प्रतीकात्मक |
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार रविवार 7 फरवरी 2022 की रात पीड़ित के परिजनों ने महसूस किया कि उनका बच्चा लगातार दर्द की शिकायत कर रहा है। जब उन्होंने पूछताछ की तो पीड़ित ने बताया कि शोएब अख्तर उसे 10 दिन से मजबूर कर रहा था। इसके बाद पीड़ित के परिजन और कुछ स्थानीय लोगों ने मदरसे का घेराव किया। मेडिकल परीक्षण के बाद आरोपित मौलाना को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार पीड़ित का दो महीने पहले ही मदरसे में दाखिला करवाया गया था।
मदरसों से इस तरह की घटना लगातार सामने आती रही है। बीते साल नवंबर में दादरा नगर हवेली के सिलवासा स्थित एक मदरसे के छात्रावास में रहकर पढ़ने वाली नाबालिग लड़की ने मौलवी पर हॉस्टल में ही रेप करने का आरोप लगाया था। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपित मौलवी शेख मोहम्मद तारिक को पॉस्को एक्ट के तहत करवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया था।
इसी तरह इस साल की शुरुआत में बिहार के सीतामढ़ी जिले से मदरसे की नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म का मामला सामने आया था। रिपोर्ट के मुताबिक मौलवी तबरेज़ ने मदरसे में पढ़ने के लिए आई नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार कर उसे गर्भवती कर दिया। उसने इस हरकत को रिकॉर्ड भी कर लिया और वीडियो के जरिए पीड़िता को ब्लैकमेल कर रहा था।
बीते साल अगस्त में कर्नाटक के तुमकुरु जिले में नाबालिग लड़के से अप्राकृतिक यौनाचार के दोषी पाए गए मुफ्ती मुशर्रफ को बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने 11 साल जेल की सजा सुनाई थी। उत्तर प्रदेश का रहने वाला मुशर्रफ तुमकुरु में अमलापुर के पास एक मदरसे में शिक्षक था। उसने 17 अप्रैल, 2015 को मदरसे में एक नाबालिग बच्चे के साथ कुकर्म किया था। यह घटना तब सबके सामने आई, जब नाबालिग की माँ मदरसे में उससे मिलने गई। 13 वर्षीय बच्चे ने उस समय अपनी माँ को मुशर्रफ की करतूत के बारे में बताया और उसे मदरसे से वापस ले जाने के लिए कहा था।
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