्रहारों से हिन्दुओं को एकजुट होकर केंद्र एवं राज्य सरकारों को सचेत करने की जरुरत है। यदि मंदिरों की बजाए किसी मस्जिद अथवा कब्र को नुकसान पहुंचा होता सारे गंगा-जमुनी तहजीब राग अलापने वाले गैंग सडकों पर आ चुके होते, लेकिन हिन्दू मंदिरों पर प्रहारों के समय इन सबके घरों में शायद कोई मातम हो रहा है, जिस कारण इनकी बोलती बंद है। 

शनिवार (जनवरी 02, 2021) देर रात ओडिशा के एक मंदिर में देवी सरस्वती, लक्ष्मी की मूर्तियों को कथित तौर पर कुछ अज्ञात उपद्रवियों द्वारा तोड़ दिया गया। यह घटना ओडिशा के दक्षिणी हिस्से में आंध्र प्रदेश की सीमा से लगे रायगढ़ जिला स्थित हुकुमटोला गाँव की है। दावा किया जा रहा है कि यह इलाका मिशनरी गतिविधियों के लिए मशहूर है।

खबरों के मुताबिक, भगवान रामेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी को अगले दिन, रविवार सुबह इस मंदिर के दरवाजे खुले मिले। उन्होंने जब मंदिर में प्रवेश किया उन्होंने मंदिर के वास्तुशिल्प और मूर्तियों के टुकड़े मंदिर परिसर में पाए। इसके बाद पुजारी ने मंदिर प्रबंधन समिति को इस घटना की जानकारी दी। मंदिर प्रबंधन समिति ने यह भी आरोप लगाया है कि मूर्तियाँ तोड़ने वाले उपद्रवियों ने भगवान जगन्नाथ के गहने भी चोरी कर लिए।

इसके बाद, मंदिर प्रबंधन समिति ने इस संबंध में मुनिगुड़ा पुलिस स्टेशन में इस सम्बन्ध में एक लिखित शिकायत दर्ज की। स्थानीय निवासियों और मंदिर प्रबंधन ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की है। बताया जा रहा है कि कुछ शरारती तत्वों ने रामेश्वर शैवपीठ के देवता की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। मंदिर में देवी सरस्वती, महालक्ष्मी और वृंदावती की भी मूर्तियाँ हैं उन्हें भी खंडित कर दिया गया है।

कुछ मूर्तियों को तोड़ दिया गया, किसी को कमर के हिस्से से ही क्षतिग्रस्त कर दिया गया। बताया जा रहा है कि मंदिर से भगवान जगन्नाथ का एक छत्र भी चोरी किया गया। जिसके बाद मंदिर प्रबंधन

समिति के सचिव पुरुषोत्तम जेना ने इसकी शिकायत मुनिगुड़ा थाने में की। हालाँकि, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि रविवार शाम तक भी कथित तौर पर मंदिर परिसर का निरीक्षण नहीं किया गया था। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा सकता है। कुछ ट्विटर यूजर्स ने इसमें मिशनरी लोगों का हाथ होने की सम्भावना भी जताई हैं।

मंदिरों पर लगातार हो रहे हमलों से घिरी आंध्र सरकार : गर्भगृह में घुसे उपद्रवी, भगवान राम की 400 साल पुरानी मूर्ति का सिर धड़ से अलग

एक तरफ आंध प्रदेश की सरकार पर मुस्लिमों और ईसाइयों के तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं, दूसरी तरफ हिंदू मंदिरों पर हमले रुक नहीं रहे। ताजा घटना में प्रदेश के विजयनगरम जिले के नेल्लीमरला मंडल में एक पहाड़ी पर स्थित मंदिर में अज्ञात उपद्रवियों ने भगवान राम की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया।

मूर्ति रामतीर्थम गाँव के पास पहाड़ी की चोटी पर स्थित बोडिकोंडा कोदंडाराम मंदिर में विराजमान थी। कथित तौर पर उपद्रवी ताला तोड़ मंदिर के गर्भगृह में घुसे और और स्वामी कोदंडारामुडु का सिर काटकर अलग कर दिया।

बताया जाता है कि यह मूर्ति 400 साल पुरानी थी। इसके साथ ही मंदिर में माता सीता और लक्ष्मण की भी मूर्तियाँ विराजमान हैं। मुख्य मंदिर पहाड़ी की तलहटी में है। जिस मंदिर में मूर्ति क्षतिग्रस्त की गई वह पहाड़ी की चोटी पर है। एक ही पुजारी दोनों मंदिरों में नियमित अनुष्ठान करते हैं। यह घटना तब सामने आई जब पुजारी मंगलवार (दिसंबर 29, 2020) सुबह मंदिर में नियमित अनुष्ठान करने के लिए पहुँचे। 

मंगलवार की सुबह, पुजारियों को रामतीर्थम में बोडिकोंडा पहाड़ी पर प्राचीन सीता लक्ष्मण कोदंडाराम मंदिर के दरवाजे खुले मिले और गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति का सिर धड़ से अलग दिखा। मंदिर के कर्मचारियों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। बुधवार को क्षतिग्रस्त किए गए हिस्से को पास के तालाब में प्रवाहित कर दिया गया।

जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने बुधवार (दिसंबर 30, 2020) को एक बयान में कहा, “जिस समय अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण चल रहा है, हमारे राज्य में भगवान राम की मूर्ति को नष्ट कर दिया गया है। मूर्ति के सिर को अलग करना एक पागल व्यक्ति का कार्य नहीं हो सकता है। यह धार्मिक उन्मादियों का कृत्य है।”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर लापरवाह है। इसकी वजह से ही यह घटना हुई है। उन्होंने पूछा कि मंदिर पर लगातार हो रहे हमले पर मुख्यमंत्री जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? वे चुप क्यों हैं?

पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुँचकर सबूत इकट्ठे किए और अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें बनाई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जाँच सभी संभावित एंगल से की जा रही है।

TNM से बात करते हुए, जिला पुलिस अधीक्षक (SP) राजा कुमारी ने कहा, “घटना सोमवार को मंदिर के बंद होने के बाद हो सकती है। यह कल (मंगलवार) हमारे संज्ञान में आई। अज्ञात बदमाशों ने भगवान राम की मूर्ति का सिर अलग कर दिया। अभी तक आरोपित का पता नहीं चला है। टीमें मामले पर काम कर रही हैं।”

मूर्ति के क्षतिग्रस्त होने के पीछे के मकसद के बारे में पूछे जाने पर एसपी ने कहा, “यह घटना दुर्घटना की तरह नहीं दिख रही है, बल्कि इरादन किया गया कृत्य जान पड़ता है। हालाँकि, फिलहाल हम इस बारे में निष्कर्ष नहीं निकाल सकते हैं कि इसके पीछे क्या इरादे थे।”

घटना की जानकारी मिलने के बाद टीडीपी के स्थानीय नेता एस.रविशेखर और अन्य लोगों ने मंदिर में जाकर पहाड़ी पर धरना दिया। उन्होंने सरकार से उपद्रवियों पर कार्रवाई करने और मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करने की माँग की। वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष आर.पावनी और अन्य लोगों ने भी मंदिर का दौरा किया और धरना दिया। उन्होंने भी घटना की निंदा की और सरकार से अपराधियों का पता लगाने और मंदिर की सुरक्षा करने की माँग की।

दूसरी तरफ, नेल्लीमारला के विधायक बी.पला नायडू ने मंदिर का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की। रामतीर्थम परिक्षेत्र परिषद के अध्यक्ष श्रीनिवासानंद स्वामी ने भी मंदिर का दौरा किया और कहा कि इसकी अपमानजनक घटना से भक्तों की भावनाएँ आहत हुई है। सरकार को इस मुद्दे पर तेजी से काम करना चाहिए और जनता में विश्वास पैदा करना चाहिए। राज्य के सभी मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।

पिछले कुछ समय से आंध्र प्रदेश में लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएँ सामने आ रही हैं। कहीं मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है, तो कहीं रथों को आग में जलाकर राख किया जा रहा है। 27 सितंबर को चित्तूर जिले में एक शिव मंदिर पर हमला किया गया और मंदिर में स्थित नंदी की प्रतिमा को खंडित कर दिया गया। रिपोर्टों के अनुसार, मंदिर में नंदी की मूर्ति को 26 और 27 सितंबर की रात कुछ बदमाशों ने तोड़ा। मूर्ति के टुकड़े पास रखी कुर्सी पर बिखरे हुए पाए गए थे।

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