मध्य प्रदेश : कमल नाथ ने नाथूराम गोडसे भक्त को किया कांग्रेस में शामिल

नाथूराम गोडसे की पूजा करने वाले पार्षद ने थामा कांग्रेस का दामन (फोटो साभार: News 24)

मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव की सुगबुगाहट अब तेज़ हो चली है। अब ग्वालियर के वार्ड-44 से पार्षद बाबूलाल चौरसिया पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए। चौरसिया हिन्दू महासभा के नेता हैं और महात्मा गाँधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे में विश्वास रखते हैं। जब बाबूलाल चौरसिया ने ग्वालियर में गोडसे की मूर्ति की पूजा कर हिंदू महासभा भवन की स्थापना की थी, तब यही कॉन्ग्रेस इन पर राजद्रोह का मामला चलाने की माँग कर रही थी‌।

ग्वालियर हाल ही में राज्य में कांग्रेस की सरकार गिरा कर भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ माना जाता है, जो फ़िलहाल राज्यसभा सांसद हैं। बाबूलाल चौरसिया नाथूराम गोडसे की प्रतिमा का अभिषेक भी कर चुके हैं और पूजा भी करते रहे हैं। इस मौके पर ग्वालियर दक्षिण से विधायक प्रवीण पाठक और ब्लॉक अध्यक्ष संतोष शर्मा सहित कई अन्य स्थानीय कांग्रेस नेता भी उपस्थित रहे।

गौर करने बात यह नहीं कि गोडसे भक्त कांग्रेस में शामिल हो गया, बल्कि यह है कि महात्मा गाँधी हत्या का केवल तुष्टिकरण पुजारी जनता को पागल बनाकर वोट लेने के लिए इस्तेमाल करते रहते हैं। कोई इनसे यह नहीं पूछता कि 'जब गोली लगने के लगभग 40 मिनट तक गाँधी के जीवित रहते किसी अस्पताल में क्यों नहीं ले जाया गया?'

बाबूलाल चौरसिया पहले भी कांग्रेसी ही हुआ करते थे, लेकिन पिछले निकाय चुनाव में टिकट न मिलने के कारण वो बागी हो गए थे और जीत भी दर्ज की थी। वार्ड-44 से पिछली बार कांग्रेस ने शम्मी शर्मा को टिकट दिया था, जिन्हें हार का मुँह देखना पड़ा था। उन्हें चौरसिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस से पुराने जुड़ाव के कारण उनके पार्टी में आने की अटकलें कई दिनों से लगाई जा रही थीं।

इस मौके पर बाबूलाल ने कहा कि कांग्रेस ही उनकी पार्टी है और युवाओं को इससे जोड़ने के लिए वो पूरी मेहनत करेंगे। नवंबर 2019 में चौरसिया ने गोडसे की तस्वीर की आरती उतार कर माल्यार्पण किया था और उनके अंतिम अदालती बयान को पाठ्यक्रम में शामिल करने की माँग की थी। उन्होंने इस बयान को 1 लाख लोगों तक पहुँचाने का संकल्प लिया था। इसके लिए प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया था।

हिन्दू महासभा ने तब ‘नाथूराम गोडसे का 70वाँ बलिदान दिवस’ नामक कार्यक्रम का आयोजन किया था। तब कांग्रेस पार्टी ने इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए भाजपा पर आरोप लगाए थे। शहर के कांग्रेस कमिटी की आपात बैठक बुला कर विरोध की रणनीति तय की गई थी। दूध, शहद और गंगाजल से हिन्दू महासभा ने गोडसे की प्रतिमा का अभिषेक किया था। आज वही कांग्रेस उनका स्वागत कर रही है।

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