उत्तर प्रदेश : मेढक मन्दिर के नाम से चर्चित देवों के देव महादेव का मन्दिर


भगवान शिव सबके प्रिय है चाहे भूत पीशाच ही क्यों न हो, वे हमेशा सर्पों से घिरे रहते हैं। 
उनके मंदिर में नंदी भी विराजमान रहते हैं। लेकिन दुनिया का एक ऐसा इकलौता मंदिर भी है जहां भगवान शिव के साथ मेंढक का भी वास है।
जी हां, शिव जी का एक मंदिर ऐसा भी है, जिसकी रक्षा बरसाती मेंढक करता है। हैरानी की बात ये है कि इस मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करने की सख्त मनाही है और मंदिर के आस पास रहने वाले लोग भी श्री हरी विष्णु की आराधना करने से कतराते है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के ओयल गाँव में है ये मंदिर और इस मंदिर की खासियत ये है कि मंदिर के बाहर एक विशालकाय मेढ़क की मूर्ति बनी हुई है।
गांव के लोंगों का मानना है कि ये मूर्ति कोई आम मूर्ति नहीं है बल्कि भगवान शिव की रक्षा करने वाली मूर्ति है। इस मंदिर में रोजाना भगवान शिव के साथ साथ इस बरसाती मेढ़क की भी पूजा होती है। यहां पर लोग पूजा करने के लिए दूर से भी आते है।
इस मंदिर के बारे में वैसे तो कई सारी मान्यताएं है कि इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति इस मेढ़क पर सवार है जो कि देखने में बहुत ही वास्तविक लगती है।
इस अद्भुत मंदिर के चर्चे काफी दूर दूर तक है। इसके दर्शन करने से गांव वालों के दुख दूर हो जाते है. ऐसा गांव वालों का मानना है।
इस मंदिर में भगवान शिव का मंदिर होने के बावजूद इस मंदिर को शिव मंदिर के नाम से कोई नहीं जानता है। जीं हां इस मंदिर को मेढ़क मंदिर के नाम से जाना है। इस वजह से ही इस मंदिर को खास कहा जाता है।
इस मंदिर को पूजने वाले लोग शिव को पूजते है क्योंकि वो शिव को अपना आराध्य मानते है। तंत्रवाद पर आधारित इस मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण मनमोह लेती है।
इसी कारण ये मंदिर औरों से अलग है। इस मंदिर को वास्तु को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया गया है।

No comments: