एयर इंडिया की शुरुआत 1932 में जेआरडी टाटा ने की थी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसकी सेवाएँ बंद की गई थी। दोबारा 1946 में जब इसकी सेवा बहाल हुई तो नाम टाटा एयरलाइंस से बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड हो गया। देश स्वतंत्र होने के बाद एयर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली थी। इसके बाद 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।
कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया की घर वापसी की खबरों पर आधिकारिक मुहर लग गई है। स्पाइसजेट को पीछे छोड़ते हुए टाटा संस ने इसकी बोली जीत ली है। टाटा ग्रुप को एयर इंडिया की कमान मिली है। कंपनी ने सबसे बड़ी बोली लगाई। वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बताया है कि मंत्रियों की समिति ने एयर इंडिया के लिए विजेता बोली को मंजूरी दी है। टाटा संस ने एयर इंडिया के लिए 18,000 करोड़ रुपए की विजेता बोली लगाई।
Tata Sons wins the bid for acquiring national carrier Air India pic.twitter.com/XgAW5YBQMj
— ANI (@ANI) October 8, 2021
My friend Nehru stabbed me & I can only deplore that vital step was taken without giving proper hearing: Tata on cruel & sudden nationalisation of his beloved Airline.
— Gaurav Mishra🇮🇳 (@IAmGMishra) October 8, 2021
After 68 years #AirIndia Maharaja returns to the Tatas with over 18K crore bid.
Congratulations Sir @RNTata2000 pic.twitter.com/BbriZ5w461
68 साल बाद फिर से टाटा का हुआ एयर इंडिया.. 18000 करोड़ लगा कर बोली जीती… pic.twitter.com/eWYhGosN1X
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) October 8, 2021
इसमें भी scam! pic.twitter.com/V4qMcfMkyr
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) October 10, 2021
DIPAM के सचिव ने बताया कि एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप ने 18,000 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। एयर इंडिया का 15300 करोड़ रुपए का कर्ज टाटा चुकाएगी और बकाया 2700 करोड़ सरकार को देगी। एयर इंडिया पर 31 अगस्त तक 61,560 करोड़ रुपए का कर्ज था। इसमें 15300 करोड़ रुपए टाटा संस चुकाएगी, जबकि बाकी के 46,262 करोड़ रुपए AIAHL (Air India asset holding company) भरेगी।
Air India sale to Tata Group Confirmed.
— Bar & Bench (@barandbench) October 8, 2021
Government support to Air India has been Rs. 1,10,276 crore since 2009. pic.twitter.com/Xfe1hC3LAe
तुहिन कांत पांडे ने कहा कि लेनदेन दिसंबर 2021 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। डील में एयर इंडिया की जमीन और इमारतों सहित किसी भी नॉन एसेट (जैसे- भूमि और भवन) को नहीं बेचा जाएगा। कुल कीमत 14,718 करोड़ रुपए की ये संपत्ति सरकारी कंपनी AIAHL के हवाले कर दी जाएँगी। सरकार की शर्तों के मुताबिक सफल बोली लगाने वाली कंपनी टाटा को एयर इंडिया के अलावा सब्सिडरी एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी शत प्रतिशत नियंत्रण मिलेगा। वहीं, एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा होगा।
The total debt on Air India as of 31st August 2021 is Rs 61,562 crores, says Tuhin Kant Pandey, Secretary, DIPAM pic.twitter.com/qFrhip2tmE
— ANI (@ANI) October 8, 2021
एआईएसएटीएस प्रमुख भारतीय हवाईअड्डों पर कार्गो और जमीनी स्तर की सेवाओं को उपलब्ध कराती है। विनिवेश नियमों के मुताबिक टाटा को एयर इंडिया के घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लैंडिंग की मंजूरी मिलेगी।
एयर इंडिया की करीब 68 साल बाद घर वापसी पर समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने रतन टाटा ने इमोशनल पोस्ट किया है। ‘वेलकम बैक, एयर इंडिया’ का ट्वीट करते हुए उन्होंने एक नोट भी अटैच किया है। साथ ही 1932 में इस विमानन सेवा की शुरुआत करने वाले विजनरी बिजनेसमैन जेआरडी टाटा का एयर इंडिया के साथ एक फोटो भी शेयर किया है।
Welcome back, Air India 🛬🏠 pic.twitter.com/euIREDIzkV
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) October 8, 2021
and Govt. of India also purchased 49% of its Shares when the company was launched in the Stock Exchange.
— Karṇa Bhāṭī (@KarnaBhati) October 18, 2021
In 1953, PM Nehru Ji’s policies were the need of the hour, so a dozen Airlines along with Air India were Nationalised and merged into Air India.
It is fascinating to know,
Let me differ here. Under Tata’s Air India was rated 4th best in the world. When taken away it was reduced to tatters! Today would be a re birth for Air India under the Tata’s again. The Tata’s have done India a favour by changing the airlines image.
— Sandy Boy 🇮🇳(Sundeep) (@ssingapuri) October 8, 2021
रतन टाटा ने अपने पोस्ट में कहा है, “एयर इंडिया का बोली जीतना टाटा ग्रुप के लिए काफी अच्छी खबर है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि एयर इंडिया को फिर से खड़ा करने के लिए मेहनत की जरूरत होगी। उम्मीद है कि यह फैसला एविएशन इंडस्ट्री में टाटा ग्रुप की मौजूदगी के लिए एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराएगा।”
उन्होंने लिखा है कि एक समय था जब जेआरडी के नेतृत्व में एयर इंडिया दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित एयरलाइंस थी। टाटा के पास मौका है कि एयर इंडिया को ये पहचान दोबारा दिलाए। यदि आज जेआरडी टाटा होते तो बेहद खुश होते। उन्होंने कहा कि वे सरकार के भी शुक्रगुजार हैं कि उसने हाल में कई इंडस्ट्री को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोलने की नीति अपनाई है।
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