केजरीवाल 7 प्लांट के रूपए कहां है? केंद्र सरकार द्वारा 8 PSA ऑक्सीजन प्लांट का फंड देने के बाद भी केजरीवाल सरकार ने मात्र 1 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हो रही मीटिंग को सार्वजनिक कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपनी मूर्खता का परिचय देकर साबित कर दिया कि दिल्ली वालों ने मुफ्त के चक्कर में कैसे झूठे आदमी को अपना मुख्यमंत्री बना दिया। हमेशा अपनी नाकामियों को मोदी सरकार पर थोपने वाले ने स्वयं ही साबित कर दिया कि उसे या उसकी पार्टी को जनहित नहीं बल्कि अपनी तिजोरियों की चिंता है। 

जिस मुख्यमंत्री को यह भी नहीं मालूम कि जिस काम के लिए वह बोल रहे हैं, वही एयर फ़ोर्स और रेलवे पहले ही से कर रहे हैं। क्या ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बने रहने का हक़ है? आखिर कब तक झूठ बोल और मुफ्त की रेवड़ियों के दम पर राज करते रहोगे? यह मुख्यमंत्री केवल विज्ञापनों के माध्यम से जनता को मुर्ख बनाने का काम कर रहा है, वह धन जनहित के लिए जारी हुए धन का अधिकांश भाग है। 

रंगे हाथ पकडे गए केजरीवाल 

देश में न तो कोरोना की दूसरी लहर आने की कोई चेतावनी थी और न ही इतनी अधिक ऑक्सीजन की मांग बढ़ने की संभावना थी। फिर भी केंद्र की मोदी सरकार सजग थी। पूरे देश में ऑक्सीजन की समस्या से निजात दिलाने के लिए पहल की, लेकिन केजरीवाल जैसे असफल मुख्यमंत्रियों की घटिया राजनीति की वजह से आज जनता ऑक्सीजन के लिए संघर्ष कर रही है।  

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लापरवाही का खामियाजा आज दिल्ली की जनता भुगत रही है। दिल्ली में जो ऑक्सीजन संकट है, वो केजरीवाल की लापरवाही और राजनीति की वजह से उत्पन्न हुआ है। कोरोना की पहली लहर से सबक लेते हुए मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार को 8 ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए पीएम केयर्स फंड से पैसे जारिए किए थे, लेकिन केजरीवाल सिर्फ एक ही प्लांट लगा पाये। आज अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ कर महामारी पर राजनीति करने में लगे हैं। 

केजरीवाल की इस नाकामी का खुलासा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में किया। मंत्रालय ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड से दिसंबर 2020 में ही केजरीवाल सरकार को ऑक्सीजन के लिए राशि मुहैया कराई थी। केंद्र सरकार द्वारा यह राशि दिल्ली में 8 PSA (Pressure Swing Absorption) ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए दी गई थी लेकिन केजरीवाल सरकार ने अब तक मात्र एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया है।  

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले पर केजरीवाल सरकार को जमकर फटकार लगाई और कहा कि सरकार के कुप्रशासन और अक्षमता के कारण आज राजधानी में ऑक्सीजन का संकट उत्पन्न हुआ है। कोर्ट ने सरकार से यह सवाल भी किया कि केंद्र सरकार द्वारा फंड दिए जाने के बाद भी केजरीवाल सरकार अब तक मात्र एक PSA ऑक्सीजन प्लांट क्यों स्थापित कर पाई है? 

केंद्र सरकार के अधिकारी निपुण विनायक के मुताबिक दिल्ली में सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल और वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफ़दरगंज अस्पताल में अभी तक PSA ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना हेतु साइट क्लियरेन्स नहीं दिया गया है। दो अस्पतालों में साइट क्लियरेन्स का काम पूरा हो गया है जहां 30 अप्रैल तक ऑक्सीजन संयंत्र के उपकरण स्थापित कर दिए जाएँगे। कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य के बाकी अस्पताल भी केंद्र की योजनाओं के साथ सामंजस्य बैठाकर कार्य करें।

23 अप्रैल 2021 को हुई बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह कुछ राज्यों से बात करें और दिल्ली की ऑक्सीजन की समस्या हल करवाएँ।


हालाँकि, अरविंद केजरीवाल की आपदा में भी राजनीति करने की प्रवृत्ति के बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड से दिसंबर 2020 में ही केजरीवाल सरकार को ऑक्सीजन के लिए राशि मुहैया कराई थी। केंद्र सरकार द्वारा यह राशि दिल्ली में 8 PSA (Pressure Swing Absorption) ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए दी गई थी लेकिन केजरीवाल सरकार ने अब तक मात्र एक ऐसा ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले पर केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है और कहा है कि सरकार के कुप्रशासन और अक्षमता के कारण आज राजधानी में ऑक्सीजन का संकट उत्पन्न हुआ है। न्यायालय ने सरकार से यह प्रश्न भी किया है कि केंद्र सरकार द्वारा फंड दिए जाने के बाद भी केजरीवाल सरकार अब तक मात्र एक PSA ऑक्सीजन प्लांट क्यों स्थापित कर पाई है?

उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार के अधिकारी निपुण विनायक ने बताया कि दिल्ली में सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल और वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफ़दरगंज अस्पताल में अभी तक PSA ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना हेतु साइट क्लियरेन्स नहीं दिया गया है। दो अस्पतालों में साइट क्लियरेन्स का काम पूरा हो गया है जहाँ 30 अप्रैल तक ऑक्सीजन संयंत्र के उपकरण स्थापित कर दिए जाएँगे।

                                                   दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का एक भाग
न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि राज्य के बाकी अस्पताल भी केंद्र की योजनाओं के साथ सामंजस्य बैठाकर कार्य करें और अगली सुनवाई में इसकी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपी जाए। न्यायालय ने यह भी कहा है कि केंद्र सरकार को प्रतिदिन के हिसाब से ऑक्सीजन आपूर्ति की स्थिति का आकलन करना चाहिए जिससे बेहतर तरीके से ऑक्सीजन की समस्या को सुलझाया जा सके। 

पटपड़गंज का मैक्स अस्पताल ऑक्सीजन की भारी कमी को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय पहुँच गया था जिस पर न्यायालय ने तत्काल सुनवाई की थी। न्यायालय ने केंद्र को कहा था कि चाहे भीख माँगनी पड़े या चोरी करनी पड़ जाए लेकिन चिकित्सा उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जानी चाहिए। न्यायालय ने यह भी कहा था कि यदि उद्योगों से ऑक्सीजन खरीदने से वो उद्योग बंद होते हैं तो उन्हें बंद हो जाने दीजिए लेकिन लोगों की जान ज्यादा कीमती है। 

प्रधानमंत्री के साथ बैठक में केजरीवाल का झूठ 

एक ओर जहाँ दिल्ली के अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से लगातार जूझ रहे हैं और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ऑक्सीजन की कमी का रोना रो रहे हैं, वहाँ यह खबर आ रही है कि शुक्रवार की बैठक से पहले उन्होंने केंद्र से कभी ऑक्सीजन के मसले पर बात ही नहीं की। प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में केजरीवाल ने भारतीय रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस का मुद्दा उठाया लेकिन भारतीय रेलवे ने भी यह बयान जारी किया है कि दिल्ली सरकार ने फिलहाल इस मुद्दे पर उनसे कोई भी चर्चा नहीं की है। 

रेलवे के द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि महाराष्ट्र की सरकार ने 15 अप्रैल को रेल मंत्रालय से रेल के द्वारा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के परिवहन की संभावनाओं पर चर्चा की थी जिस पर विचार करते हुए रेलवे ने एक विस्तृत प्लान तैयार किया और 19 अप्रैल को पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस विशाखापट्टनम से मुंबई के लिए रवाना हुई।

ऑक्सीजन के टैंकरों को उतारने और चढ़ाने के लिए रेलवे ने मात्र 24 घंटों में रैम्प का निर्माण करवाया। ऑक्सीजन एक्सप्रेस के इस सफल परिचालन के बाद अन्य राज्यों ने भी ऑक्सीजन एक्सप्रेस के द्वारा ऑक्सीजन के परिवहन में रुचि दिखाई है जिनमें आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश शामिल है लेकिन रेलवे ने दिल्ली के द्वारा ऐसी किसी भी माँग की जानकारी नहीं दी है।

1 comment:

Gk Gyan India said...

केजरीवाल एक नंबर का धूर्त व्यक्ति है ।
जो व्यक्ति जिला परिषद का मेंबर बनने के लायक भी नहीं दिल्ली की जनता ने उसे मुख्यमंत्री बना दिया