कमला नेहरू ट्रस्ट: रायबरेली में 5 बीघा जमीन हथियाने का मामला ; कांग्रेस की पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे सहित 12 पर FIR

कहते हैं, जो व्यक्ति जिस भावना का होता है, सामने वाले को भी वैसा ही समझता है, यानि कांग्रेस जिस तरह सत्ता के नशे में जमीनें हथियाने में कुशल थी, उसी तरह नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों को सरकार द्वारा उनकी जमीन हथियाने के नाम पर भड़का दिया। 

कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में कमला नेहरू ट्रस्ट की जमीन से जुड़े मामले में उत्तर प्रदेश की पुलिस ने FIR दर्ज की है। जिला प्रशासन ने ट्रस्ट को जमीन देने में सरकारी अभिलेखों में छेड़छाड़ करने वाले ट्रस्ट के पदाधिकारी, तत्कालीन अधिकारी और कर्मी समेत 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। ADM (वित्त एवं राजस्व) ने शहर कोतवाली में इसकी तहरीर दी थी, जिसके आधार पर मामला दर्ज हुआ।

अब इस मामले में सीधे कांग्रेस के शीर्ष परिवार पर आरोप लग रहे हैं। शहर के सिविल लाइंस स्थित करीब 5 बीघा भूमि कमला नेहरू ट्रस्ट के नाम की गई थी। यह ट्रस्ट प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पत्नी के नाम पर है। उस पर एक महाविद्यालय बनाया जाना था। इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया था। लेकिन, जमीन पड़ी हुई थी और कई लोगों ने यहाँ पर दुकानें खोल ली थीं।

16 दिसंबर 2020 को हाईकोर्ट के आदेश के बाद अवैध अतिक्रमण को जिला प्रशासन ने हटवाया। दीवानी न्यायालय में इस मामले में सुनवाई चल रही थी, लेकिन अब नया ट्विस्ट आ गया हो। ADM प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने इस मामले में कांग्रेस की पूर्व सांसद शीला कौल के बेटे विक्रम कौल, ट्रस्ट के सचिव सुनील देव, तत्कालीन ADM (वित्त एवं राजस्व) मदनपाल पाल आर्य, सब-रजिस्ट्रार घनश्याम, प्रशासनिक अधिकारी विन्धवासिनी प्रसाद, नजूल लिपिक रामकृष्ण श्रीवास्तव और गवाह सुनील तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज कराया।

इन सबके अलावा सरकारी अभिलेखों में छेड़छाड़ के मामले में तत्कालीन तहसीलदार कृष्ण पाल सिंह, प्रभारी कानूनगो प्रदीप श्रीवास्तव, लेखपाल प्रवीण कुमार मिश्रा, नजूल लिपिक छेदीलाल जौहरी समेत अन्य पदाधिकारियों पर FIR दर्ज की गई है। सिटी मजिस्ट्रेट ने जब दस्तावेजों की जाँच की तो कई जगह सफ़ेद रंग लगा था। तत्कालीन DM की अनुमति नहीं ली गई थी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने FIR की कॉपी शेयर करते हुए लिखा, “कांग्रेस और जमीन का गहरा नाता है। जमीन पर काम करने का नहीं, जमीन लूटने का। अमेठी में ‘सम्राट साइकिल के नाम पर गरीबों की जमीन लूटने के बाद अब तैयारी थी सोनिया गाँधी के इलाके रायबरेली में बेशकीमती जमीन हथियाने की। लेकिन, योगीराज में दाल ना गली, उल्टे कमला नेहरू ट्रस्ट पर ही हो गई संगीन FIR।”

दिसंबर 2020 में कमला नेहरू ट्रस्ट के नाम से दर्ज जमीन विवाद मामले को लेकर जिला प्रशासन ने अवैध रूप से कब्जा जमाए लोगों की दुकानों और मकान पर बुलडोजर चलवाया था। कमला नेहरू ट्रस्ट चालीस साल पहले एक शैक्षिक समाज, स्कूल और अस्पताल बनाने के उद्देश्य से बनाया गया था। कमला नेहरू एजुकेशनल सोसायटी की स्थापना 1976 में रायबरेली के सिविल लाइंस इलाके में सिधौली के रहने वाले कैलाश चंद्र द्वारा की गई थी।

No comments: