जैसाकि राजनीतिक गलियारों में शंका व्यक्त की जा रही थी कि 2024 चुनाव से पूर्व कांग्रेस विभाजित हो सकती है, लगता है वह शंका हकीकत में बदलने जा रही है, और इसकी जिम्मेदारी केवल गाँधी परिवार, विशेषकर राहुल गाँधी पर होगी। वैसे प्रियंका वाड्रा भी कम भागीदार नहीं।
कांग्रेस विभाजन की सुगबुगाहट बटला हाउस एनकाउंटर में आतंकियों के मारे जाने पर सोनिया गाँधी के आंसू बहाने के समाचार के चर्चित होते ही शुरुआत हो गयी थी। तब सवाल था कि बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन? और अब वह समय आ गया है। दरअसल राहुल के सिपाह सलाहकार राहुल से विभाजनकारी बयां दिलवाकर कांग्रेस बुद्धिजीवी वर्ग को धरातल में धकेल कर पार्टी को भी पतन की ओर लेकर निकल पड़े हैं।
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सहित चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 26 फरवरी, 2021 को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की तारीखों की घोषणा की। लेकिन कांग्रेस नेताओं और उसके समर्थकों ने चुनाव की तारीखों को लेकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की थी। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और वकील साकेत गोखले ने चुनाव की तारीखों के ऐलान को लेकर टाइम्स ऑप इंडिया की एक खबर का हवाला देते हुए उन्होंने ट्वीट कर चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिया था।
Normally such announcements are made by the Election Commission.
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) February 22, 2021
That’s, of course, when there’s an independent Election Commission.
Did you authorize this statement @SpokespersonECI? Is the Prime Minister privy to information that the other political parties aren’t? https://t.co/iZCWflVbGA
😂🤣😂🤣 I was searching for the same exact article but dint know who had mentioned the poll dates.. Now I realized Didi herself had mentioned 😂😂😂
— Hakuna Matata (@imp_R_Tent) February 22, 2021
Lol the PM was probably guessing poll date announcements to be around March 1st week & look at the co-ordinated Tweet attack!
— Vasudha (@WordsSlay) February 26, 2021
Just a prediction & look how they build some grand conspiracy
FYI it is today (i.e. on 26th Feb) that @ECISVEEP announces the poll dates. Feb, not March https://t.co/3KprAjhIiF pic.twitter.com/UhmvDKbQX1
यह पहला मौका नहीं है, जब साकेत गोखले ने प्रोपेगेंडा के लिए चुनाव आयोग जैसी एक संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया हो। इससे पहले राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में अडंगा लगाने और लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की थी। अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन पर रोक लगाने के लिए साकेत गोखले ने पीआईएल याचिका दायर की थी। साकेत ने कोरोना संकट काल में जारी अनलॉक 2.0 के दिशानिर्देशों के तहत भूमिपूजन पर रोक लगाने की मांग की थी।
यह जानकर हैरानी होगी कि साकेत गोखले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी हैं। साकेत सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के खिलाफ फेक न्यूज फैलाते रहते हैं। फ्री प्रेस जर्नल के अनुसार साकेत बीजेपी के खिलाफ और कांग्रेस के पक्ष में अभियान चलाकर 22 लाख रुपये जुटाए थे।
No comments:
Post a Comment