ABP ने कांग्रेस की शर्त क्यों मानी? फ्री स्पीच पर एक बार फिर सामने आया कांग्रेस का दोहरा रवैया, शहजाद को डिबेट में आने से रोका

क्या मीडिया अभी भी कांग्रेस के इशारे पर ही नाचती है? यदि नहीं, फिर किस कारण से ABP चैनल को कांग्रेस के दबाव के आगे झुकना पड़ा? क्या चैनल कांग्रेस स्पोंसर समाचार प्रसारित करता है? चैनल कांग्रेस के दबाव में आकर इस बात को इस बात को भी साबित कर दिया कि टीवी पर होने वाली चर्चाएं सिर्फ अपनी TRP के लिए की जाती हैं। अन्यथा वह क्या कारण थे कि चैनल को शहज़ाद पुणेवाला को चर्चा में आने से रोका? 
कहते हैं, इतिहास लिखा नहीं जाता दोहराया जाता है, जिसे कांग्रेस के आगे घुटने टेक कर ABP चैनल ने सिद्ध कर दिया। जितने भी वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विद्वान जानते होंगे कि जब राहुल के दादा फिरोज जहांगीर संसद में बोलने के लिए खड़े होते थे, जवाहर लाल नेहरू के पसीने छूटने लगते थे। लगभग वही स्थिति मई 21 को ABP चैनल पर कांग्रेस द्वारा शहज़ाद को रोक दोहरायी गयी है। अंतर केवल इतना उन दिनों फिरोज को रोकने वाला कोई नहीं था। जो काम जवाहर लाल नहीं कर पाए, नातियों ने कर दिया। काश! उनके पोता-पोती यानि राहुल और प्रियंका अपने दादा की मजार पर जाकर सजदा कर, उनका आशीर्वाद लेते।  
फ्री स्पीच पर एक बार फिर कांग्रेस का दोहरा रवैया सामने आया है। शहजाद पूनावाला को एबीपी न्यूज पर डिबेट में आने से रोक दिया गया है। शहजाद को एबीबी न्यूज चैनल पर टूलकिट विवाद पर होने वाली चर्चा में आमंत्रित किया गया था। लेकिन ऐन टाइम पर यह कहकर चर्चा में भाग लेने से रोक दिया गया कि कांग्रेस नेता नहीं चाहते कि आप डिबेट में हिस्सा लें। इसके बाद शहजाद पूनावाला ने ट्विटर पर एबीपी न्यूज चैनल के साथ हुई बातचीत के ऑडियो को शेयर कर दिया।

एबीपी चैनल द्वारा शहज़ाद को कांग्रेस के दबाव में चर्चा में भाग लेने से रोकने पर लोगों की प्रक्रियाएं तो सामने आ ही रही हैं, लेकिन यह भी सिद्ध हो रहा है कि सत्ता में न होते हुए भी कांग्रेस ने किस तरह मीडिया को अपनी मुट्ठी में कर रखा है। यह उन लोगों को करारा जवाब है, जो कहते हैं, "मोदी ने मीडिया को खरीद लिया है", दूसरे एबीपी चैनल ने भी सिद्ध कर दिया है कि सच्चाई के उजागर होने के डर से कांग्रेस ने चैनल को खरीद लिया है। मीडिया जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है, अन्य चैनलों की भांति ABP ने साबित कर दिया कि 'वही समाचार प्रसारित होंगे, जिसे कांग्रेस चाहेगी। देखिए ट्विटर पर लोगों की प्रक्रियाएं :

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शहजाद पूनावाला कांग्रेस के नेता रह चुके हैं। शहजाद पूनावाला कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति राबर्ट वाड्रा के बहनोई तहसीन पूनावाला के भाई हैं। साल 2017 में तत्कालीन कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला से ये कहकर तहलका मजा दिया था कि पार्टी में इलेक्शन नहीं सिलेक्शन होता है। उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस में निष्पक्ष चुनाव होता है तो वह भी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद शहजाद और तहसीन के संबंधों में दरार आ गई।

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