कौन हैं पहलवानों के धरने को कण्ट्रोल करने वाली आन्दोलनजीवी सुदेश गोयत?

अक्सर लेखों में लिखता रहा हूँ कि जब भी देश में चुनाव या विदेशी मेहमानों का आगमन होगा, भाजपा और मोदी-योगी विरोधी आन्दोलनजीवी किसी न किसी बहाने देश में अराजकता फ़ैलाने सड़क पर आते रहेंगे। आखिर एक दबे हुए पुराने मसले को तूल देकर आन्दोलनजीवी उस महिला के सम्मान को बीच चौराहे पर उछाल तार-तार कर अराजकता फैला रहे हैं। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से हुए आंदोलन नहीं उपद्रवों में कुछ चेहरे बेनकाब हो चुके हैं, जिन्हे देख कोई समय बर्बाद किये निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि चुनाव और विदेशी मेहमानों में भारत की छवि धूमिल करने इस आंदोलन का आयोजन किया गया है। प्रमाण सामने है : इस समय चुनाव भी और G-5 समिट भी।

समय आ गया है कि जब इन आन्दोलनजीवियों पर राज्य और केंद्र सरकारों को सख्ती से पेश आने के साथ-साथ इन्हें मिलने वाली हर सरकारी सुविधा को हमेशा के लिए वापस लिया जाए। इनके बैंक खाते सील किए जाएं। इस गंभीर मुद्दे पर निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट को भी इनके साथ कोई सहानुभूति नहीं दिखानी होगी। जब तक इन आन्दोलनजीवियों और इनके गोदियों में खेलने वालों पर सख्ती नहीं होगी, देश से अराजकता समाप्त नहीं हो सकती।  

दिल्ली के जंतर-मंतर पर जारी पहलवानों का धरना प्रदर्शन क्या आंदोलनजीवियों के कंट्रोल में है? ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की जो मांग रखी थी, वो पूरा होने के बाद भी वे जंतर-मंतर पर डटे हुए हैं। हालांकि इस बीच बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना देने वाली महिला पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मई 4 को पहलवानों का केस बंद कर दिया है यानि सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में आगे सुनवाई नहीं करेगा। लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा सहित तमाम कांग्रेसी नेताओं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं का यहां बारी-बारी से धरने पर बैठने से इसने राजनीतिक रूप ले लिया है।

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हैरानी की बात यह है कि पहलवानों के प्रदर्शन में ज्यादातर वे लोग शामिल हैं जिन्होंने किसान प्रदर्शन के दौरान दिल्ली को एक तरह से घेरने का काम किया था। इसी में सोशल मीडिया में एक नाम जमकर ट्रेंड कर रहा है। यह नाम है आंदोलनजीवी सुदेश गोयत का। सुदेश गोयत मोदी सरकार के खिलाफ हरेक धरना-प्रदर्शन में शामिल होती रही हैं। सुदेश गोयत किसान आंदोलन के साथ अग्निवीर प्रदर्शन, OROP प्रदर्शन में भी शामिल रही हैं। ये प्रदर्शन के दौरान मीडिया से सामने अपने पक्ष में माहौल बनाने का काम करती है। ऐसे में सुदेश गोयत के शामिल होने से सोशल मीडिया पर लोग पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठा रहे हैं-


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