फरीदाबाद: ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी में कांग्रेस नेता 50 सिलेंडर के साथ गिरफ्तार

                                  ऑक्सीजन की कालाबाजारी में कांग्रेस नेता गिरफ्तार (साभार: दैनिक भास्कर)
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। इस बीच फरीदाबाद पुलिस ने ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी के मामले में कांग्रेस नेता बिजेन्द्र मावी को गिरफ्तार किया है। फरीदाबाद के इंदिरा कॉम्प्लेक्स कॉलोनी स्थित उसके घर से 50 सिलेंडर बरामद किए गए हैं। आपदा प्रबंधन अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 

पुलिस को सूचना मिली थी कि मावी ने अपनी गाड़ी में ऑक्सीजन सिलेंडर छिपा रखे हैं। खबरों के मुताबिक, खेड़ीपुल पुलिस फरीदाबाद के तिगांव रोड पर गश्त कर रही थी। इसी दौरान उन्हें मुखबिर से ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी में कांग्रेस नेता के शामिल होने की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी की। इस दौरान ड्रग कंट्रोल ऑफिसर संदीप गहलान भी मौजूद थे।

कांग्रेस नेता के वाहन की जाँच के दौरान पुलिस ने 42 खाली और 8 भरे सिलेंडर बरामद किए। पुलिस ने मावी से लाइसेंस माँगा, लेकिन आरोपित वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाया। इसके बाद पुलिस ने आरोपित को हिरासत में ले 50 ऑक्सीजन सिलेंडर जब्त कर लिए।

पूछताछ के दौरान कांग्रेस नेता ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। आरोपित ने बताया कि वह इससे पहले एक ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी में काम करता था। कोरोना के कारण जब विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई में कमी आई तो उसने खुद से ही निजी अस्पताल को सिलेंडर की आपूर्ति शुरू कर दी। आरोपित ने फरीदाबाद के विभिन्न डीलरों से इन सिलेंडरों की खरीद की और उन्हें निजी अस्पतालों में सप्लाई किया।

आरोपित ने कबूल किया कि जब वह अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करता था तो वह हर सिलेंडर से कुछ गैस निकाल लेता था और खाली सिलेंडरों को भरकर बेच देता था। मामले की जाँच कर रही फरीदाबाद पुलिस ने जानकारी दी है कि आरोपित कांग्रेस नेता को कोर्ट में पेश किया जाएगा और उसके रिमांड की माँग की जाएगी।

रेमडेसिविर के बाद मौजूदा COVID संकट का लाभ लेने के लिए लोग मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर, कॉन्सेन्ट्रेटर और फ्लोमीटर की कालाबाजारी कर रहे हैं। हाल में ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर और मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी के कई मामले सामने आए हैं। इस गोरखधंधे को रोकने के लिए कई राज्यों ने कड़े कदम भी उठाए हैं।

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