पाकिस्तान के लोग बेहद महत्वाकांक्षी हैं। फिर जब से पाकिस्तान ने परमाणु बनाया है, पाकिस्तान सरकार और वहां की जनता इस भ्रम में है कि जैसे परमाणु सिर्फ पाकिस्तान के ही पास है, और वह इसकी धमकी से सबको डराते रहेंगे। पता नहीं किस भ्रम में हैं? पाकिस्तानियों को नहीं मालूम कि दूसरे की आग में कूदने का अंजाम कितना भयानक होगा, जानकर उनके होश उड़ जाएंगे। उन्हें शायद नहीं मालूम कि शाहीन छोड़ने से पहले जब इजराइल अपना मिसाइल फेंकेगा शायद पाकिस्तान का दुनियां के नक़्शे से ही नाम मिट सकता है। हमास और इस्लामी आतंकवादियों द्वारा इजरायल पर जारी हमलों के बीच पाकिस्तान न केवल फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ा है, बल्कि अपने प्रधानमंत्री से भी यह कह रहा है कि वो दुनिया को दिखा दें कि वह परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार (मई 12, 2021) को फिलिस्तीन के लोगों के प्रति अपना समर्थन दोहराने के लिए ट्विटर का सहारा लिया, जिसमें इजरायल द्वारा किए जा रहे अत्याचारों की निंदा की गई। बुधवार को, इमरान खान ने ट्विटर पर खुद को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया और अमेरिकी बुद्धिजीवी नोम नोम चोमस्की के एक पुराने लेख से एक अंश ट्वीट करते हुए कहा कि वह गाजा और फिलिस्तीन के साथ एकजुटता से खड़े हैं।
दिसंबर 2012 के एक लेख में चोम्स्की ने यह उद्धरण दिया था। गाजा के एक व्यक्ति ने तख्ती पर लिखा था, “तुम मेरा पानी ले लो, मेरे जैतून के पेड़ को जला दो, मेरे घर को नष्ट कर दो, मेरी नौकरी ले लो, मेरी जमीन चुरा लो, मेरे पिता को कैद कर लो, मेरी माँ को मार दो, मेरे देश पर बमबारी करो, हम सबको भूखा रखो, हम सभी को अपमानित करो, लेकिन मुझे दोष देना है, मैंने रॉकेट वापस मार दिया।”
हालाँकि एक पाकिस्तानी नागरिक इस बात से परेशान था कि जब प्रधानमंत्री (इमरान) भी सिर्फ ट्वीट ही करेंगे तो फिर परमाणु शक्ति संपन्न देश होने का क्या फायदा। उसने लिखा, “खान साहब, अगर आपने भी सिर्फ ट्वीट ही करनी है तो न्यूक्लियर पावर कंट्री के पीएम होने का क्या फायदा?”
इजरायल पर परमाणु हमले की चर्चा करते पाकिस्तानी
एक अन्य पाकिस्तानी ने इस बात पर ध्यान देने की कोशिश की कि कैसे सिर्फ इजरायल पर परमाणु बम से हमला एक अच्छा विचार नहीं हो सकता है। इसके बाद अहमद शेख ने बताया कि वह यह नहीं कह रहा कि पाकिस्तान परमाणु बम का इस्तेमाल करे, लेकिन इमरान खान इजरायल को डरा-धमका तो सकते हैं। अपनी बात तो मनवा सकते हैं ना। परमाणु शक्ति होना आम बात नहीं है।
एक अन्य पाकिस्तानी यूजर ने पूछा कि पाकिस्तान को किसी और के युद्ध में क्यों शामिल होना चाहिए। उस पर शेख ने कहा कि यह मुसलमानों की लड़ाई है और मुसलमानों के साथ खड़ा होना उनकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
एक अन्य पाकिस्तानी, बिलाल ने रक्षा के लिए आवंटन पर सवाल उठाया, जबकि वर्तमान में मिसाइलों का उपयोग नहीं किया जा रहा है।
इजरायल पर मिसाइलों का उपयोग करने के लिए उत्साहित पाकिस्तानी
बिलाल ने खान से पूछा, “क्या हमारे पास ये परमाणु बम और मिसाइल हैं जो शादियों में सजावट के रूप में उपयोग करते हैं?” उसने दावा किया कि पाकिस्तान रक्षा पर इतना पैसा खर्च करता है, लेकिन आज उनका ‘क़िबला-ए-अव्वल’ (अल-अक्सा मस्जिद) ’दूसरों’ के हाथों में है और इसलिए खान को शर्म आनी चाहिए।
पाकिस्तानी इजरायल पर शाहीन का उपयोग करना चाहते हैं
इसके जवाब में एक अन्य पाकिस्तानी ट्विटर यूजर ने कहा कि देश को परमाणु बम का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन ऐसे अन्य हथियार हैं जिनका उपयोग फिलिस्तीन के आतंकवादियों की मदद के लिए किया जा सकता है।
एक पाकिस्तानी यूजर ने माँग की कि खान इजरायल के खिलाफ शाहीन 3 सरफेस-टू-सरफेस पर मार करने वाली मिसाइल का इस्तेमाल करें। इसकी प्रभावी फायरिंग रेंज 2,500-3,000 किलोमीटर है। हास्यास्पद यह है कि पाकिस्तान के लाहौर से इजरायल के यरुशलम की दूरी 5,000 किलोमीटर से थोड़ी कम है। अगर फायर किया जाता है, तो शाहीन 3 मिसाइल ईरान में कहीं गिरने की संभावना है।
इमरान खान की तारीफ में ट्वीट
एक अन्य पाकिस्तानी यूजर ने मिसाइल उत्साही को धैर्य रखने के लिए कहा कि जैसे ही पाकिस्तान आक्रामकता दिखाता है, इज़राइल विश्व युद्ध शुरू कर देगा। एक अन्य पाकिस्तानी यूजर ने खुशी जताते हुए कहा कि वो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री नहीं है, इमरान खान हैं और यह भावनात्मक होने का समय नहीं है।
ट्विटर यूजर ने कहा कि खान 22 करोड़ पाकिस्तानियों के बारे में सोच रहे हैं और इसलिए भावनात्मक रूप से कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।
अन्य पाकिस्तानी यूजर्स ने भी खान को केवल निंदा करने के लिए नहीं, बल्कि ‘कुछ करने के लिए’ और बहादुरी दिखाने के लिए कहा।
इस बीच, पाकिस्तान फिलहाल कर्ज से जूझ रहा है। दिसंबर 2020 में समाप्त हुए 6 महीनों में पाकिस्तान के बाहरी ऋण में 3 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई। इसका कुल बाह्य ऋण 115.7 बिलियन अमरीकी डॉलर है।
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष तब बढ़ गया जब फिलिस्तीनी आतंकवादी यूनिट हमास ने यरुशलम में कई रॉकेट दागे, और इजरायली रक्षा बलों ने तरह तरह से जवाब दिया। मौजूदा संघर्ष के पीछे मुख्य कारण शेख जर्राह संपत्ति विवाद है। बता दें कि यह एक विवाद है जो पूर्वी यरूशलेम के पड़ोस से लगभग 300 फिलिस्तीनियों के निष्कासन का कारण बन सकता है।
अब पाकिस्तानी इजरायल पर परमाणु हमला करना चाहता है।
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