अरविन्द केजरीवाल जी आरोप लगाने की गन्दी राजनीति छोड़ कर इस संकट काल में कुछ काम कर लो। जब सब कुछ केंद्र की मोदी सरकार ने ही करना है, कुर्सी से क्यों चिपके बैठे हो? सिंहासन खाली करो ताकि मोदी सरकार दिल्ली को संभाले। आ जाना वाह-वाही लूटने, जो अब तक करते रहे हैं। केजरीवाल सरकार को शायद यह भी मालूम कि दिल्ली के कितने लोग हरियाणा और उत्तर प्रदेश जाकर ठीक होकर वापस दिल्ली आ रहे हैं। ज्ञात हो, अभी कुछ ही दिन पूर्व हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा था कि गुरुग्राम में 75%मरीज दिल्ली से हैं और सबका इलाज हो रहा है। आखिर कब तक आरोपों की गन्दी सियासत खेलकर दिल्ली वालों को पागल बनाकर मुफ्त की रेवड़ियों के लालच में उनकी ज़िंदगियों से खिलवाड़ करते रहोगे?
कोरोना संकट काल में शुरू से सब कुछ नियंत्रण में होने का दावा करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी नाकामी का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। केजरीवाल कभी बेड की कमी तो कभी ऑक्सीजन और वैक्सीन की कमी का रोना रोते रहते हैं। लेकिन उन्होंने खुद दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया है।
जो भी कह रहा है भारत की वैक्सीन का फार्मूला पब्लिक कर दो
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) May 11, 2021
वो चीन का दलाल हैं
So, as per Aam Aadmi Party vaccine makers must be ready to supply vaccines moment they send in an request.
— Avanish Kumar 🇮🇳 (@Avanish_2016) May 12, 2021
Ask, Kejriwal how come Gujarat, UP, Assam, Odisha are receiving deliveries?
Why was the order for vaccines not placed in April itself???
CRIMINAL ACT!!!
— Avinash Srivastava (@go4avinash) May 12, 2021
षडयन्त्र गहरा है?
— SUNIL PAL (@621Sunil) May 12, 2021
रेमडीसीवर नहर में!
ऑक्सीजन केजरी के मंत्री, विधायक के घर!
और बदनाम मोदी सरकार?
अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि केंद्र सरकार उन्हें हर चीज थाली में परोस कर दे दे। उन्हें बस मुफ्तखोरों की तरह वाहवाही लेने दे। एक आरटीआई से पता चला कि केजरीवाल की दिल्ली में पिछले 7 साल में एक भी नया अस्पताल नहीं खुला है। हेल्थ सेक्टर के नाम पर केजरीवाल सरकार की पूरा जोर मोहल्ला क्लिनिक कर रहा। लेकिन इस कोरोना महामारी काल में इन मोहल्ला क्लीनिक में कोविड से संबंधित प्राथमिक उपचार भी नहीं हो रहा। एक वैक्सीन भी नहीं लग रहा है। क्यों? केजरीवाल जी क्या फायदा इन मोहल्ला क्लीनिकों का? दिल्ली में पता नहीं कितने ऐसे क्लिनिक होंगे, जिनकी निम्न क्लिनिक की तरह दुर्गति हो रही होगी।
ये हाल है मौहल्ला क्लीनिकों का, क्या यह धन की बर्बादी नहीं?मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विज्ञापन पर 804.93 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 7 सालों में जब से वे मुख्यमंत्री हैं उन्होंने दिल्ली में एक भी अस्पताल नहीं खोला है: संबित पात्रा, भाजपा https://t.co/p3UTDwAvFY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 10, 2021
EWS का कोई मतलब बताये गया जब
— Vivek Maurya™ (@vi0008) May 10, 2021
General / OBC / EWS : 840/- जमा कर सकता है तो EWS कहाँ से है
SC / ST / PH: 500/-
All Category Female : 500/-
Pay the Exam Fee Through Debit Card, Credit Card, Net Banking or E Challan
The Aam Aadmi Party workers have also been caught in the fake farmer agitation being run by the Indus Border Left.
— भारत का गौरवशाली इतिहास (@Rastrvadi_2700) May 10, 2021
This is a proof that the AAP party is supporting the fake farmers movement.#किसान_नहीं_बलात्कारी#बलात्कारी_आंदोलनजीवी सिंधु बॉर्डर #AmitabhBachchan pic.twitter.com/zrQVnYhigi
अरविंद केजरीवाल ने 26 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हम 1 करोड़ 34 लाख वैक्सीन का ऑर्डर देने वाले हैं और हमने ये मंजूरी दे दी है। इसकी कीमत 1400 करोड़ है, लेकिन 10 मई को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया कहते हैं कि हमने ऑर्डर नहीं दिया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मई 9 को साफ कहा कि दिल्ली सरकार कोविड प्रबंधन नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार विज्ञापन पर सैकड़ो करोड़ रुपये खर्च कर रही है, लेकिन मुख्यमंत्री रहते उन्होंने एक भी अस्पताल नहीं खोला।
केजरीवाल सरकार की नाकामी और लापरवाही पर लोग अब सवाल उठाने लगे हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि जब दिल्ली में प्रति व्यक्ति ऑक्सीजन की उपलब्धता अधिकतम है, फिर वो ऑक्सीजन कहां जा रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि उत्तराखंड के 74114, हिमाचल के 32469, चंडीगढ़ के 8511, हरियाणा के 116867 और पंजाब के 74343 मामले को मिलाकर कुल 3,06,304 मामलों पर 652 मैट्रिक टन ऑक्सीजन मिलता है, लेकिन दिल्ली को सिर्फ 86232 मामलों के लिए 700 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होती है… फिर भी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से मौतें हो रही है, क्यों?
उपरोक्त दोनों वीडियो केजरीवाल द्वारा ऑक्सीजन की कमी का रोना क्यों रो रहे हैं, स्पष्ट कर रहा है। सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि मंत्री इमरान और कालरा द्वारा यह जमाखोरी पंजाब चुनाव को ध्यान में रख वहां ऑक्सीजन देकर कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा को ठिकाने लगा कर पंजाब की सत्ता हथियाने का है। दिल्ली को तो फ्री की रेवड़ियों का लालच देकर पागल बनाते रहो। ऑक्सीजन की कमी से दिल्ली वालों की जान जाती हो, कोई बात नहीं, पंजाब हथियाना है। मोदी सरकार इन ऑक्सीजन जमाखोरों पर कब सख्ती से पेश आएगी? कुछ ही दिन पूर्व आप विधायक शोएब इक़बाल भी अरविन्द केजरीवाल और इनकी सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुके हैं।
1260 times media published articles against vaccine.
— Avinash Srivastava (@go4avinash) May 12, 2021
139 opposition leaders spread venom against vaccine.
265 major NGOs spoke against the vaccine.
172 retired IAS, IPS, judges etc. came out against vaccine.
342 cartoons were produced against vaccine.https://t.co/KRQXwUm8kz
AAP केवल इश्तिहार दो pic.twitter.com/IunUYbJtrp
— subhash (@subsharma740) May 12, 2021
Exporting vaccines is mistake, bt
— Rider's on the Storm (@RotsJain) May 12, 2021
- hoarding cylinder by ur MLA is nt
- Installing 8 psa oxygen plant is nt
- Procuring cryogenic tanks in advance is nt
- Procuring vaccines in advance since it's launch is nt
- Not initiatng talks wid drugs manufacturers 4 shortage is not#Delhi
Sir, we saw how Delhi managed with their world class medical infrastructure. It was Center which bailed it out. Haryana has more Covid patients than Delhi but manages with just 300 Tons Oxygen and even sends Oxygen to Delhi. After SC ordered Oxygen audit now we dont see any SOS
— vivek (@viveksingh305) May 12, 2021
ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से जहां कोरोना मरीज मर रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी नवनीत कालरा और मंत्री इमरान हुसैन पर ऑक्सीजन कालाबाज़ारी करने का आरोप लगा है। दिल्ली पुलिस ने खान मार्केट के जिस खान चाचा रेस्टोरेंट में छापेमारी करके सैकड़ों ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए हैं, उसका मालिक नवनीत कालरा केजरीवाल का करीबी बताया जा रहा है। इतना ही नहीं केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के विधायक इमरान हुसैन पर भी ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने का आरोप लगा है। केजरीवाल सरकार में मंत्री इमरान हुसैन दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन का भाई है।
अवलोकन करें :-
ऑक्सीजन संकट पर पिछले दिनों दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के प्रमुख अरविंद केजरीवाल खुद एक प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं, क्या उन्हें नहीं पता कि ये चीजें कैसे काम करती हैं। हाईकोर्ट ने पूछा कि दिल्ली के लोगों को समय पर ऑक्सीजन मिले, इसके लिए दिल्ली सरकार अपना प्लांट क्यों नहीं लगाती है। ऑक्सीजन की कमी को लेकर केजरीवाल सरकार लताड़ लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अगर सभी राज्य अपने लिए टैंकर अरेंज कर रहे हैं और आपके पास टैंकर नहीं तो आप क्यों ऐसा नहीं कर रहे।
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