कई बार ज्यादा होशियारी ही नुकसानदेह बन जाती है। जो राहुल गाँधी सत्यापित कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं को चाहिए कि राहुल, प्रियंका और सोनिया की वाणियों पर विराम लगवाएं, अन्यथा कांग्रेस को पाताललोक में जाने से कोई रोकने वाला नहीं। बार-बार वीर सावरकर पर झूठ बोलने का असर यह हो रहा है कि जवाहर लाल नेहरू का माफीनामा जो आज तक परदे में था, सार्वजनिक हो रहा है। इतना ही नहीं, देश विभाजन को लेकर राजीव दीक्षित जिस बात को कहते थे, अब वह भी सार्वजनिक होने लगी है, और जितनी जल्दी यह बात फैलेगी, कांग्रेस को उतना ही ज्यादा नुकसान होगा। देखिए वीडियो
9 साल 10 महीने सेल्यूलर जेल में रहकर सबसे कठोरतम सजा सहने वाले सावरकर जिनकी नजर में वीर नहीं थे वो उन नेहरू के लिए क्या कहेंगे जिनसे एक मामूली जेल में 12 दिन नहीं रहा गया था।
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) November 17, 2022
नेहरू जी के पिताजी ने बेटे को छुड़ाने के लिए क्या किया था पता है आपको?
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महाराष्ट्र के वाशिम में राहुल गाँधी ने सावरकर पर देश से गद्दारी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि सावरकर अंग्रेजों को पत्र लिखकर उनका नौकर बने रहने के लिए कहा था और आजीवन पेंशन लेते रहे थे। इस दौरान उन्होंने सावरकर का एक पत्र भी मंच से लोगों को दिखाया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra)’ के दौरान महाराष्ट्र में विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) पर देश के साथ धोखा देने का आरोप लगाया था। अब सावरकर के पोते ने राहुल गाँधी के नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
सावरकर के पोते रंजीत सावरकर (Ranjit Savarkar) ने राहुल गाँधी के आरोपों का खंढन करते हुए कहा कि पंडित नेहरू एक ‘महिला’ के कहने के कारण देश का विभाजन करने पर सहमत हुए थे। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 12 वर्षों तक पंडित नेहरू ने देश की गुप्त जानकारियाँ अंग्रेजों के साथ साझा की थी। रंजीत सावरकर ने इस पर राहुल गाँधी से जवाब माँगा है।
रंजीत सावरकर ने शुक्रवार (18 नवंबर 2022) को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी एंडविना और पंडित नेहरू के बीच हुए पत्रचारों को अंग्रेजों से वापस माँगा जाए और उसे सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा, “इससे पता चलेगा कि जिसे देश चाचा नेहरू कहता है, उसने देश के साथ कैसे धोखा किया।”
स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए रंजीत सावरकर ने कहा कि पंडित नेहरू 9 मई से 12 मई 1947 के बीच अकेले हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला गए थे वे वहाँ चार दिनों तक रहे। रंजीत ने आगे कहा, “उस दौरान एडविना के ब्रिटिश सरकार को लिखे पत्रों में कहा गया था कि मैंने पंडित नेहरू को अपना अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।”
व्यक्तिगत संबंधों को लेकर एडविना के पत्र में उल्लेखित बातों का जिक्र करते हुए रंजीत सावरकर ने कहा, पंडित नेहरू बहुत व्यस्त हैं। इसलिए वे ‘नर्वस ब्रेकडाउन’ के करीब पहुँच रहे हैं। उन्होंने मेरे साथ चार दिन बिताए। हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए हैं और यह दोस्ती लंबे समय तक चलेगी।” रंजीत सावरकर ने यह कहा कि एडविना ने अपने पत्र में लिखा था कि ‘पंडित नेहरू मेरे काबू में आ गए हैं’।
रंजीत यहीं नहीं रूके। उन्होंने कि पंडित नेहरू ने देश की सुरक्षा को दरकिनार कर लॉर्ड माउंटबेटन को वायसराय नियुक्त किया था। उन्होंने कहा, “बलवंत सिंह ने कहा था कि माउंटबेटन वायसराय होने के कारण पाकिस्तान में सेना नहीं भेज सकते। 20,000 लड़कियों का अपहरण कर पाकिस्तान ले जाया गया। नरसंहार को देखकर भारतीय नेताओं को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें, इसलिए मैंने पूर्ण नियंत्रण ले लिया।”
माउंटबेटन का हवाला देते हुए रंजीत ने कहा, “वायसराय ने लिखा था कि उनके भारत छोड़ने के बाद पंडित नेहरू ने उन्हें 12 वर्षों तक हर दिन अपनी रिपोर्ट भेजी थी।” रंजीत सावरकर ने कहा कि यह खुफिया एजेंसियों की बड़ी नाकामी है। उन्होंने कहा कि नेहरू को हनीट्रैप में फँसाया गया था और वे फँस गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसकी जाँच की माँग करते हुए रंजीत ने कहा कि पीएम को इस पूरे मामले की जाँच कराना चाहिए। इसके पहले भी कई लोग हनीट्रैप में पकड़े जा चुके हैं और उन्हें सजा भी दी जा चुकी है, लेकिन नेहरू की बता कौन करे। उन्होंने इस हनीट्रैप पर राहुल गाँधी से जवाब माँगा।
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