गाजा में मर रहे बच्चों पर दुनिया चुप क्यों? दुखी हो इरफान पठान ने पूछा, जवाब मिला – इजरायली बच्चों की मौत पर 1 महीने तक खुद क्यों थे चुप, क्यों नहीं लिखा

                                                                                                   साभार: इरफान पठान फेसबुक अकाउंट
भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान को गाजा की फ्रिक्र सताने लगी है। इस युद्ध के कारण गाजा में जो बच्चे मारे जा रहे हैं, उन सबको लेकर इनका दिल दुख रहा है। ये दुनिया भर के नेताओं से अपील करके कह रहे हैं कि युद्ध रोकने में वे लोग मदद करें। गाजा के बच्चों के मारे जाने पर दुनिया भर के लोग शांत हैं, चुप हैं… इरफान पठान को इस बात का दुख है।

इरफान पठान ने ट्वीट कर अपने दुख को जाहिर किया है। उनके ट्वीट में सिर्फ गाजा में मारे जा रहे बच्चों की बात है। इसके लिए वो पूरी दुनिया को कोसने से भी गुरेज नहीं कर रहे। उन्होंने एक खिलाड़ी के तौर अपील तक कर डाली है कि दुनिया भर के नेता एकजुट होकर इन असंवेदनशील हत्याओं पर रोक लगाएँ।

अपने एक्स हैंडल पर इरफान ने पोस्ट किया, “गाजा में हर दिन 0-10 साल के मासूम बच्चों की जान जा रही है और दुनिया चुप है। एक खिलाड़ी के रूप में, मैं केवल कह सकता हूँ, लेकिन दुनिया के नेताओं के लिए एकजुट होने और इस संवेदनहीन हत्या को खत्म करने का वक्त आ गया है।”

3 नवंबर 2023 को इरफान पठान ने ट्वीट किया है। ट्वीट में गाजा के बच्चों की मौत का जिक्र है। लेकिन एक महीने पहले इस्लामी हमास आतंकियों ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में घुस कर कत्लेआम मचाया था। महिलाएँ-बच्चे सबको बेरहमी से मारा था। इरफान के एक्स हैंडल पर तब इससे संबंधित एक भी ट्वीट नहीं था… मतलब इजरायली बच्चों की मौत पर खुद इरफान चुप रहे, लगभग एक महीने तक। सोशल मीडिया के जमाने में नेटिजन्स ने तुरंत ही उनके टाइमलाइन का स्क्रीनशॉट शेयर कर दिया… और शुरू हो गया इरफान का छीछालेदर।

6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक इरफान पठान के अंदर का इंसान नहीं जागा… जबकि इस्लामी हमास आतंकियों ने 7 अक्टूबर को मचाया था कत्लेआम

पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान इजरायल-हमास युद्ध के बीच सिर्फ गाजा में बच्चों की मौत पर दुनिया के चुप्पी साधने पर कोस रहे हैं, लेकिन कोई इनसे पूछे कि क्या इजरायल में इस्लामी हमास आतंकियों के हमले में मारे गए बच्चे क्या बच्चे नहीं थे? क्या वो असंवेदनशीलता का चरम नहीं था? इस दोगलेपन का जवाब शायद उनके पास न हो।

7 अक्टूबर 2023 को जब हमास ने इजरायल पर हमला किया तो तब उनकी जबान हमास के इस वहशीपन के नरसंहार के खिलाफ क्यों नहीं खुली, वो चुप्पी साधे क्यों बैठे रहे? इस हमले के दिन और उसके एक दिन बाद भी उनके अंदर का ये संवेदनशील इंसान नहीं जागा। वो कहीं किसी क्रिकेटर और कहीं टीम तो कही बॉलीवुड के सितारों के साथ मजा करते नजर आए।

7 से 8 अक्टूबर तक इरफान पठान लगातार विश्व कप 2023 के खिलाड़ियों की तारीफ में मशगूल रहे थे। उन्हें तब न तो इजरायल में मारे गए लोग दिख रहे थे, न बच्चे और न वो युवतियाँ जिनकी इस्लामी हमास आतंकियों ने मौत के बाद भी सड़कों पर नंगी परेड निकाली थी। तब उनकी इंसानियत शायद झपकी ले रही थी और उनका रहम दिल टाइप की धड़कनें किसी और के लिए धड़क रही थीं।

इरफान 9 अक्टबूर 2023 को जैकी श्रॉफ के बेटे टाइगर श्रॉफ और कीर्ति सेनन की मूवी गणपत का शो देखकर कह रहे थे कि मजा आ गया। 11 अक्टूबर 2023 तक भी उन्हें इजरायल के बच्चे याद नहीं आए, जब उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर खिलखिलाती हुई अपनी तस्वीर पोस्ट की।

इरफान पठान के दोहरे रवैये पर सोशल मीडिया यूजर्स ने आईना दिखाने में देर नहीं की। इरफान पठान के फेसबुक अकाउंट पर गाजा के बच्चों के लिए की गई पोस्ट पर सूर्यभान ने लिखा, “इरफान सर यह जो हो रहा है, बिल्कुल गलत हो रहा है। हम आपकी बातों से सहमत हैं, लेकिन जो गाजा के लोगों ने किया, क्या वह सही था? जब पता है कि हम इतने ताकतवर नहीं हैं, इजरायल के साथ लड़ नही सकते हैं तो क्या जरूरत थी इजरायल के लोगों को मारने की? पहले शुरुआत गाजा के लोगों ने की है तो उसका अंजाम भुगत रहे हैं वह लोग।”

वहीं अजीत मित्रा ने लिखा, “मैं गाजा में अत्याचारों का समर्थन नहीं करता, लेकिन इजराइल में जो जानें गईं, वे भी महत्वपूर्ण हैं। उनके लिए कुछ शब्द कहें।”

इरफान पठान की पूरी टाइमलाइन देखने पर बच्चों की मौत को लेकर सिर्फ एक ट्वीट मिला। 20 अक्टूबर 2023 का। लेकिन जैसे गाजा के बच्चे को चिह्नित करते हुए उन्होंने आज ट्वीट किया, उसमें ऐसा कुछ नहीं।

इरफान पठान के इसी दोगलेपन का एक वाकया साल 2022 में सामने आया था। तब रामनवमी, हनुमान जयंती जैसे कई त्योहारों पर पत्थरबाजी और जहाँगीरपुरी सहित कई इलाकों में हिंसा और बुलडोजर एक्शन के बीच इरफ़ान ने भारत पर तंज कसते हुए एक ट्वीट किया था।

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