भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर मई 18, 2021 एक टूलकिट का इस्तेमाल कर कुंभ को बदनाम करने का इल्जाम लगाया था। अब इसी क्रम में जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने लोगों से अपील की है कि वह मुद्दे का राजनीतिकरण न करें। उन्होंने आरोप लगाया कि कुंभ को बदनाम करके भारत की संस्कृति सभ्यता और विश्वसास को सुनियोजित ढंग से धूमिल करने का प्रयास हुआ।
अपने ट्विटर हैंडल पर जारी की गई वीडियो संदेश में स्वामी अवधेशानंद ने कुंभ की महत्ता से बात शुरू करते हुए कहा, “भारतीय संस्कृति, संस्कार, सभ्यता उसकी संवेदनाएँ अगर कहीं एक साथ दिखाई देती हैं तो वो कुंभ का महापर्व है। कुंभ पर्व केवल हिंदुओं का नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNESCO ने उसे सांस्कृत धरोहर के रूप में भी घोषित किया है।”
कुंभ पर्व का दुष्प्रचार सर्वथा अनुचित है; आँकड़ो की सत्यता यह है की कुम्भ में कोरोना की प्रचण्डता अन्य प्रदेशों में अधिक थी ! क्षुद्र स्वार्थ सिद्धि के लिए मानवता की अमूर्त्त सांस्कृतिक धरोहर #कुम्भ पर भ्रामक प्रचार देवसत्ता का अनादर है ! #टूलकिट @narendramodi @AmitShah @PTI_News pic.twitter.com/p2khPh4r8T
— Swami Avdheshanand (@AvdheshanandG) May 19, 2021
एक और हिंदी अखबार। pic.twitter.com/yVLr6Y6GaQ
— Ravinder Panwar 👹☠️चिंगारी☠️👹 (@Chingari_ji) May 19, 2021
टूलकिट को लेकर वह बोले, “एक टूलकिट के द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि कुंभ के मेले से कोरोना का संक्रमण गया। आँकड़ों की सत्यता को पहचानिए। जब कुंभ का मेला चल रहा था। तब अन्य प्रदेशों में कोविड की अधिक प्रचंडता थी। ऐसी उत्तराखंड में नहीं थी या कुंभ के अवसर पर नहीं थी। एक सुनियोजित ढंग से भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार अथवा हमारी पर्व परंपरा, मूल्यों पर, विशेषत: हमारी सांस्कृतिक निष्ठा पर प्रहार किया जा रहा है।”
स्वामी अवधेशानंद ने ऐसे प्रयासों को निंदा करते करते हुए कहा, “इस तरह अन्य मतों को और धर्मावलंबियों को प्रश्रय देकर और हिंदू संस्कृति का दुष्प्रचार करके कुछ स्वार्थ पूरे नहीं होंगे। समाज इसकी निंदा करता है, भर्तसना करता है, कुंभ निस्संदेह ऐसा नहीं था जैसा बताया जा रहा है। कुंभ ऐसा नहीं था जैसा बताया जा रहा है।”
कुंभ के विरुद्ध तैयार किए गए माहौल पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा, “संत समाज में भारी रोष है। हमने बड़ा संयम रखा। माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान पर कुंभ कुछ ही घंटों में समेट दिया गया था। उसका विसर्जन कर दिया गया था। कुछ ही संख्या में लोग स्नान करने पहुँचे थे। तो उसकी जो विराटता और व्यापकता थी, उसका विसर्जन कर दिया गया था।”
स्वामी अवधेशानंद से पहले टूलकिट को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर वार किया था। भाजपा ने बताया था कि कैसे टूलकिट में निर्देश हैं कि कुंभ को सुपर स्प्रेडर कुंभ कहा जाए ताकि लोगों को एहसास हो कि सभी समस्याओं के लिए लिए हिंदू नीतियाँ जिम्मेदार हैं। अब इसी टूलकिट पर संज्ञान लेते हुए स्वामी अवधेशानंद ने अपना उक्त बयान जारी किया है।
उन्होंने कहा, “आँकड़ों को देखें। उसके यथार्थ को समझें। कुंभ से कोरोना का प्रकोप नहीं गया। इसपर राजनीति करना शोभा नहीं देता। भारत की परंपरा, मूल्यों में विश्वास रखें। यहीं आप जन्में है, पले हैं-बढ़ें हैं। इसलिए भारत माँ को अपना ईष्ट मानकर अपना सर्वस्व उसे सौंपकर देखों आपका हमेशा मंगल होगा। ”
17 अप्रैल को पीएम मोदी ने कुंभ मेले के मद्देनजर स्वामी अवधेशानंद से बात की थी। इसके बाद स्वामी अवधेशानंद ने कुंभ समापन की घोषणा करते हुए कहा था, “भारत की जनता व उसकी जीवन रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमने विधिवत कुम्भ के आवाहित समस्त देवताओं का विसर्जन कर दिया है। जूना अखाड़ा की ओर से यह कुम्भ का विधिवत विसर्जन-समापन है।”
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