केजरीवाल को मोदी के विकल्प के रूप में देख रहे हैं लोग : मनीष सिसोदिया

ऊंट अपने आपको हमेशा सबसे बड़ा समझता है, वही स्थिति आम आदमी पार्टी की है, जिसे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अरविन्द केजरीवाल की तुलना नरेंद्र मोदी से करके सिद्ध कर दी। बड़बोले मनीष को शायद नहीं मालूम की मोदी कभी यू-टर्न नहीं लेते, जबकि केजरीवाल पता नहीं बार यू-टर्न ले चुके हैं; दूसरे, केजरीवाल अराजकताओं का समर्थन करते हैं, जबकि मोदी ऐसे तत्वों को बख्शते नहीं; तीसरे, जिन कृषि सुधारों को लाने का पिछले पंजाब चुनावों में आम आदमी पार्टी के घोषणा-पत्र में उल्लेख था, उसी को मोदी द्वारा कानून का रूप देते ही, सबसे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने लागु किया, लेकिन आंदोलन होते देख आन्दोलनजीवी ने तुरंत यू-टर्न ले, आंदोलन को समर्थन देना शुरू कर दिया। 

अगर जनता केजरीवाल में मोदी का विकल्प देख रही होती, 2014 में पंजाब से लोकसभा की 4 सीटें 2019 में मात्र एक नहीं रह जाती। इतना ही नहीं, आम आदमी पार्टी ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसके 96+ प्रतिशत उम्मीदवारों की जमानत जब्त होती है। अभी गुजरात में हुए चुनावों में 500+ उम्मीदवारों में से लगभग 492 उम्मीदवारों की जमानत जब्त। 2014 और 2019 लोक सभा चुनावों में कितने उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी, यह भी आंकड़ा देकर मोदी का विकल्प बताते, तब अधिक अच्छा लगता। इतना ही नहीं, हैदराबाद में हुए निकाय चुनावों में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आज़ाद उम्मीदवार की हैसियत से लड़े। कोई आप समर्थित आज़ाद उम्मीदवार भिन्न-भिन्न चिन्हों पर मैदान में थे। दिल्ली की तरह कोई मुफ्त की रेवड़ियां नहीं खाने के चक्कर में फंसता।     

लोकसभा के बाद राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, (GNCTD) बिल 2021, पास होने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। 

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस विधेयक के पास होने से पता चलता है कि भाजपा सरकार सीएम अरविंद केजरीवाल और उनके कामों से कितना असुरक्षित महसूस कर रही है। लोग इस बात को कहने लगे हैं कि अरविंद केजरीवाल, मोदी के विकल्प हो सकते हैं। ये बिल मुख्यमंत्री केजरीवाल को आगे बढ़ने से रोकने के लिए लाया गया है।

मनीष सिसोदिया ने कहा, “पीएम मोदी आज नकारात्मक राजनीति में उतर आए हैं। तो उन्हें राजनीतिक जवाब मिलेगा। हम अपने कानूनी विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं और हमारे विकल्प तलाश रहे हैं। सीएम केजरीवाल एक योद्धा हैं, पिछले 6 वर्षों में उनकी कोशिशों के बावजूद उन्होंने अपने सभी वादे पूरे किए जिनका मेनिफेस्टो में उल्लेख था।”

केंद्र सरकार ने GNCTD विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से पारित करवा लिया है। ये नया बिल एजली को विशेष शक्ति देने वाला विधेयक है। विधेयक में यह स्पष्ट किया गया है कि दिल्ली में सरकार का मतलब उप राज्यपाल है। इसके पास होने पर आम आदमी पार्टी के नेता जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे सीएम की शक्तियाँ कम हो जाएँगी। राज्यसभा में विधेयक पेश होने के वक्त भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने भी इस दौरान भाजपा सरकार पर सवाल उठाए।

सुशील गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की जनता ने धर्म और जाति की राजनीति को फेल करके अरविंद केजरीवाल के विकास के मॉडल को तवज्जो दी है। आज दिल्ली का विकास मॉडल जिस तरीके से पूरे देश में फैल रहा है। अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता से घबराकर मोदी जी ने इस सवाल का जवाब संसद में खुद दे दिया।

आगे आप नेता सुशील ने भी PM मोदी का विकल्प अरविंद केजरीवाल को बताया और कहा कि दिल्ली मॉडल को रोकने के लिए यह बिल पास किया गया है। उनके अनुसार, आदमी जिस से डरता है, उसका रास्ता रोकता है। दिल्ली में किस तरीके से विकास हुआ, उस विकास को पसंद कर अब देश के अन्य राज्य भी अरविंद केजरीवाल की तरफ बढ़ रहे हैं।

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