कांग्रेस के टूलकिट प्रोपेगंडा फैलाने में 5 ‘दोस्त’ मीडिया संस्थान, बॉलीवुड से मदद

सोशल मीडिया पर एक ‘टूलकिट’ वायरल हुआ, जिसके बारे में बताया गया कि ये कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने नेताओं को दी गई निर्देशावली है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हिन्दुत्व, कुम्भ और देश को बदनाम करने का पूरा खाका है। इस टूलकिट’ का एक हिस्सा ऐसा भी है, जिस पर ज्यादा बात नहीं हुई। इसमें उन मीडिया संस्थानों के बारे में बताया गया है, जिनकी मदद लेकर कांग्रेस नेताओं को प्रोपेगंडा फैलाना है। इन कठिन परिस्थितियों में सरकार से कन्धा मिलाकर चलने की बजाए अपने ही देश की सरकार को अपमानित करने का षड़यंत्र रच रहे हैं। 
ऑक्सीजन की कमी का शोर भारत ही नहीं, विश्व ने देखा, विश्व तो भारत की सहायतार्थ खड़ा हो गया, लेकिन जयचन्द ऑक्सीजन की कमी करते रहे, और जब ऑक्सीजन की ऑडिट करने की बात होते ही, एकदम कहां से कमी पूरी हो गयी, यह लाशों पर सियासत करने वालों से जनता को पूछना होगा। अब कोई हॉस्पिटल भी नहीं बोलता कि 'हमारे पास इतने ही घंटे की ऑक्सीजन बची है।' यूँ तो जिसे देखो यही कहता नज़र आता है कि मोदी सरकार ने मीडिया को अपनी मुठ्ठी में कर रखा है, परन्तु उसी मीडिया ने उसी मोदी सरकार द्वारा ऑक्सीजन देने के बावजूद कहाँ जा रही है, इस समस्या की जड़ में जाने की कोशिश तक नहीं की, क्यों? लेकिन अपवादों से निपटने के लिए मोदी सरकार ने ब्रह्मात्र यानि "ऑक्सीजन ऑडिट" का प्रयोग कर समस्त विरोधियों को चारों खाने चित कर दिया।     

मेजर सुरेंद्र पुनिआ का ट्वीट उस कड़वी सच्चाई को सार्वजनिक करने का प्रयास कर रहा है, जिसे कुर्सी के भूखे नेताओं और उनकी पार्टियों ने कभी नहीं पढ़ाया, विपरीत इसके आतताई मुग़लों को महान पढ़ाया गया। अब जब देश अपनी खोई संस्कृति एवं सम्मान को प्राप्त कर रहा है, जयचंदों के वंशज अपना सिर उठा, आपदा में अवसर खोज रहे हैं। 

टूलकिट के इस हिस्से में बताया गया है कि ‘द प्रिंट’, ‘द वायर’, ‘द क्विंट’ और ‘आउटलुक’ जैसे मीडिया संस्थानों में कोविड-19 को लेकर जो भी लेख प्रकाशित होते हैं, उन्हें शेयर किया जाए और वायरल किया जाए। ऐसे मीडिया भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को बदनाम करने के लिए किस हद तक गिरते हैं, ये किसी से छिपा नहीं है। इन संस्थानों ने महाराष्ट्र और केरल की सरकारों के खिलाफ कुछ नहीं लिखा, जहाँ कोरोना सबसे ज्यादा बेकाबू है।

इस ‘टूलकिट’ में कांग्रेस नेताओं को निर्देश दिया गया है कि वो इन मीडिया संस्थानों में लिखे कोरोना सम्बंधित लेखों को खूब प्रचारित करें और उन्हें हाइलाइट करें। दो मीडिया संस्थान ऐसे भी हैं, जिन्हें इनसे भी ज्यादा प्राथमिकता दी गई है। इसमें लिखा है कि अगर कोई स्टोरी अन्य मीडिया संस्थानों में प्रकाशित नहीं होती है तो उन्हें ‘कारवाँ’ या पार्टी के मुखपत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ को भेजा जाए। यानी, कांग्रेस की साँठगाँठ से इन मीडिया संस्थानों में नकारात्मक लेख प्रकाशित किए जा रहे थे।

इस ‘टूलकिट’ के एक पॉइंट में ‘समान विचारधारा’ वाले बॉलीवुड सेलेब्स से मदद लेने की बात भी की गई है। उनसे ट्वीट्स, मीम्स, कॉमिक वीडियोज और कार्टून्स के अलावा अन्य ऐसे वायरल पोस्ट्स को शेयर करवाने की बात की गई है, जिसमें मोदी सरकार को निशाना बनाया गया हो। समय-समय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर कुछ ‘कॉम्स सेन्स सलाह’ देने का भी निर्देश दिया गया है। ऐसा दिखाने को कहा गया है, जैसे मोदी सरकार और इसके मंत्रीगण मूर्ख हों।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बिगाड़ने के लिए किस तरह से विदेशी मीडिया के साथ हाथ मिलाया गया था, वो भी देखिए। भारत में विदेशी मीडिया संस्थानों के कॉरेस्पोंडेंट्स के माध्यम से पीएम मोदी को सभी समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। विदेशी मीडिया में लेख लिखने वाले भारतीय प्रोपेगंडा पत्रकारों को पॉइंट्स दिए गए, ताकि वो मोदी सरकार को बदनाम कर सकें। स्थानीय पत्रकारों को जलती चिताओं और लाशों की तस्वीरें देकर रिपोर्ट बनवा उसे वायरल करवाने की भी साजिश थी।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया है कि ये ‘टूलकिट’ सौम्या वर्मा ने तैयार किया है। वो प्रोफेसर राजीव गौड़ा के दफ्तर में कार्यरत हैं। MV राजीव गौड़ा कांग्रेस के सांसद रहे हैं और यूपीए काल में कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं। कर्नाटक कांग्रेस कमिटी ने उन्हें प्रवक्ता और घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष बनाया था। फ़िलहाल वो IIM बेंगलुरु में प्रोफेसर हैं। कांग्रेस की विचारधारा को फैलाने के लिए वो कई ऑनलाइन कार्यक्रम चलाते हैं।

क्या JNU की पूर्व छात्रा सौम्या वर्मा ने तैयार किया है Toolkit 

सोशल मीडिया पर मई 18 को एक दस्तावेज जम कर शेयर किया गया, जिसके बारे में लोगों ने दावा किया कि ये ‘कांग्रेस का टूलकिट’ है। इसमें कुम्भ मेला को बदनाम करने, ईद का महिमामंडन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने और जलती चिताओं व लाशों की तस्वीरें शेयर कर भारत बदनाम करने का खाका था। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया है कि ये ‘टूलकिट’ सौम्या वर्मा ने तैयार किया है।

सौम्या वर्मा का LinkedIn प्रोफ़ाइल खँगाला तो पता चला कि वो प्रोफेसर राजीव गौड़ा के दफ्तर में कार्यरत हैं। 

सौम्या वर्मा ने इंस्टाग्राम पर अपना पता दिल्ली दिया है। संबित पात्रा द्वारा शेयर किए गए कंटेंट के अनुसार, 6 पन्नों वाले कांग्रेस के ‘टूलकिट’ को उन्होंने ही ‘माइक्रोसॉफ्ट वर्ड 2019’ एप का प्रयोग कर के बनाया है। उन्होंने कुछ तस्वीरें भी शेयर की, जिसमें सौम्या वर्मा कांग्रेस नेताओं के साथ दिख रही हैं। संबित पात्रा ने लिखा, “क्या सोनिया व राहुल गाँधी कोई प्रतिक्रिया देंगे? दस्तावेज की ‘प्रॉपर्टीज’ से ही साफ़ है कि इसका ऑथर कौन है।”

लोकसभा चुनाव 2019 के समय भी सौम्या वर्मा का नाम सामने आया था। वो उन युवाओं में शामिल थीं, जिन्होंने कांग्रेस का घोषणापत्र तैयार किया था। उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक किया है। इसके बाद उन्होंने JNU से इतिहास में मास्टर्स की डिग्री ली। सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करते समय उनके मन में राजनीति से जुड़ने की इच्छा जागी। वो सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के स्नातक छात्रों को पढ़ाती भी थीं।

उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा तो उत्तीर्ण नहीं की, लेकिन राजनीति व राजनीतिक नीतियों के प्रति उनके मन में खासी जागरूकता आई। राजीव् गौड़ा से प्रभावित होकर वो राजनीतिक रिसर्च में रुचि लेने लगीं। ‘द प्रिंट’ से बातचीत में उन्होंने बताया था कि अब वो पर्यावरण व उससे जुड़ी नीतियों में दक्ष होना चाहती हैं। राजीव गौड़ा के दफ्तर में उन्हें ‘डिप्टी हेड ऑफ रिसर्च’ का पद दिया गया।

सौम्या वर्मा ने शशि थरूर और सलमान खुर्शीद जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के अंतर्गत काम करते हुए आंतरिक सुरक्षा, पर्यावरण और संस्थागत सुधारों को लेकर रिपोर्ट तैयार की थी। ‘कांग्रेस के टूलकिट’ के अनुसार, भाजपा कुम्भ पर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए ईद का नाम ले सकती है लेकिन हमें दोनों त्योहारों की तुलना वाले ‘जाल’ में फँसने से बचना है। स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि ईद को लेकर एकदम से चुप्पी साध ली जाए और जहाँ भी ईद को लेकर बात हो उस पोस्ट या ट्वीट से खुद को अलग किया जाए।

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