पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2 मार्च 2021 को बंगाल के मालदा में रैली की। इस दौरान ‘जय-जय श्री राम’ के नारों से पूरा कार्यक्रम स्थल गूँज रहा था।
योगी ने कहा कि कभी देश को नेतृत्व देने वाला बंगाल आज बदहाल है। सत्ता के संरक्षण में अपराध और आतंकवाद देश की सुरक्षा के लिए चुनौती बन गई है। उन्होंने कहा कि बंगाल शक्ति की पूजा के लिए जाना जाता है। लेकिन अब यहाँ दुर्गा पूजा पर पाबंदी लगाई जाती है। गोवंश की हत्या होती है। राम का नाम नहीं लेने दिया जाता है।
Durga puja gets prohibited in Bengal today, cow slaughter is forcefully started during Eid. People's sentiments are toyed with through cow smuggling. The state government remains silent. Now it's attempted to ban slogan of 'Jai Sri Ram' & attacks are executed: UP CM in Malda, WB pic.twitter.com/7MJ0bAI5Jq
— ANI (@ANI) March 2, 2021
उन्होंने कहा, “आज बंगाल में सत्ता प्रायोजित अपराध और आतंकवाद न केवल यहाँ की सुरक्षा के सामने संकट खड़ा कर रहा है, बल्कि देश की सुरक्षा को भी चुनौती देता दिखाई देता है। आज बंगाल में दुर्गापूजा पर प्रतिबंध लगाया जाता है। ईद में जबर्दस्ती गौ हत्याएँ कराई जाती हैं।”
इससे पूर्व जनवरी 6, 2021 को कोलकाता हाई कोर्ट ने अंधाधुंध हो रही गौ-हत्या पर नगर निगम को बंद करने का निर्देश दे चुकी है। (नीचे पढ़िए रपट)
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बंगाल में जय श्रीराम का नारा लगाने से रोका जाता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामभक्तों पर गोली चलवाने वालों का हाल सबने देखा है। बंगाल में भी जो राम द्रोही हैं, उनका कोई काम नहीं है।
बंगाल परिवर्तन का वाहक रहा है, आज बंगाल में परिवर्तन की बेला है...मालदा से लाइव जुड़िये... https://t.co/RdtZgttMCj
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 2, 2021
सीएए के विरोध की आड़ में हुई हिंसा को लेकर भी उन्होंने बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस और उसकी मुखिया ममता बनर्जी को घेरा। उन्होंने सीएए लागू होने के बाद बंगाल में हुई हिंसा को सत्ता प्रायोजित करार दिया। उन्होंने कहा कि बंगाल की सरकार घुसपैठियों के साथ खड़ी है। उसे राज्य की जनता से कोई मतलब नहीं है।
आयुष्मान भारत सहित अन्य केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं करने के लिए भी योगी ने ममता सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बंगाल में लव जिहाद को अंजाम दिया जा रहा है, लेकिन यहाँ की सरकार इसे रोक नहीं पा रही।
उन्होंने कहा, “जब बंगाल में अराजकता और बदहाली दिखाई देती हैं तो पूरे देश को पीड़ा होती है। आज बंगाल में गरीबी और बदहाली है। बंगाल में केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को लागू नहीं होने दिया जाता है।”
रैली से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा था, “नमस्कार बंगाल…। सनातन संस्कृति की जागृत धरा पर आज आप सभी के बीच उपस्थित होने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हो रहा है। ‘वंदे मातरम्’ के अमर उद्घोष से सम्पूर्ण देश की राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने वाली वीर भूमि को मेरा नमन। जय श्री राम।”
गाय और अन्य पशुओं की अंधाधुंध हत्या बंद हो: कोलकाता नगर निगम को हाई कोर्ट का निर्देश
गाय सहित अन्य पशुओं की हत्या और उनके मांस की बिक्री पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। हाई कोर्ट ने कोलकाता नगर निगम को मवेशियों की गैर कानूनी तरीके से हत्या और मांस बिक्री को रोकने के लिए उपायों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस थोथाथिल बी. राधाकृष्णन और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने ये निर्देश दिए। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार हाईकोर्ट ने निगम अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे गाय सहित अन्य मवेशियों को अनधिकृत या अनियंत्रित तरीके से काटने और इसके बाद मांस की बिक्री करने वालों पर कार्रवाई करे।
इसके लिए खंडपीठ ने उन उपायों को सख्ती से लागू करने को कहा है जिनका जिक्र निगम ने अदालत के समक्ष दायर शपथ-पत्र में किया है। 6 जनवरी 2021 को अदालत ने इस सबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश निगम के आयुक्त को दिया था।
जनहित याचिका में कहा गया था कि बकरीद व अन्य मौकों पर कानूनों का पालन किए बगैर बड़े पैमाने पर गाय सहित अन्य मवेशियों को काटा जाता है। हलफनामा दायर करते हुए निगम ने अदालत को विस्तार से बताया कि वह ऐसी स्थिति में क्या कार्रवाई कर रहा है और इस स्थिति से कैसे निपटेगा।
इसके मुताबिक बकरीद जैसे मौकों पर पशुओं की कुर्बानी के लिए निगम स्थान तय करेगा और संचार के विभिन्न माध्यमों के जरिए एक महीने पहले इसके बारे में लोगों को सूचित किया जाएगा। नगर निगम के पास 5 बूचड़खाने हैं। इनके अलावा किसी अन्य जगह की बूचड़खाने के तौर पर इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी। कसाई, मछली और मांस का व्यापार बगैर लाइसेंस के करने की अनुमति नहीं होगी।
चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि यदि निगम हलफनामे में बताए गए उपायों को सख्ती से लागू करता है तो मवेशियों को काटने की बेलगाम प्रवृत्ति बंद हो जाएगी। ऐसा नहीं होने पर अदालत ने निगम के अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की बात भी कही।
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