अल्ला पर शंकराचार्य निश्चलानंद ने दिया ज्ञान (फोटो साभार दैनिक भास्कर)
दिल्ली में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने अल्लाह और ओम को एक बताकर जो विवाद कुछ दिन पहले खड़ा किया, वह अभी भी थमा नहीं है। 22 फरवरी, 2023 को वाराणसी में अल्लाह और ओम को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि अल्ला (Alla) संस्कृत भाषा का शब्द है। उन्होंने संदर्भ सहित इसकी व्याख्या की। इस विवाद से पहले भी स्वामी निश्चलानंद सरस्वती इस बारे में विस्तार से समझा चुके हैं।
दिल्ली के रामलीला मैदान में मौलाना अरशद मदनी द्वारा अल्लाह और ओम में समानता बता क्या सच्चाई को उजागर करने की रौशनी को कट्टरपंथियों के भय से समझने और पहचानने की कोशिश नहीं की जा रही। मदनी ने कोई हैरान करने वाली बात नहीं बोली है, फेसबुक पर सोशल मीडिया पर प्रचलित चित्र जिसे मेरे एक मित्र ने प्रेषित किया। अब संलग्न इस चित्र में अंकित शब्दों की गूढ़ता को समझिये यानि महंत धीरेन्द्र शास्त्री के बढ़ते प्रभाव की बौखलाहट ने ही उस सत्य को बोलने को विवश कर दिया, जिसे कट्टरपंथी सामने नहीं आने दे रहे थे, यानि उन्हीं के श्रीमुख से कहलवा दिया। यही तो श्री बजरंगबली का चमत्कार है। यही कारण है कि छद्दम धर्म-निरपेक्षों ने संस्कृत को ज्यादा महत्व नहीं दिया। अक्सर अपने लेखों में अल्लाह और 786 का हिंदुत्व यानि सनातन से सम्बंधित होने का उल्लेख करता रहा हूँ। लेकिन मदनी को लेकर टीवी पर होती चर्चाओं ने मेरी जानकारी में नमाज और नमस्ते के बीच समानता होने का ज्ञानवर्धन कर दिया। मदनी ने जिस Pandora Box को खोला है, अक्ल से पैदल कट्टरपंथियों की समझ से शायद बाहर है।
खैर, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने शंकराचार्य से मौलाना मदनी के दावों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि अल्ला शब्द संस्कृत का है। उनके अनुसार जो लोग संस्कृत व्याकरण के जानने वाले हैं, उन्हें यह ज्ञात होगा। उन्होंने लघुकौमुदी (लघुसिद्धान्तकौमुदी) नामक संस्कृत व्याकरण पुस्तक पढ़ने की सलाह देते हुए कहा कि अल्ला शब्द संस्कृत का है, शक्ति और मातृ शक्ति के लिए इसका प्रयोग होता रहा है।
नीचे जो वीडियो है, उसमें यह प्रश्न और उत्तर 3 मिनट 33 सेकेंड से सुना जा सकता है। इसमें आगे स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने जोर देते हुए कहा कि सभी के पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य हिंदू ही थे। उन्होंने बृहदारण्यक उपनिषद् का उल्लेख करते हुए कहा कि मनुष्यों की उत्पत्ति मनु-शतरूपा द्वारा हुई है।
अल्लाह (Allah) और अल्ला (Alla) शब्द का विवाद नया नहीं है। इस विवाद के पहले भी लोग शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से अल्ला शब्द और अल्लोपनिषद (अल्ला उपनिषद) को लेकर सवाल पूछ चुके हैं। उन्होंने तब भी उसका जवाब दिया था। नीचे के वीडियो में 40 वें सेकेंड से शंकराचार्य अमरकोष और लघुसिद्धान्तकौमुदी का जिक्र करते हुए कह रहे हैं कि व्याकरण के इन पुस्तकों में अल्ला शब्द शक्ति के पर्यायवाची के लिए उपयोग किया गया है।
वहीं 1 मिनट के आगे शंकराचार्य निश्चलानंद उपनिषदों पर बात करते हैं। यहाँ शंकराचार्य बताते हैं कि मुख्य उपनिषदों के अलावा चौखम्बा प्रकाशन ने उपनिषद संग्रह में अल्लोपनिषद नाम से एक उपनिषद का प्रकाशन किया है, जिसमें नमाज ज्यों का त्यों है। शंकराचार्य जब यह कह रहे होते हैं तो उनके मुख पर भाव परिवर्तित हो जाते हैं, चेहरे पर स्पष्ट तौर से हल्की मुस्कान देखी जा सकती है। अल्लोपनिषद और नमाज का जिक्र सुनते ही सभा में बैठी भीड़ की ओर से एक हल्की हँसी भी सुनी जा सकती है।
अवलोकन करें:-
मान्यता प्राप्त 108 उपनिषदों और 13 प्रमुख उपनिषदों में अल्लोपनिषद शामिल नहीं है। स्पष्ट है कि शंकराचार्य ने अल्लोपनिषद और उसमें नमाज का जिक्र करते समय व्यंग्यात्मक भाव में जवाब दिए थे। वीडियो में आगे उन्होंने अल्ला (Alla) शब्द की वही व्याख्या की, जो व्याख्या उन्होंने दो दिन पहले 22 फरवरी 2023 को की। जाहिर है शंकराचार्य झूठ और प्रपंच का जवाब उसी शैली में दिए। मीडिया और सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसे अल्लाह (Allah) से जोड़ कर देखा, भ्रमित होकर प्रतिक्रिया भी दी।
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