तांबे के पात्र में जल एक चुटकी रोली या लाल चंदन का चूर्ण, हल्दी, अक्षत, एक लाल पुष्प और गायत्री मंत्र के साथ सात बार दें।चंद्रमा को पूर्णिमा को दिन दूध का अर्घ्य दें
चांदी के पात्र में थोड़ा सा दूध लेकर के चंद्र उदय होने के बाद संध्या काल में अर्घ्य दें। चंद्र को अर्घ्य देना मन में आ रहे समस्त बुरे विचार, दुर्भावना, असुरक्षा की भावना व माता के स्वास्थ्य को तत्काल नियंत्रित कर लेता।
भगवान गणेश को विशेष अर्घ्य दें
जब भी कोई नया काम करें, या किस विशेष काम के लिए जा रहें है और और कोई विधि न मालूम हो तो भगवान गणेश को मिट्टी या धातु(तांबा, पीतल) के पात्र से जल में दूर्वा, अक्षत, रोली, हल्दी चूर्ण, इत्र, कुमकुम, चंदन का चूर्ण, एक रुपए का सिक्का और एक खड़ी सुपारी डालकर अर्घ्य देने के बाद अपना काम शुरू कर दें
ग्रह बाधा दूर करने के लिए अर्घ्य दें
ग्रह बाधा दूर करने के लिए नियमित स्नान ध्यान से निर्वित हो कर पीपल के पेड़ में अर्घ्य देना शास्त्रिय मान्यता में विशेष स्थान रखता है।
संकठा मां को अर्घ्य दें
जब घर में कोई देविय प्रकोप हो, घर के किसी सदस्य को ज्वर या गंभीर रोग हो जाए तो ऐसी स्थिती में नियमित नीम के वृक्ष में संकठा मां का ध्यान करके अर्घ्य देना दो धूप बत्तियां जलाने और कुछ मीठा भोग लगाने से तत्काल लाभ होता है
This is the way, how Men & Women should do Pranam to Bhagwan. pic.twitter.com/0ualoVQCmE
— Lost Temples™ (@LostTemple7) November 9, 2023
No comments:
Post a Comment