मोरबी हादसे के बाद शहर के 4 कब्रिस्तानों में लगी लाशों की लाइन (फोटो साभार: Indian Express)
30 अक्टूबर, 2022 को गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने पुल के टूटने से हुए हादसे से पूरा देश स्तब्ध रह गया है। इस हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही, लगभग 100 लोग घायल हुए हैं। एनडीआरएफ की टीमें, तीनों सेना के जवान व स्थानीय लोग अब भी राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। हादसे में लापता हुए लोगों की तलाश चल रही है।
इस भीषण हादसे के बाद जिस तरह से मौत के आँकड़े आ रहे थे, उससे हर कोई सिहर उठता था। हादसे के बाद, मोरबी के सबसे बड़े कब्रिस्तान में लाशों की लाइन लगी हुई थी। हालत यह थी कि शहर के एक ही कब्रिस्तान में 26 लोगों को दफनाया गया है। इसके लिए घटना की रात से लेकर अगले दिन शाम 7 बजे तक करीब 150 लोग यहाँ कब्रें खोदने में जुटे रहे। शहर के 4 कब्रिस्तानों में मुर्दों को दफनाने के लिए वेटिंग चल रही थी।
#WATCH | Gujarat: Search and rescue operation underway in Machchhu river where #MorbiBridgeTragedy struck on 30th October.
— ANI (@ANI) November 1, 2022
The death toll currently stands at 135. pic.twitter.com/YM48tZyPeI
कब्रिस्तान में काम करने वाले कर्मचारी इतनी कब्र नहीं खोद सकते थे। इसलिए, मृतकों के रिश्तेदारों के सहयोग के बाद कब्र खोदी गई हैं। हर कोई मृतकों के दफनाए जाने का इंतजार कर रहा था। लेकिन, ताबूतों की कमी और लाशों की संख्या में एक के बाद इजाफा होने के कारण इसमें काफी देरी हो रही थी।
इस कब्रिस्तान के मुख्य कार्यवाहक गफ्फूर पास्तिवाला ने कहा है कि पुल टूटने से हुए हादसे ने उन्हें हैरान कर दिया था। उन्हें रात भर में 40 कब्रें खोदनी पड़ीं थीं। कब्रिस्तान में 12 घंटे के भीतर 20 लोगों को दफनाया गया था, जिनमें 8 बच्चे भी शामिल थे। उन्होंने कहा है कि एक साथ इतनी सारी कब्रें उन्होंने कभी नहीं खोदी थी। पास्तिवाला ने कब्रिस्तान में चार कब्रों की लाइन की ओर इशारा करते हुए कहा है कि ये लोग सुमारा परिवार के थे। परिवार के 7 लोग मारे गए हैं। इनमें 4 महिलाएँ और 3 बच्चे हैं।
एक कब्रिस्तान के प्रभारी अधिकारी मोहम्मद तौफीक का कहना है कि उनके कर्मचारी पीड़ितों के परिवारों की मदद के लिए बिना रुके काम कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा, “हम कल रात से न तो सोए हैं और न ही कुछ खाया है। पूरा इलाका शोक में डूबा हुआ है। हम सभी टूटा और बिखरा हुआ महसूस कर रहे हैं। इस हादसे से हुए नुकसान के बारे में बताने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है। मुझे लगता है कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो हमारे दर्द को कम कर सके।”
#MorbiBridgeCollapse | Naim Sheikh, admitted to Civil Hospital in Morbi, says, "6 of us had gone there, 5 came back, one died. I can swim. My friends & I together managed to save a few people. It was heart-rending. I got hurt when I was bringing the people to safety."#Gujarat pic.twitter.com/XehTiSPuwt
— ANI (@ANI) November 1, 2022
स्थानीय व्यवसायी रफीक गफ्फार अपने दो भतीजों निसार इकबाल और अरमान इरफान को दफना के लिए कब्रिस्तान आए हुए थे। गफ्फार ने दुःख जताते हुए कहा है कि यह भीषण त्रासदी थी। उन्होंने बताया कि लोग रो और चीख रहे थे। बाक़ायल गफ्फार, यह कयामत के दिन जैसा लग रहा था। नदी में हर तरफ लाशें तैर रहीं थीं। पुल में फँसे हुए लोग मदद के लिए चीख-चिल्ला रहे थे।
मोरबी में पुल टूटने से हुए हादसे में पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले का रहने वाला हबीबुल शेख काम करने के लिए मोरबी आया था। लेकिन, पुल टूटने से काल के गाल में समा गया। हबीबुल की मौत से उसके घरवालों का बुरा हाल है। उसके पिता महिबुल शेख ने कहा है कि यह उनकी इकलौती संतान थी।
इस हादसे में जिंदा बचे लोगों में से एक नईम शेख नामक व्यक्ति मोरबी के सिविल अस्पताल में भर्ती है। नईम शेख ने कहा, ”हम 6 लोग वहाँ गए थे। जिसमें से एक की मौत हो गई। 5 ही वापस आए हैं। मैं तैर सकता हूँ, इसलिए बच गया। मैं और मेरे दोस्त ने मिलकर कुछ लोगों को बचाया है। यह दिल दहला देने वाला हादसा था। जब मैं लोगों को सुरक्षित स्थान पर ला रहा था तो मुझे चोट लगी।”

No comments:
Post a Comment