केंद्र की मोदी सरकार ने राजधानी स्थित नई दिल्ली जामा मस्जिद को नोटिस भेजा है। 18 अगस्त 2023 को जारी इस नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार मस्जिद का निरीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा, दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) की 123 संपत्तियों को कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के आदेश के बाद नई दिल्ली जामा मस्जिद की दीवार पर एक नोटिस चिपकाया गया। नोटिस में कहा गया था कि इस संपत्ति पर अपना दावा करने वाले लोग निरीक्षण के दौरान अपने दावे को साबित करने के लिए तैयार रहें। उन्हें संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और नक्शे जमा करने होंगे।
इस नोटिस को लेकर जामा मस्जिद के इमाम मुहिबुल्लाह नदवी ने कहा है कि मस्जिद को कोई खतरा नहीं है। उनके पास मस्जिद से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज हैं। नदवी ने कहा है कि जामा मस्जिद के निरीक्षण के दौरान मीडिया भी रहेगी तो अच्छा होगा।
जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद का इतिहास जानने के लिए ब्रिटिश काल (1865 के आस-पास) का इतिहास निकालना होगा, कहते हैं कि जब इन दोनों मस्जिदों को नामस्जिद घोषित कर इन मस्जिदों में ब्रिटिश आर्मी और घोड़े रहते थे। तब हिन्दुओं ने इन मस्जिदों के लिए धरने और प्रदर्शन कर ब्रिटिश पुलिस की लाठियां खाई थीं। तब उस समय के चर्चित सेठों छुन्ना मल और सत्यनारायण(गुड़ वाले) ने नीलामी में क्रमशः इन मस्जिदों को ख़रीदा था। 1985/86 में कांग्रेस के उर्दू डेली कौमी आवाज़ में मक्की परिवार के सदस्य का समाचार प्रकाशित हुआ था कि जिस उस सज्जन ने जामा मस्जिद के इमाम द्वारा शाही शब्द इस्तेमाल करने पर आपत्ति करने के साथ-साथ यह प्रश्न भी किया था कि सेठ छुन्ना मल ने हमें मस्जिद का मुतावल्ली बनाया था, लेकिन मस्जिद के प्रबंधक कमेटी में हमें क्यों नहीं शामिल किया जाता?
No comments:
Post a Comment