क्या संसद घेरने वालों पर आगे बढ़ते ही लगाम लगाएगी सरकार ?

जनवरी 26 को जो कुछ हुआ किसान आंदोलन और किसान को बदनाम करने के साथ-साथ देश को भी बहुत बदनाम करने का काम हुआ, पुलिस ने जरुरत से ज्यादा संयम से काम लिया। उसके बावजूद पुलिस को निशाना बनाया। एक तरफ किसान संगठन और इनके समर्थक लाल किला पर उपद्रव करने वालों पर कार्यवाही की मांग कर सरकार और पुलिस को घेर रहे थे और जब कार्यवाही शुरू हुई तो उन्हें किसान बताकर रिहा करने की बात कर रहे हैं। क्या यह दोगलापन नहीं?
  
‘भारतीय किसान यूनियन (BKU)’ नेता राकेश टिकैत ने अब 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली में स्थित संसद भवन को घेरने की धमकी दी है। अब जब दिल्ली की सीमा पर से किसान लौट रहे हैं और किसान नेताओं को मिल रहा समर्थन भी ख़त्म हो गया है, वो बौखला गए हैं। राकेश टिकैत ने मंगलवार (फरवरी 23, 2021) को कहा कि किसान तैयार रहें क्योंकि इस बार 4 लाख नहीं, 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ संसद घरने के आह्वान होगा।

उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहती है कि ऐसा न हो तो उसे तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा। राजस्थान के सीकर में संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कही। उन्होंने कहा, “दिल्ली कान खोल कर सुन ले, किसान भी वही रहेंगे और ट्रैक्टर भी। अबकी संसद का आह्वान होगा। कह कर संसद पर जाएँगे। किसान इंडिया गेट के पास के पार्कों में जुताई करेगा और फसल भी उगाएगा।”

जनता में उमड़ रहे रोष से ये तथाकथित किसान और इनको समर्थन दे रही पार्टियां बिलकुल बेखबर हैं:-

उन्होंने 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा की बात करते हुए इसे किसानों को बदनाम करने की साजिश करार दिया और कहा कि संसद के घेराव के लिए जल्द ही तारीख़ तय की जाएगी। उन्होंने बड़ी-बड़ी कंपनियों के गोदामों को ध्वस्त करने की धमकी देते हुए कहा कि देश के नेताओं को तिरंगे से प्यार नहीं है, किसानों को है। योगेंद्र यादव ने भी सभा को सम्बोधित किया। चूरू जिले के सरदार शहर में भी टिकैत ने जनसभा की।

उधर किसान नेताओं ने दावा किया है कि टिकरी धरने पर दिल्ली पुलिस द्वारा कुछ पोस्टर लगाए गए है जिसमें किसानों को धरना खाली करने की चेतावनी दी गई है। उनका कहना है कि इस तरह के पोस्टर प्रासंगिक नहीं है जहाँ किसान अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे है। दिल्ली की सीमा पर 3 महीने से अधिक समय से किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

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