ब्रैंप्टन : तिरंगे पर थूका, कहा- पेशाब पीओ; मोदी के लिए भी आपत्तिजनक बात

             खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह के साथ जोधवीर धालीवाल (घेरे में) और उसकी पत्नी मनजोत धालीवाल 

                                                                                                                 (साभार: REACH)
प्रवासी भारतीयों ने ब्रैम्प्टन (Brampton) में भारत-कनाडाई संबंधों के मद्देनजर सोमवार को तिरंगा और मैपल कार रैली का आयोजन किया। रैली में 100 से ज्यादा कारें भारत और कनाडा के ध्वज के साथ शामिल थीं। यह खुशनुमा माहौल तब बिगड़ गया जब कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने रैली में शामिल लोगों से गाली-गलौच की। भारत की वाहवाही देख ट्रैफिक जाम कर रैली में शामिल लोगों को प्रताड़ित किया।

इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। इसमें खालिस्तानी समर्थक भारत के समर्थन में रैली करने वालों को तंग कर रहे हैं, उन्हें परेशान कर रहे हैं और तिरंगे का अपमान करते हुए कह रहे हैं कि जाकर वे पेशाब पिएँ।

एक वीडियो में देख सकते हैं कि खालिस्तानी जोर से भारतीय समर्थक को धक्का देता है और वीडियो बनाने वाला कहता है कि वह जाकर पेशाब (मूत) पिए। धक्का देने के बाद खालिस्तानी समर्थक पूछता है अब तो खुश है? जाकर पेशाब पी, पेशाब तुझे ताकतवर नहीं बनाएगा %^$।

एक अन्य वीडियो में खालिस्तानी गुंडे शांतिपूर्ण रैली में न केवल भारतीयों के लिए अपमानजनक शब्द बोल रहे हैं बल्कि नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ भी आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। इस वीडियो को REACH नाम के अकाउंट ने शेयर किया है, जिसमें दर्शाया कि कैसे हिंदू, कनाडाई सांसद व खालिस्तानी समर्थक जगमीत सिंह के क्षेत्र में रहते हैं। वीडियो में देख सकते हैं कि भारतीयों को गालियाँ, धमकियाँ खुलेआम मिल रही हैं।

इस हमले को लेकर कहा जा रहा है कि इसे एनडीपी नेता व खालिस्तानी समर्थक जगमीत सिंह के करीबियों ने करवाया है। ऐसा क्यों? दरअसल, इस पूरी घटना के पीछे मास्टरमाइंड का नाम जोधवीर धालीवाल है। धालीवाल कोई और नहीं बल्कि जगमीत सिंह का रिश्तेदार है। सिंह की पत्नी की बहन का पति यानी उसका साढू है।

                                                   जरनैल सिंह के टैटू के साथ जोधवीर (साभार: REACH)
REACH के अनुसार, जोधवीर भी खालिस्तानी समर्थक है जो अक्सर जरनैल सिंह भिंडरावाले का महिमामंडन करता रहता है। एक तस्वीर में उसका जरनैल सिंह के प्रति प्रेम देख सकते हैं कि उसने खालिस्तानी आतंकी का टैटू अपने हाथ में बनवाया हुआ है।

रीच के अनुसार, भारतीयों पर हुए हमले के पीछे धालीवाल का सबसे बड़ा हाथ था। जगमीत सिंह के समर्थकों ने उसका पूरा पूरा साथ दिया। एक वीडियो है जिसमें जोधवीर को भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे पर थूकते देखा जा सकता है। वीडियो में उसकी पत्नी मंजोत भी तिरंगे को गाली दे रही है। साथ ही पीएम मोदी को भी उलटा-सीधा कह रही है।

REACH के मुताबिक वीडियो में नजर आया कार नंबर बताता है कि कार धालीवाल की ही थी। इसके अलावा धालीवाल वीडियो में लोगों पर हमला करता भी दिख रहा है। भारतीय समर्थक को धक्का देकर गिराते उसे वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है।

इन सभी सबूतों से ये बात साफ है कि जगमीत सिंह के समर्थकों ने ब्रैम्प्टन में हुई रैली में हिंसा फैलाई। भारतीयों और तिरंगे को अपमानित किया। ये सब तब हुआ जब कई भारतीय मिल कर कनाडा में जगमीत सिंह का विरोध कर रहे हैं, उस पर इल्जाम लगा रहे हैं कि वह कनाडा के लोगों को भड़का रहा है।

जगमीत सिंह ने फैलाई रैली में हिंसा?

पिछले हफ्ते की बात करें तो कई भारतीयों ने जगमीत सिंह के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि किसान आंदोलन के कारण खालिस्तानी उन्हें निशाना बना रहे हैं। विरोध-प्रदर्शन के दौरान सबके हाथों में कनाडाई झंडा था और वह समुदायों में नफरत फ़ैलाने का विरोध कर रहे थे।
भारत में चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर कनाडा में सिखों को भड़काने का काम हो रहा है। जगमीत सिंह खुद इस मुद्दे में घुस-घुस कर भारतीय सरकार के ख़िलाफ़ वैश्विक प्रोपेगेंडा चलाने का काम कर रहा है। उस पर न केवल भारत में चल रहे किसान आंदोलन को फंड करने का इल्जाम है, बल्कि उसे लेकर ये भी कहा जा रहा है कि उसी के कारण रिहाना ने भारत विरोधी ट्वीट किया।
अब संभव है कि अपने ख़िलाफ़ उठ रही आवाजों के विरोध में जगमीत सिंह ने ब्रैम्प्टन में हुई रैली पर भारतीयों के ऊपर हमला करवाया हो, क्योंकि कई NRI लंबे समय से उसके कार्यालय के बाहर खड़े होकर उसका विरोध करते रहे हैं।

कौन है जगमीत सिंह?

जगमीत सिंह को जिम्मी धालीवाल के नाम से भी जाना जाता है। भारत से कनाडा में जाकर बसने वाले इस खालिस्तानी समर्थक का जन्म 1979 में हुआ था। वहाँ वकालत के बाद इसने राजनीति शुरू की। साल 2017 में नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ा। 2019 में इसे वहाँ का सांसद चुना गया। 
जगदीप को उसकी खालिस्तानी विचारधारा के कारण पहचाना जाता है। वह अक्सर भारत के विरोध में और खालिस्तान के समर्थन में आवाज उठाता रहता है। साल 2014 में भारत सरकार ने उसे वीजा देने से मना किया था। भारत सरकार का कहना था कि वह अपने मानवाधिकारों का इस्तेमाल अपना एजेंडा चलाने के लिए करता है। जगदीप सिंह पहला ऐसा पश्चिमी सांसद है, जिसे देश में आने से रोका गया। इसके बाद साल 2015 में एनडीपी सदस्य ने सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तान रैली की थी, जिसमें जरनैल सिंह के पोस्टर दिखे थे। साल 2016 में जगमीत सिंह ने खालिस्तानी समर्थन में सेमिनार में भाग लिया था।

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