पाकिस्तान में लड़कियों को दी जा रही सिर कलम करने की ट्रेनिंग
पाकिस्तान की मस्जिदों में लड़कियों को सिर कलम करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहाँ छात्राएँ पढ़ाई-लिखाई नहीं, हिंसा सीख रही हैं। बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान में ‘ईशनिंदा’ का आरोप लगा कर एक श्रीलंकाई नागरिक की सैकड़ों की भीड़ ने ज़िंदा जला कर हत्या कर दी थी। इस कारण इमरान खान की सरकार दुनिया भर की आलोचना के निशाने पर है। अब नया वीडियो सामने आया है, जिसमें पाकिस्तान के मस्जिद में लड़कियों को सिर कलम करने की ट्रेनिंग लेते हुए दिखाया गया है। जब मस्जिदों में हिंसा की ट्रेनिंग दी जा रही है, फिर किस आधार पर भारत में छद्दम सेक्युलरिस्ट्स इस्लाम को शांति का पैगाम का नाम देते हैं।
बताया जा रहा है कि ये वीडियो पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के लाल मस्जिद का है। यहाँ छात्राओं को सिखाया जा रहा है कि अगर कोई व्यक्ति इस्लाम का अपमान करता है तो फिर उसका सिर कैसे कलम किया जाएगा। इस वीडियो के बैकग्राउंड में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) का भड़काऊ नारा लाउडस्पीकर पर बजता हुआ सुनाई दे रहा है। श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा दियावदाना के हत्यारों की भीड़ भी हिंसा के वक्त यही नारे लगा रही थी।
Students of Red Mosque Islamabad practising how to behead a person accused of blasphemy. Pakistan’s “kamyab jawan” (successful youth) project proceeding rather well. pic.twitter.com/fgZXXgL9bO
— Gul Bukhari (@GulBukhari) December 9, 2021
They have been shattering read human beings for decades, and you're wondering about an enactment of violence (equally bad as doing it in real)
— PAKISTAN پاکستان (@LoFiPkDw) December 10, 2021
हाल ही में पाकिस्तान की सरकार ने TLP के साथ समझौता किया है, लेकिन उससे पहले जम कर पूरे मुल्क में उत्पात मचाया गया था। पाकिस्तान की पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गुल बुखारी ने इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि पाकिस्तान का ‘कामयाब जवान’ वाला प्रोजेक्ट काफी अच्छे से आगे बढ़ रहा है। इसमें महिलाएँ और छात्राएँ बुर्का और हिजाब में दिख रही हैं। उनके सामने ‘तलवार से सिर कलम करने’ का नमूना दिखाया जा रहा है।
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने शिक्षा और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए ‘कामयाब जवान’ योजना शुरू की थी। लगभग तीन महीने पहले भी ‘लाल मस्जिद’ चर्चा में आई थी, जब मौलाना अब्दुल अजीज के सामने घुटने टेकते हुए इमरान खान की सरकार ने उन्हें वहाँ तालिबानी झंडा फहराने की अनुमति दे दी थी। साथ ही मौलवी ने तालिबान का झंडा हटाने पर वहाँ की फ़ौज को भी धमकाया था। उसने कहा था कि पाकिस्तानी तालिबान सबको सबक सिखा देगा।
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