लखीमपुर खीरी हिंसा: बिना ठोस सबूतों के नहीं होगी गिरफ्तारी : योगी आदित्यनाथ

काफी समय से तथाकथित किसान और इसे समर्थन देती मोदी विरोधी पार्टियां 26 जनवरी को असफल होने के बाद से आंदोलन को हिंसक बनाने में व्यस्त थे। लेकिन पहुँच गए, योगी के आंगन उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खेरी। परन्तु इन्हीं किसानों पर जब पंजाब और राजस्थान में लाठियां बरसाई जाने पर कोई नहीं बोलता, मीडिया भी आंख बंद लेती है क्योकि वहां भाजपा की सरकार नहीं, उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार को बदनाम करने इन सब ने पर्यटन स्थल बना लेने को अब इसे क्या कहा जाए? 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में किसी की तब तक गिरफ्तारी नहीं होगी, जब तक ठोस सबूत नहीं मिलते. आदित्यनाथ ने कहा कि बिना साक्ष्य के, किसी दबाव में किसी पर कार्रवाई नहीं होगी. न्यूज़-18 चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा –

“उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि गिरफ्तारी से पहले आपके पास पर्याप्त साक्ष्य भी होने चाहिए. हम किसी के लगाए आरोपों के आधार पर अनावश्यक रूप से किसी को गिरफ्तार नहीं करेंगे. लेकिन कोई दोषी है तो उसको छोड़ेंगे भी नहीं. फिर चाहे वो जो भी हो.”

विपक्ष के नेताओं के लखीमपुर जाने की बात पर उन्होंने कहा –

“हमारे विपक्ष के जो मित्र थे, वे कोई सद्भावना दूत नहीं थे. उनमें से कई तो ऐसे हैं, जो इस उपद्रव और इस हिंसा के पीछे भी शामिल हैं. एक बार तथ्‍य सामने आने दीजिए. हम दूध का दूध और पानी का पानी, सबके सामने रखेंगे.”

प्रियंका गांधी पर तंज

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें वो पुलिस की हिरासत में अपने कमरे में झाड़ू लगाती दिख रही थीं. इस पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता उन्हें इसी लायक बनाना चाहती है. उन्होंने कहा कि पंजाब और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं से अपना राज्य संभल नहीं रहा और उत्तर प्रदेश में राजनीति करने चले आ रहे हैं.

भाजपा के लखीमपुर खीरी से सांसद और मोदी कैबिनेट में मंत्री अजय मिश्रा टेनी का हिंसा से कुछ दिन पहले का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें वो किसान आंदोलन का ज़िक्र करते हुए कह रहे थे कि ‘सुधर जाओ वरना सुधार दिए जाओगे’. कहा गया कि इसी वीडियो ने हिंसा भड़काने का काम किया. इस पर आदित्यनाथ ने अजय मिश्रा का बचाव किया. कहा कि पॉलिटिकल भाषण और धमकियों में अंतर होता है. अजय मिश्रा ने जो कहा, वो भाषण था, जो हर पार्टी के मंच से होता है. जब पूछा गया कि क्या अजय मिश्रा टेनी से इस्तीफा मांगा जाएगा क्योंकि विपक्ष भी इसकी मांग कर रहा है. इस पर UP के CM ने कहा कि विपक्ष तो बहुत सी मांग करता रहता है, लेकिन सरकार मेरिट के आधार पर काम करती है.

सुप्रीम कोर्ट की फटकार 

इससे पहले 8 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. UP सरकार की वकील गरिमा प्रसाद थीं, लेकिन उन्होंने कोर्ट में बताया कि उनकी तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश होंगे. हरीश साल्वे ने UP सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि घटना के अगले दिन यानी 4 अक्टूबर को पहली FIR दर्ज कर ली गई थी. चार लोगों की हत्या के मामले में आशीष मिश्रा के ख़िलाफ़ भी FIR थी. FIR के तीन दिन बाद आरोपी को समन भेजकर 8 अक्टूबर तक पेश होने को कहा.

वकील साल्वे ने कहा कि आरोपी को पेश होने का नोटिस दिया गया है. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा –

“पेश होने का अनुरोध करने की क्या ज़रूरत थी? 302 के गंभीर इल्ज़ाम होते हैं तो आरोपी के साथ क्या किया जाता है? क्या उसे नोटिस भेजकर कहते हैं कृपया आइए और हमें बताइए?”

पुलिस ने बताया कि जांच में 6 और आरोपियों के नाम सामने आए हैं. जिनमें से 3 की मौत हो गई है. और 2 को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा UP सरकार ने बताया है कि जांच के लिए SIT गठित की है और न्यायिक जांच के लिए भी कमेटी बनाई है.

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