क्या कांग्रेस को डुबोकर ही राहुल गाँधी को चैन पड़ेगा?

मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 चुनावों में कांग्रेस मुक्त भारत का आव्हान किया था, जिसे सार्थक करने में स्वयं कांग्रेस और कांग्रेस के गर्भ से जन्मी आम आदमी पार्टी अंजाम दे रही हैं। गंभीरता से देखने पर मोदी के आव्हान को यही दोनों पार्टियां पूरा करने में अपना योगदान दे रही हैं। दूसरे, जब परिवार भक्त राहुल को अध्यक्ष बनाने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद किए हुए थे, तब योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 'जितनी जल्दी हो अध्यक्ष बनाइए', परिणाम जगज़ाहिर है, शंका की कोई बात ही नहीं। वैसे भी कांग्रेस का पतन सोनिया गाँधी के अध्यक्ष बनने के बाद से ही शुरू हो गया था। 

अब आम आदमी पार्टी और राहुल के बाद रही सही कसर प्रियंका वाड्रा पूरी कर रही हैं। प्रियंका तो राहुल से भी आगे निकल रही है। शनै-शनै हर राज्य में कांग्रेस अपना जनाधार खो रही है, लेकिन परिवार भक्त अभी भी अपनी आंखें नहीं खोल रहे। राहुल क्या बोल रहे हैं, कोई समझाने वाला नहीं। मछुआरा मंत्रालय होते हुए भी कहा रहे हैं, मंत्रालय नहीं, अगर मोदी सरकार ने नहीं भी बनाया तो इतने वर्षों से कांग्रेस क्या कर रही थी?    

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के त्रिवेंद्रम में दिए बयान के ऊपर भाजपा के कई नेता उनसे नाराज हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से लेकर अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ने उन्हें खरी-खरी सुनाई है।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो राहुल को लेकर ये तक कहा है कि वह जहाँ भी कदम रखते हैं, वहाँ पार्टी का बंटाधार होता है।

राहुल गाँधी ने त्रिवेंद्रम में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था, “मैं 15 साल तक उत्तर भारत में सांसद था। मुझे एक अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी। मेरे लिए केरल आना बेहद नया था क्योंकि मुझे अचानक लगा कि यहाँ के लोग मुद्दों में दिलचस्पी रखते हैं और जमीनी तौर पर मुद्दों के विस्तार में जाने वाले हैं।”

इस बयान के बाद अमेठी से वर्तमान सांसद स्मृति ईरानी ने राहुल गाँधी के लिए ‘एहसान फरामोश’ शब्द का इस्तेमाल किया। साथ ही कहा कि इनके बारे में तो दुनिया कहती है- थोथा चना बाजे घना।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा, “सनातन आस्था की तपस्थली केरल से लेकर प्रभु श्री राम की जन्मस्थली उत्तर प्रदेश तक सभी लोग आपको समझ चुके हैं। विभाजनकारी राजनीति आपका राजनीतिक संस्कार है। हम उत्तर या दक्षिण में नहीं, पूरे भारत को माता के स्वरूप में देखते हैं।”

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा लिखते हैं, “कुछ दिन पहले तक यह पूर्वोत्तर में रहकर भारत के पश्चिमी हिस्से के ख़िलाफ़ जहर उगल रहे थे। आज दक्षिण में जाकर उत्तर के ख़िलाफ़ जहर उगल रहे हैं। विभाजनकारी राजनीति काम नहीं करेगी राहुल गाँधी। लोगों ने ऐसी राजनीति करने वालों को नकार दिया है। आज देख लो गुजरात में क्या हुआ।”

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लिखते हैं, “जहाँ-जहाँ पाँव पड़े राहुल गाँधी के, तहाँ-तहाँ कांग्रेस का बंटाधार! राहुल जी ने पहले उत्तर भारत को कांग्रेस मुक्त कर दिया, अब दक्षिण को चले हैं! हमारे और जनता के लिए पूरा देश एक है। कांग्रेस भारत को उत्तर और दक्षिण में बाँटना चाहती है, जनता ऐसे प्रयासों को सफल नहीं होने देगी।”

अवलोकन करें:-

‘मछुआरों के लिए कोई मंत्रालय नहीं’, राहुल गाँधी ने फिर बोला झूठ

NIGAMRAJENDRA.BLOGSPOT.COM
‘मछुआरों के लिए कोई मंत्रालय नहीं’, राहुल गाँधी ने फिर बोला झूठ
मछुआरों के लिए अलग से है मंत्रालय, फिर भी बार-बार झूठ बोल रहे राहुल गाँधी 

राहुल गाँधी को पिछले लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी से करारी शिकस्त मिली थी। वह अमेठी में साल 2004 से सांसद थे मगर, 2019 में ये सीट ईरानी ने उनसे छीन ली। हालाँकि 2019 में ही उन्होंने केरल के वायनाड से चुनाव लड़ा था, जहाँ उन्हें जीत मिली। अब अमेठी हाथ से जाने के बाद वह उत्तर भारत के लिए देश के अलग-अलग कोने में उल जुलूल बाते कर रहे हैं।

No comments: