राजस्थान में मिला लिथियम का बड़ा भंडार (प्रतीकात्मक फोटो, साभार: WardsAuto)
फ्रांस ज्योतिष नॉस्त्रेदमस द्वारा भारत के लिए की गयी भविष्यवाणियां धरातल पर सत्यापित हो रही है। 2014 चुनावों में एक सख्त प्रशासक नेता के नेतृत्व में नयी पार्टी सत्ता में आएगी, वह भी सत्य हो गयी; भारत विश्व गुरु बनेगा, वह भी सत्य होने की लगभग सीमा के पास है; हिन्दू राष्ट्र बनेगा, वह भी लगभग चरम पर है; विश्व में भगवा लहराएगा, इस दिशा में भी कार्य प्रगति पर है आदि आदि। लेकिन भारत विश्व में नंबर 1 बनेगा, वह भी अब एक स्वप्न नहीं वास्तविकता होने जा रहा है, जिसे सार्थक सिद्ध करने सहायक बना पहले कश्मीर, जहां लीथियम का भंडार मिला और राजस्थान में।
राजस्थान में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है। इससे देश की 80% लिथियम माँग को पूरा किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि भारत को अब लिथियम के लिए चीन जैसे देशों पर निर्भर नहीं रहना होगा। लिथियम का उपयोग मोबाइल, लैपटॉप के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में किया जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लिथियम का यह विशाल भंडार राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में मिला है। इसकी खोज जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने की है। जीएसआई के अधिकारियों का कहना है कि लिथियम का यह भंडार जम्मू-कश्मीर में मिले भंडार से कहीं अधिक बड़ा है। इसी साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर में लिथियम के 59 लाख टन भंडार का पता चला था।
मौजूदा समय में दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार 210 लाख टन का है, जो कि बोलीविया में है। इसके बाद अर्जेंटीना, चिली और अमेरिका में भी बड़े भंडार हैं। इसके बावजूद 51 लाख टन लिथियम के भंडार वाले देश चीन का लिथियम के बाजार में एकाधिकार है। भारत अपने कुल लिथियम आयात का 53.76 प्रतिशत हिस्सा चीन से खरीदता है। साल 2020-21 में भारत ने 6000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य का लिथियम आयात किया था। इसमें से 3500 करोड़ रुपए से अधिक का लिथियम चीन से खरीदा गया था।
लिथियम के लिए भारत अब तक चीन, ऑस्ट्रेलिया और चिली जैसे देशों पर निर्भर है। इस विशाल भंडार के मिलने के बाद चीन का एकाधिकार खत्म होने की बात कही जा रही है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि खाड़ी देशों की ही तरह राजस्थान के साथ-साथ पूरे देश की भी किस्मत चमकने वाली है।
दिलचस्प बात यह है कि जियोलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया की टीम लिथियम की खोज नहीं, बल्कि टंगस्टन की खोज के लिए डेगाना गई थी। लेकिन वहाँ उन्होंने लिथियम का भंडार खोज निकाला। अंग्रेजी शासन के समय इस क्षेत्र में टंगस्टन का बड़ा भंडार था।
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