दिल्ली : 2015 से 2023 आ गया लेकिन केजरीवाल का 5 साल खत्म नहीं हुआ; यमुना के नाम पर 6800 करोड़ रुपये खर्च हुए, फिर भी यमुना मैली की मैली!

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 2015 से यमुना नदी की सफाई को लेकर झूठा वादा करते आ रहे हैं। हर साल उन्होंने दिल्ली वासियों को वादों का झुनझुना ही थमाया। हर बार उन्होंने अगले साल यमुना की सफाई करने का वादा कर लोगों को बरगलाया। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर भी दिल्ली में यमुना नदी के घाटों पर प्रदूषण की भरमार रही। प्रदूषण की वजह से यमुना का पानी झाग-झाग हो गया। लेकिन अपनी नाकामी छिपाने के लिए पिछली बार की ही तरह इस बार भी केजरीवाल सरकार ने छठ पूजा से पूर्व यमुना में केमिकल का छिड़काव करवा दिया। यह केमिकल न केवल जलीय जीव-जंतु के लिए विषैला है बल्कि छठ के व्रती लोगों के लिए काफी नुकसानदायक है। इससे स्किन की बीमारी भी हो सकती है। लेकिन ‘दिल्ली के मालिक’ को यमुना की सुध नहीं आई, वे अपना शीश महल बनवाने में मगन रहे। ये हाल तब है जबकि केजरीवाल सरकार ने यमुना की सफाई के नाम पर 6,856 करोड़ रुपये खर्च कर दिए।

अगर छठ हिन्दू त्यौहार होने की बजाए किसी अन्य मजहब का त्यौहार होता, क्या तब भी यमुना इतनी गन्दी रहती? यमुना की सफाई न होने के कारण वर्षा के कारण दिल्ली डूब गयी, लेकिन इस मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यमुना की सफाई नहीं करवाई। यदि यमुना की सफाई हो रही होती, दिल्ली डूबती नहीं। लेकिन केजरीवाल और इनकी पार्टी टीवी पर अपनी कमी दूसरे राज्यों पर डालते रहे। जबकि एक चर्चा में हरियाणा के प्रवक्ता ने केजरीवाल के प्रवक्ता ऐसा धोया कि उसके पास कोई जवाब नहीं था। अगर यमुना की सफाई हो, दिल्ली की पानी समस्या भी काफी सीमा तक समाप्त हो जाएगी, क्योकि यमुना में गहराई नाममात्र की है, जिस कारण दिल्ली में रुकने वाला पानी, आगे निकल रहा है।  

केजरीवाल ने यमुना के नाम पर 6800 करोड़ खर्च किए
यमुना की सफाई को लेकर 2015 से तारीख पर तारीख देते आ रहे केजरीवाल ने अब नई तारीख दी है। अब उन्होंने यमुना की सफाई की नई तारीख 2025 मुकर्रर की है। शराब घोटाले से लेकर तमाम वित्तीय अनियमितताओं में फंस चुके केजरीवाल सरकार ने यमुना के नाम पर भी बड़े घोटाले को अंजाम दिया है। पिछले पांच साल में दिल्ली सरकार ने यमुना के नाम पर 6800 करोड़ रूपये का बंदरबांट किया फिर भी यमुना पहले से ज्यादा मैली है। प्रदूषण और गंदगी के चलते यमुना का पानी कई जगहों पर जहरीला हो चुका है, लेकिन केजरीवाल विज्ञापनों में मस्त हैं, प्रधानमंत्री को अनपढ़ कहने में व्यस्त है। इससे पता चलता है कि दिल्ली के विकास को लेकर उनकी नीयत ही साफ नहीं है। जनता की गाढ़ी कमाई का हजारों करोड़ रूपया विज्ञापन में और घोटालों में बहाने वाले केजरीवाल को अब जनता पहचान चुकी है और अगले चुनाव में उनको माफ नहीं करने वाली।

केजरीवाल ने यमुना में झाग बनाने के लिए 6800 करोड़ रुपये खर्च
75 साल में कोई भी सरकार बहते हुए पानी में झाग नहीं बना सकी थी। केजरीवाल ने यमुना में झाग बनाने के लिए 6,856 करोड़ रुपये खर्च कर दिए और वो भी यमुना के बहते पानी में। नदी में झाग बनाने का जो काम अमेरिका जैसा विकसित देश भी नहीं कर सका वो काम केजरीवाल ने कर दिखाया। यमुना में झाग बनाने वाले इसी केजरीवाल ने कहा था कि यमुना नदी को इतना साफ कर देंगे कि लोग इसमें डुबकी लगा सकेंगे। लेकिन इनकी नाकामी की वजह से आज भी यमुना मैली हैं।

यमुना को गंदा होने में 70 साल लगे, दो दिन में सफाई नहीं हो सकतीः केजरीवाल
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, केजरीवाल ने 2021 में एक प्रेस कांफ्रेस कर यमुना की गंदगी पर चिंता जाहिर की थी। साथ ही छह एक्शन प्वाइंट्स भी बताए। उन्होंने कहा कि 2025 तक यमुना की सफाई पूरी कर ली जाएगी। केजरीवाल ने कहा कि अगले चुनाव तक यमुना को पूरी तरह साफ कर लिया जाएगा और मैं इसमें आपके साथ डुबकी भी लगाऊंगा। केजरीवाल ने कहा कि मैं जो कहता हूं वो करता हूं। केजरीवाल ने कहा कि यमुना नदी को इतना गंदा होने में 70 साल लगे। दो दिन में इसकी सफाई नहीं हो सकती। मैंने दिल्ली के चुनावों में लोगों से वादा किया था कि अगले चुनावों तक इसे साफ कर दिया जाएगा। हमने युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। हमारे पास इस पर छह एक्शन प्वाइंट हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रहा हूं।

इसमें दो राय नहीं कि यमुना दिल्ली में केजरीवाल सरकार के आने बाद ही इतनी गन्दी हुई है, जिसका उदाहरण निगम बोधघाट पर बना संगम घाट है। जो चीख-चीखकर कह रहा है, यमुना नदी पवित्र नहीं अपवित्र हो गयी है। संगम घाट क्यों बना, इसका उत्तर तत्कालीन चांदनी चौक सांसद ताराचंद खंडेलवाल के अंतिम संस्कार में सम्मिलित समस्त पार्टियों से पूछो। लेकिन यमुना में जितने छाग अब बन रहे हैं, जो प्रमाणित कर रहे हैं कि यमुना नदी की सफाई पर लेशमात्र भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। 

अपने एक समागम में हिन्दू धर्म गुरु देवकी नंदन ठाकुर ने कहा था कि गंदे नाले सीधे रूप से नदी में गिरने की बजाए नदी के समान्तर एक गड्डे बना दिए जाएं, और उनकी समय-समय पर सफाई होती रहे, उससे गंद खाद आदि के काम जाएगा और गन्दा पानी भी सीधा नदी में नहीं मिल पाएगा। यमुना में गिरते नालों का एक कारण और भी है, खेतों का समाप्त होना, पहले नालों का काफी पानी खेतों में प्रयोग हो जाता था, लेकिन अब लहराते खेतों की जगह ऊँची-ऊँची इमारतों और समाधियों का होना।  

2015 से 2023 आ गया लेकिन केजरीवाल का 5 साल खत्म नहीं हुआ
केजरीवाल लगातार अपने भाषणों और बयानों में यमुना को साफ़ और निर्मल करने की बात दोहराते आए हैं, लेकिन इनमें से कोई भी काम जमीन पर नहीं उतारा जा सका है। वे लगातार यमुना की सफाई जैसे मुद्दों पर राजनीति करने और अन्य राज्यों तथा केंद्र सरकार पर दोष मढ़ते रहे हैं।

यमुना में जहरीली झाग को दबाने के लिए केमिकल का छिड़काव
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा से पहले केजरीवाल सरकार ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए यमुना में ज़हरीली झाग को दबाने के लिए केमिकल का छिड़काव करवा दिया। इस केमिकल से क्या यमुना का पानी दूषित नहीं होगा? जीव-जंतुओं व श्रद्धांलुओं को नुकसान नहीं पहुंचाएगा? केजरीवाल सरकार को पूरे साल याद नहीं रहता है, जब छठ पूजा आती है तो अपनी नाकामी छुपाने के लिए केमिकल का छिड़काव करते हैं। यदि यह केमिकल हानिकारक नहीं है तो पूरे साल इसका छिड़काव क्यों नहीं किया जाता है? केंद्र सरकार के द्वारा यमुना सफाई हेतु लाखों करोड़ रुपए दिए जाने के बाद भी यमुना की स्थिति आज भी बदहाल है जब कि ये दिल्ली की लाइफ लाइन है।

2015: यमुना को इतना साफ कर देंगे कि लोग यहां पिकनिक मनाएंगे
अरविंद केजरीवालः पांच साल के अंदर अपने को ऐसे करना है कि दिल्ली के एक-एक व्यक्ति को यमुना के तट पर लाना है और एक-एक व्यक्ति को यमुना के लिए गौरवान्वित करवाना है कि हां दिल्ली में जो यमुना बह रही है वो हमारी अपनी यमुना है। और ये दिल्ली की लाइफलाइन है।
मनीष सिसोदियाः यमुना को लेकर एक बड़ा कमिटमेंट हमारा ये है अध्यक्ष महोदय कि इसकी हम पूरी सफाई करेंगे। इसकी पूरी सौंदर्यीकरण की योजना बनाई है। और इस सफाई और सौंदर्यीकरण की योजना के बाद, इसमें समय लगेगा लेकिन अगले कुछ साल में और पांच साल खत्म होने से पहले-पहले ये हमारा कमिटमेंट है कि यमुना को पूरी तरफ साफ करना है। ऐसा साफ कर देंगे, यमुना को इतना साफ कर देंगे कि लोग यहां पिकनिक मनाने आ सकें, बोटिंग करने आ सकें। और लोग गर्व करें ये हमारे राज्य की नदी है।

यमुना की सफाई पर केजरीवाल के बदलते बयान
अरविंद केजरीवाल 2016 – और ये दिल्ली की लाइफलाइन है।
अरविंद केजरीवाल 2019 – अगले चुनाव के अंदर, ये वाला चुनाव नहीं पांच साल के अंदर, अगले चुनाव के पहले आपके सारे गांव को ले जाकर उसमें डुबकी लगवा दूंगा मैं।
अरविंद केजरीवाल 2020 – यमुना को साफ किया जाएगा और जैसा कि मैं अक्सर कहता हूं कि पांच साल तो लगेंगे लेकिन पांच साल के अंत में मैं आपको सबको यमुना में डुबकी तो जरूर लगवा दूंगा मैं।
अरविंद केजरीवाल 2021 – हम 2025 फरवरी तक यमुना को जरूर साफ कर लेंगे।
अरविंद केजरीवाल 2023 – मैंने आपको एक प्रॉमिस किया हुआ है कि अगले चुनाव से पहले आपके साथ यमुना में डुबकी लगाऊंगा। वो कर दूंगा पूरा। हां, 2025 का जो चुनाव है।

यमुना दिल्ली से यूपी में जाती है, दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने यमुना को उल्टा बहा दिया
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मारलेना UP से कह रही है कि वह फोम वाला गंदा पानी यमुना में ना छोड़े..जबकि यमुना दिल्ली होते हुए फिर यूपी में प्रवेश करती है और यह जिस बैराज की बात कर रही है उस बैराज से पानी दिल्ली में आता ही नहीं है। सोचिए यह दिल्ली की शिक्षा मंत्री हैं! जो कह रही हैं कि उल्टी यमुना यूपी से दिल्ली की ओर बहती है। लेकिन तथ्य यह है कि यमुना यमुनोत्री (उत्तराखंड) से पानीपत (हरियाणा) तक बहती है फिर दिल्ली से आगरा (यूपी) और अंत में प्रयागराज (यूपी) तक जाती है।

केजरीवाल ने कहा- 6 प्वाइंट एक्शन प्लान से साफ होगी यमुना
दिल्ली सरकार का बजट पेश होने के बाद केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में 22 मार्च 2023 को कहा कि यमुना की सफाई के लिए 6 सूत्रीय कार्ययोजना बनाई गई है। सरकार इस योजना पर काम करेगी। सभी कॉलोनियों को सीवेज से जोड़ा जाएगा और यमुना नदी की सफाई के लिए सीवेज शोधन संयंत्रों की क्षमता बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि 2025 के अगले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मैं आपके साथ यमुना में डुबकी लगाऊंगा। यहां सवाल यह उठता है कि पिछले नौ साल से केजरीवाल ने यमुना की सफाई की बात तो की लेकिन उस पर काम क्यों नहीं हुआ।

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