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बग़दाद में स्वीडिश दूतावास के बाहर जमा हुए इस्लामी कट्टरपंथी (फोटो साभार: AFP) |
इस घटना के कई वीडियो भी सामने आए हैं। पिछले महीने जिस व्यक्ति ने स्वीडन में कुरान जलाया था, असल में वो इराक का ही शरणार्थी था। अब उसने एक बार फिर से कुरान जलाने के लिए अनुमति माँगी है। वीडियो में देखा जा सकता है कि हजारों मुस्लिम स्वीडन के दूतावास के परिसर की बाउंड्री के ऊपर चढ़ गए और हंगामा करने लगे। एम्बेसी के भीतर भी अपने शर्ट्स खोल कर ये कट्टरपंथी घुस गए। बैकग्राउंड में बजती अलार्म की आवाज को भी सुना जा सकता है।
Hundreds of Iraqi protesters stormed the Swedish embassy in Baghdad, scaling its walls and setting it on fire in protest against a planned burning of a Koran in Sweden https://t.co/vGvx5Z5twO pic.twitter.com/UHiL1ZYQ8F
— Reuters (@Reuters) July 20, 2023
साथ ही स्वीडन के दूतावास के परिसर के भीतर नमाज भी पढ़ी गई। तड़के सुबह ही ये प्रदर्शनकारी वहाँ पहुँच गए थे। दिन होते ही सुरक्षा बल उन्हें हटाने के लिए पहुँचे। वहाँ से धुआँ निकलते हुए भी देखा गया। एक फायर ट्रक की सीढ़ियों पर चढ़ कर फायरफाइटर्स को आग बुझाते हुए भी देखा गया। स्वीडन ने जानकारी दी है कि दूतावास के कर्मचारी सुरक्षित हैं। स्वीडन के विदेश मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों पर हुए हमलों की निंदा भी की है।
स्वीडन ने इसे ‘वियना कन्वेंशन’ का उल्लंघन भी करार दिया है। साथ ही कहा कि ये इराक के प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वहाँ रह रहे विदेशी कर्मचारियों की रक्षा करे। फिनलैंड की एम्बेसी भी बदल में है। वहाँ से भी कर्मचारियों को निकाल कर सुरक्षित जगह पर ले जाया गया। इराक के विदेश मंत्रालय ने इस घटना की निंदा की, लेकिन ये नहीं बताया कि ये हुआ कैसे। इराक की पुलिस पर भी इस घटना को लेकर देर से हरकत में आने का आरोप है।
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