मुस्लिम कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेक चुकी ममता के पश्चिम बंगाल में ‘द केरल स्टोरी’ पर रोक

पश्चिम बंगाल में ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म को बैन कर दिया गया है। प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसा फैसला राज्य में नफरत और हिंसा रोकने और शांति बरकरार रखने के लिहाज से लिया गया है।

हैरान करने वाली बात यह है कि संविधान की शपथ लेकर नेतागिरी करने वाले ही आतंकी गतिविधियों को जनता के समक्ष रखने वाली फिल्मों का विरोध करना प्रमाणित करता है कि अपनी कुर्सी की चिन्ता है, जनता की नहीं। बात करते हैं #freedom of expression की। ब्रिटेन से सीरिया गयी 'आतंकी हसीना' के नाम से चर्चित लड़की की ब्रिटेन नागरिकता ही समाप्त नहीं की, बल्कि वापस देश में आने पर भी पाबन्दी लगा दी है। जिसका किसी भी पार्टी ने विरोध नहीं किया। परन्तु यही स्थिति अगर भारत में होती, कट्टरपंथियों के गले में हाथ डाल समस्त छद्दम धर्म-निरपेक्ष पार्टियां आसमान सिर पर उठा रही होती। भारत को खतरा किसी पाकिस्तान, चीन अथवा आतंकवादी से नहीं बल्कि इन छद्दम सेकुलरों से है, जो अपनी कुर्सी की खातिर किसी भी सीमा जाकर इनका समर्थन करने वालों से हैं। फिल्म का विरोध करने वाला फिल्म में गलत क्या है? क्यों सच्चाई से छुपाया जा रहा है? यदि यही मुस्लिम महिलाओं के साथ हो रही होती, क्या तब भी विरोध करते ? जनता को भी The Kashmir Files और The Kerala Story आदि फिल्मों का विरोध करने वाली पार्टियों और नेताओं का बहिष्कार कर इनकों चारों खाने चित करना होगा। 

यह ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म की कहानी ISIS में शामिल की जाने वाली लड़कियों के साथ घटित घटनाओं पर आधारित है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक एजेंडे के तहत दूसरे धर्म की लड़कियों को बहलाकर इस्लाम कबूल करवाया जाता है, फिर उन्हें आतंकी बनाकर IS भेज दिया जाता है।

फिल्म में अदा शर्मा ने शालिनी उन्नीकृष्णन का रोल निभाया है। शालिनी वो किरदार है जिसे प्यार का झाँसा देकर पहले इस्लाम के करीब लाया जाता है, फिर प्रेगनेंट करके इस्लाम कबूल करवाया जाता है और इसके बाद उसे IS जाने की ट्रेनिंग देकर सीरिया भेज दिया जाता है।

इस फिल्म को लेकर कई राज्यों में बवाल है। कहीं इस फिल्म के पोस्टर फाड़कर नारा-ए-तकबीर और अल्लाहु अकबर के नारे लगाए जा रहे हैं तो कहीं पर इसका पोस्टर लगाने पर धमकी दी जा रही है। तमिलनाडु में तो सरकार से अपील हो रही है कि इस फिल्म को बैन किया जाए जबकि थिएटर मालिकों ने खुद ही इसे चलाने से मना कर दिया है। वहीं अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने खुद इस पर प्रतिबंध का ऐलान कर दिया है।

अवलोकन करें:-

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इससे पहले ममता बनर्जी ने रामनवमी पर हिंदुओं से कहा था कि वो मुस्लिम इलाकों में न जाएँ क्योंकि ऐसा करने से माहौल बिगड़ सकता है। उन्होंने शिबपुर में भड़की हिंसा के बाद अपने बयान में यह भी कहा था कि रमजान में मुस्लिम कोई गलत काम नहीं करते। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से ये भी कहा था कि वो अल्लाह से दुआ करें कि दंगा करने वाले किसी कीमत पर न बचें।


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