सुभाष चन्द्र
कल यदि The Kashmir Files की तरह The Israel Files फिल्म बना कर हमास की निर्दोष इज़रायली बच्चों और महिलाओं पर की गई बर्बरता दिखाई जाए तो उसे हमारे देश के “सेकुलर” ही नहीं दुनिया के बहुत लोग Propaganda फिल्म बता देंगे जैसे एक महीने पहले कुछ हुआ ही नहीं - आज वह हमास सुरंगों में घुसा हुआ जान बचा रहा है, अस्पतालों / शरणार्थी शिविरों में छुप कर उन्हें ढाल बना रहा है और जब इज़रायल उन्हें खदेड़ने के लिए हमला कर रहा है तो उसे बदनाम कर रहा है -
एक तरफ हमास ने युद्ध शुरू किया वहशी दरिंदों की तरह इज़रायल ने निर्दोष नागरिकों पर हमला करके तो दूसरी तरफ हिज़्बुल्लाह भी कूद पड़ा है जबकि लेबनान कह रहा है कि वह इज़रायल से युद्ध नहीं चाहता - इतना ही नहीं दूर बैठे यमन के हुती विद्रोही भी इज़रायल से लड़ने आगे आ रहे हैं जो पहले ही सऊदी अरब से उलझे हुए हैं - ऐसे में सऊदी अरब हूती का साथ देगा या इज़रायल के साथ रहेगा, यह भी सवाल है
तुर्किये का NATO में क्या रोल है -कितने आतंकी लड़ेंगे इजराइल से
उधर वैसे तो नॉर्वे समेत कुछ NATO सदस्य इज़रायल का विरोध कर रहे हैं परंतु तुर्किये तो ईरान की तरह मौका मिलते ही युद्ध में कूदने को तैयार है - NATO देशों पर यदि कोई हमला होता है तो सभी सदस्य देश उस NATO सदस्य पर हमला करने वाले देश के खिलाफ युद्ध करते हैं - लेकिन यदि तुर्किये इज़रायल के साथ युद्ध में उलझता है तो क्या NATO देश इज़रायल से युद्ध करेंगे जबकि अमेरिका और यूरोप के अनेक NATO सदस्य देश इज़रायल के साथ खड़े हैं - ऐसे में तुर्किये का NATO में क्या रोल है, यह समझ से परे है -
The United Nations General Assembly has passed a resolution calling for an immediate humanitarian truce between Israel and Hamas and demanding aid access to Gaza -
इस प्रस्ताव में भारत ने वोट नहीं किया और इसमें भारत ने कुछ गलत भी नही किया क्योंकि UNO युद्ध शुरू होने से ही इज़रायल के विरुद्ध पक्षपात कर रहा है - इस प्रस्ताव में एक तरह से इज़रायल को हमास के बराबर बता दिया गया जबकि युद्ध की स्तिथि हमास ने खड़ी की और उसकी बर्बरता की कड़े शब्दों में एक बार भी UN ने निंदा नहीं की -
किस Humanitarian Truce की बात कर रहा है UN जब हमास ने 240 निर्दोष नागरिकों को बंधक बनाया हुआ है - उन बंधकों को रिहा कराने के लिए UN ने क्या कदम उठाए हैं, कोई नहीं जानता जबकि उसकी मंशा केवल इज़रायल को कटघरे में खड़े करने की है -
एक बात निश्चित है कि जिस दिन इज़रायल बंधकों को रिहा कराने में सफल हो गया, उस दिन “हमास” को क़यामत झेलनी पड़ेगी क्योंकि फिर हर सुरंग में छिपे हमास के आतंकियों को मारने के लिए इज़रायल कुछ भी कर सकता है -
ये सुरंग बनाने का धंधा जो हमास ने शुरू किया है, उसके लिए भारत को भी पाकिस्तान की हरकतों पर ध्यान रखना होगा क्योंकि यह शरारत पाकिस्तान ने भी की हो सकती है -
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