डॉ देवी शेट्टी ने राजदीप को समझा दिया स्वास्थ्य सिस्टम के इतिहास से ऑक्सीजन सप्लाई के भूगोल तक

                       डॉक्टर देवी शेट्टी ने राजदीप सरदेसाई की लगाईं क्लास (फोटो साभार: इंडिया टुडे स्क्रीनग्रैब)
प्रोपेगंडा पत्रकार राजदीप सरदेसाई की जहरीला प्रोपेगंडा चलाने में जितनी बेइज्जती हुई है, शायद ही किसी अन्य पत्रकार की हुई हो। लेकिन प्रोपेगंडा पत्रकार से लेकर किसी भक्त पत्रकार तक ने ऑक्सीजन की कमी पर रोने वाले किसी नेता अथवा डॉक्टर से यह नहीं पूछा कि 'आखिर ऑक्सीजन की ऑडिट होने के डर से एकदम ऑक्सीजन कहाँ से पूरी होने लगी?' रोज हर चैनल पर चर्चा में कोई न कोई डॉक्टर होता है, लगता वह भी प्रोपेगंडा से ग्रहस्त होकर अपनी प्रसिद्धि को बनाने के लिए चिकनी-चुपड़ी बातों से राजनीती करने आते हैं, लेकिन डॉ देवी शेट्टी की भांति किसी डॉक्टर ने स्वास्थ्य सिस्टम की उन बारीकियों से एंकर और जनता को समझाने का प्रयास नहीं किया। 

राजदीप ने ‘नारायणा हेल्थ’ के संस्थापक डॉक्टर देवी शेट्टी का ‘इंडिया टुडे’ समाचार चैनल पर इंटरव्यू लेते समय अपने मोदी विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहा, लेकिन उन्हें करारा जवाब मिला। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हो रही है, ऐसे में बेड्स और ऑक्सीजन सप्लाई के मामले में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के कौन से तरीके अपनाए जाएँ?

इस प्रश्न के जवाब में 30 से भी अधिक मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों का संचालन करने वाले डॉ देवी शेट्टी ने कहा कि सबसे पहले तो सभी लोग सरकार की आलोचना करने में लगे हुए हैं क्योंकि ये सबसे आसान है। उन्होंने कहा कि आज भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की जितनी संख्या है, इसका प्रबंधन दुनिया की कोई भी सरकार नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका, UK या किसी भी देश की सरकार इतनी बड़ी संख्या में कोरोना मामलों से नहीं निपट सकती।

उन्होंने कहा कि भारत में संक्रमितों की संख्या काफी ज्यादा है और बताया कि उन्होंने इसका खासा अध्ययन किया है कि ये कैसे हुआ। उन्होंने कहा, “सरकार ने कोई गलती नहीं की है। मेरा विश्वास कीजिए, केंद्र सरकार ने असाधारण कार्य किया है। सरकार ने लोगों तक ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए सब कुछ किया है। लेकिन, दिक्कत ये है कि ऑक्सीजन की ज़रूरत सीधा 900 मीट्रिक टन से 9000 MT पहुँच जाए, तो इसे पूरा करने के लिए कोई लॉजिस्टिकल सपोर्ट सिस्टम ही मौजूद नहीं है।”

उन्होंने आगे समझाया कि लोगों को भले ही लगता हो कि फैक्ट्रियों में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन है, लेकिन इनका मात्र 3% ही ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है और देश में 1000 से भी कम टैंकर्स हैं जिनका इस काम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने आगे समझाया कि इन टैंकरों की गति 30 मील (48.28 किलोमीटर) प्रति घंटे से ज्यादा की रफ़्तार से आगे नहीं बढ़ सकती। उन्होंने जानकारी दी कि ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले अधिकतर स्टील प्लांट्स पूर्वी व पश्चिमी भारत में ही हैं।

पद्मश्री व पद्म भूषण से सम्मानित डॉ देवी शेट्टी ने राजदीप सरदेसाई को भूगोल समझाते हुए कहा कि कोरोना के अधिकतर मरीज उत्तर भारत में हैं और इन टैंकरों को पूर्वी और पश्चिमी भारत से हजारों किलोमीटर की दूरी तय करनी है, जो कि एक दुस्साध्य कार्य है। 15,000 से भी अधिक हार्ट सर्जरी का कीर्तिमान रच चुके डॉक्टर शेट्टी ने स्पष्ट कहा कि सरकार ने मरीजों तक ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए सरे संभव माध्यमों व संसाधनों का इस्तेमाल किया।

उन्होंने स्वीकारा कि लोगों की जानें जा रही हैं और ये काफी दुःखद है कि हम लोगों की बेशकीमती जान बचाने में नाकामयाब हो रहे हैं पर इस रोग की प्रकृति ही यही है। लेकिन, उन्होंने वास्तविकता का भान कराते हुए ये भी कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही लगभग हर सरकारों ने स्वास्थ्य व्यवस्था को नज़रअंदाज़ किया। उन्होंने याद दिलाया कि स्वास्थ्य इन्फ्रस्टरक्चर के विकास पर देशों से ध्यान नहीं दिया गया, और आज हम उसके दुष्परिणाम भुगत रहे हैं।

इस इंटरव्यू के दौरान जब ‘हार्ट सर्जरी के हेनरी फोर्ड’ कहे जाने वाले डॉक्टर शेट्टी बोल रहे थे, तब शांत से राजदीप सरदेसाई अजीब से एक्सप्रेशंस के साथ बोर हो रहे थे। फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “अर्बन नक्सल पत्रकार सोच रहा होगा कि ज़मीन फटे और मैं अंदर समा जाऊँ!” अभिनेता परेश रावल ने टिप्पणी की, “धरती माँ भी ऐसा ज़हर निगल ने से इनकार कर देगी!”

इससे पहले राजदीप सरदेसाई ने प्रोपेगंडा फैलाया था कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने पंजाब को केवल 71 करोड़ रुपए दिए हैं। उन्होंने भ्रम पैदा करने की कोशिश की थी कि कांग्रेस शासित पंजाब के साथ भेदभाव हो रहा है। साथ ही पैसा जुटाने के लिए पंजाब में शराब की बिक्री शुरू करने की राज्य सरकार की दलील का समर्थन भी किया था। जबकि सच्चाई ये है कि पजांब को वर्ष 2020-21 के लिए राज्य आपदा प्रबंधन कोष (SDRMF) की पहली किस्त में 247 करोड़ रुपए मिले हैं।

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