कर्नाटक : राहुल गांधी के 5 हजार करोड़ के वादों की हवा निकली, बिजली की कमी से जीन्स उद्योग बर्बादी के कगार पर

किसी भी प्रदेश या उद्योग को बर्बाद करना है तो सत्ता कांग्रेस के हाथ में सौंप दीजिए। कर्नाटक के बेल्लारी को अहमदाबाद के बाद जीन्स उद्योग का दूसरा सबसे बड़ा हब माना जाता है। कर्नाटक के चुनावों से पहले राहुल गांधी ने बेल्लारी को 5,000 करोड़ का स्पेशल पैकेज देने की घोषणा की थी। लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते ही राहुल गांधी के वादों की हवा निकल गई है। भाजपा शासनकाल में जहां प्रदेश में बिजली की कोई दिक्कत नहीं रहती थी वहीं अब कांग्रेस की सरकार आने के बाद 6 से 8 घंटे बिजली की कटौती हो रही है। इससे जीन्स उद्योग के साथ ही अन्य उद्योग बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। छोटे-छोटे उद्योग पर ताले लगने की नौबत आ चुकी है। मुफ्त की गारंटी का अंजाम यही होता है कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनते ही घोषणा कर दी गई कि प्रदेश के विकास के लिए पैसा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार देश की जनता को एक वोट की ताकत की याद दिलाते रहते हैं। इसी एक वोट की ताकत से सही और गलत को चुनना होता है। आज एक वोट की ताकत से भाजपा की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार विकास की नई-नई इबारत लिख रही है और कांग्रेस की सरकार कर्नाटक को रसातल में पहुंचा रही है।

बेल्लारी को भारत की जींस राजधानी बनाएंगेः राहुल गांधी
कर्नाटक चुनाव से पहले राहुल गांधी ने कहा था, “मैंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बेल्लारी में कुछ जींस निर्माण इकाइयों का दौरा किया, जो शहर से होकर गुजरती थी। मैंने उन इकाइयों में काम करने वाली महिलाओं की दुर्दशा देखी। मैं आपसे वादा करना चाहता हूं कि हम बेल्लारी को भारत की जींस राजधानी बनाएंगे। यह किसी सरकार का नहीं, बल्कि मेरा वादा है। हम एक जींस मैन्युफैक्चरिंग पार्क स्थापित करेंगे। मैं वह दिन देखना चाहता हूं जब हम दुनिया भर के युवाओं द्वारा पहनी जाने वाली सभी जींस पर मेड इन बेल्लारी और मेड इन कर्नाटक टैग देखेंगे। मैं कर्नाटक के मुख्यमंत्री से कहूंगा और यह काम करवाऊंगा, यह मेरा वादा है।” राहुल गांधी ने कहा कि अगर कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनाती है तो वह 5,000 करोड़ रुपये की राशि के लागत से बेल्लारी में एक परिधान पार्क और एक जींस पार्क स्थापित करेंगे।

वादा 5,000 करोड़ के स्पेशल पैकेज का, अब उद्योग ही ठप

कर्नाटक चुनाव से पूर्व राहुल गांधी ने जिस बेल्लारी को ‘जींस पार्क’ में बदलने की डींगें मारी थीं, वहां पर निरंतर बिजली कटौती से ऐतिहासिक जींस उद्योग ही ठप पड़ चुका है। बिजली की अनियमितता से लाखों श्रमिकों के रोजगार का संकट पैदा हो गया है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने ऐसी हवा बनाई थी कि जैसे 5,000 करोड़ का स्पेशल पैकेज मिलने के बाद बेल्लारी बेंगलुरु को पीछे छोड़ देगी। लेकिन हुआ क्या? पैकेज तो छोड़िए कांग्रेस के पास विकास के लिए ही पैसे नहीं हैं।

6-8 घंटे की बिजली कटौती से जीन्स उद्योग पर ताले लगने की नौबत

किसी भी उद्योग को चलाने के लिए सबसे जरूरी चीज होती है बिजली। अगर बिजली नहीं है, तो फिर कुछ काम नहीं होता। बेल्लारी में जो जीन्स उद्योग है, वहां रोजाना 6-8 घंटे की बिजली कटौती हो रही है। इसके अलावा लोड शेडिंग भी जबरदस्त चल रही है। इसके कारण कारण जीन्स उद्योग पर ताले लगने की नौबत आ गई है।

बिजली कटौती के कारण बेरोजगारी बढ़ने के आसार

बिजली कटौती के कारण जीन्स कम बन रही है। चूंकि वहां के श्रमिकों को स्थायी वेतन पर नहीं होता, उनका पेमेंट प्रति जीन्स के हिसाब से मिलता है। ऐसे में कम बिजली से कम जीन्स बन रही हैं, जिस वजह से उनकी कमाई भी कम हो रही है और लेबर दूसरे कामों को पकड़ रहे हैं, जहां उन्हें ठीक ठाक कमाई मिले। इसके कारण जीन्स उद्योग में लेबर की कमी भी होने लगी है। लेबर नहीं होगी तो काम नहीं होगा, काम नहीं होगी तो आर्डर नहीं तैयार होंगे, जिस वजह से कमाई भी कम होगी। यानि एक गलत नीति के कई साइड इफेक्ट्स हैं।

सैकड़ों छोटे उद्योग कर्नाटक छोड़ गोवा, महाराष्ट्र की सीमा में चले गए

ऐसा बताया जा रहा है कि कर्नाटक के शहरों में सरकार की मुफ्त बिजली योजना को चलाने के लिए शहरों और गाँवों में बिजली सप्लाई कम दी जा रही है। इसका प्रभाव ग्रामीण इलाकों, छोटे शहरों में उद्योग पर पड़ रहा है। गोवा, महाराष्ट्र की सीमा वाले क्षेत्रों में इसी कारण सैकड़ों छोटे मोटे उद्योग कर्नाटक छोड़ कर उन राज्यों में चले गए हैं। आने वाले समय में अन्य हजारों काम धंधे भी चले जाएंगे। इस कारण सोचिये सीमावर्ती इलाकों में कितना बड़ा पलायन हो सकता है। जिन लोगों की नौकरियां कर्नाटक में हैं, उन्हें या तो कोई और काम ढूंढना पड़ेगा, या गोवा और महाराष्ट्र जाना पड़ेगा।

कर्नाटक को हर साल कई हजारों करोड़ का नुकसान

बिजली कटौती और गलत नीतियों के कारण कर्नाटक को हर साल कई हजारों करोड़ का नुकसान होना तय है। कर्नाटक, जो कभी बिजली सरप्लस राज्य रहा करता था। आज राजस्थान और उत्तरप्रदेश से बिजली खरीद रहा है और उसी बिजली को मुफ्त में बांटा भी जा रहा है। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे बेवकूफी भरी योजनाओं, वित्तीय अनुशासन की कमी के कारण किसी भी प्रदेश या देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो सकती है। और अर्थव्यवस्था जब बर्बाद होती है तो जनता बदहाल होती है।

 किसी प्रदेश को बर्बाद करना है तो सत्ता कांग्रेस को सौंप दीजिए!

कांग्रेस की यही नीति रही है जहां भी सत्ता में जाओ वहां सब कुछ बर्बाद कर दो। राजस्थान, छत्तीसगढ़ अब कर्नाटक इसका उदाहरण है। कांग्रेस के पास एक महान कठपुतली अर्थशास्त्री भी है। जिस दिन देश की सत्ता फिर से कांग्रेस के पास आएगी, इस देश के हालात भी पाकिस्तान, श्रीलंका जैसा हो जाएगा। जहां पर कांग्रेस सरकार आएगी वहां पर बर्बादी तय है। कांग्रेस का क्या जायेगा? देश, राज्य, प्रजा बर्बाद होते हैं तो होने दो, पर कांग्रेस को सत्ता की मलाई खानी है। प्रजा को भी समझना चाहिए कि मुफ़्त की रेवड़ियां, बिजली कांग्रेस अपने फंड के पैसे से नहीं देती। वो लोगों के टैक्स के पैसे से मुफ़्त बांट रहे हैं। अगर टैक्स के पैसे देश और प्रदेश के विकास में नहीं लगेगा तो सभी की बर्बादी तय है।
कर्नाटक सरकार ने कहा- विकास के लिए पैसा नहीं
कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राज्य भर के विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष के दौरान धन के आवंटन से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी चुनाव से पहले दी गई पांच गारंटियों को लागू करना है। कर्नाटक सरकार ने कहा कि कांग्रेस की पांच गारंटी को पूरा करने के लिए 40,000 करोड़ रुपये अलग रखने पड़े हैं, इसीलिए अब विकास के लिए पैसा नहीं है।
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार कोई भी विकास योजना नहीं चला सकेगी
अंग्रेजी अखबार ‘डेक्कन हेराल्ड’ के मुताबिक कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि इस साल कांग्रेस की सरकार कर्नाटक में कोई भी विकास योजना नहीं चला सकेगी। शिवकुमार से कांग्रेस के विधायकों की उन शिकायतों के बारे में पूछा गया था, जिनमें उन्होंने सरकार को चिट्ठी लिखकर विकास के काम के लिए धन न दिए जाने की बात कही थी। डीके शिवकुमार ने कहा कि 5 मुफ्त वादों को पूरा करने के लिए कर्नाटक सरकार ने इस साल 40000 करोड़ रुपए रखे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि सिंचाई और निर्माण के कामों के लिए भी इस साल पैसा नहीं दे सकेंगे। शिवकुमार ने कहा कि हम कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अपने विधायकों को इस बारे में बताएंगे।
विकास के लिए पैसा नहीं, राजीव गांधी की प्रतिम पर खर्च होंगे 1 करोड़
रेवड़ियों का वादा करके सत्ता में आई कर्नाटक की कांग्रेस सरकार जनता के पैसे की बर्बादी के नए आयाम बना रही है। कर्नाटक सरकार अब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तांबे की प्रतिमा पर एक करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। यह स्थिति तब है जब पहले से ही वहां पर राजीव गांधी की पत्थर की प्रतिमा लगी हुई है। इस कदम को लेकर अब पार्टी के भीतर से भी प्रश्न उठ रहे हैं।
एससी-एसटी फंड का उपयोग अब फ्री की गारंटी के लिए
विकास के कामों को बंद करने के बाद अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की दृष्टि अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी-एसटी) के कल्याण के लिए उपयोग किए जाने वाले फंड पर पड़ गई है। कांग्रेस सरकार ने अपनी चुनावी गारंटियों को पूरा करने के लिए अब इस फंड से 11,000 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है

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