राहुल गांधी को “पप्पू” कहने से बेहतर होगा Soros और Jinping का पालतू कहा जाए क्योंकि उन्हीं की रोज रोज फेंकी हुई हड्डियां चबाता है राहुल गांधी। एक हमला करता है मोदी/अडानी पर और उधर से Soros सीधा जेब में पैसा डालता है।
George Soros के ही प्रोजेक्ट चला रहा है राहुल गांधी भारत में और उसके पैसों से ही देश भर में केरोसिन छिड़क दिया है। राहुल गांधी कहता है कि बिजली का बटन दबाते हो तो उससे मिलने वाली बिजली का पैसा सीधा अडानी को जाता है। किसान बिल सरकार लाइ थी किसानों की जमीनें हड़पने के लिए।
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लेखक सुभाष चंद्र |
अब कल हड्डी चबाने के लिए लगता है Soros ने और फेंकी है कि एक बार फिर शोर मचा दो कि हमारे फ़ोन hack कर रही है सरकार, जासूसी कर रही है। राहुल गांधी हल्ला ठोक रहा है मेरा फ़ोन ले लो, जांच करा लो। महुआ मोइत्रा भी चीख रही है कि उसका फ़ोन भी हैक हुआ है, यह वह Lady है जिसके सारे पत्ते दर्शन हीरानंदानी के साथ खुल चुके हैं।
आज राहुल गांधी कह रहा है उसका फ़ोन ले लो। वाह बेटा, बहुत श्याणा है, जब पेगासस जांच में सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने फ़ोन मांगे थे तो क्यों नहीं दिया था। शिकायत करने वाले 26 लोगों में केवल 2 ने अपने फ़ोन दिए थे।
एप्पल कंपनी का Alert 2021 का है और उन्होंने iOS update करने की सलाह दी थी। यह update कराने में क्या प्रॉब्लम है और आज 2 साल बाद क्यों चिल्लपों क्यों कर रहे हो।
सरकार यदि विपक्ष के नेताओं पर नज़र नहीं रख रही तो रखनी चाहिए। राहुल गांधी तो समांथा पवार से गुपचुप उज्बेकिस्तान में मिलकर भारत के 8 नेवी के अधिकारियों को फांसी दिलवा सकता है तो फिर वह Soros, ओबामा jinping या पाकिस्तान के अपने साथियों से फ़ोन पर कुछ भी निर्देश ले सकता है। कौन जाने कांग्रेस का या विपक्ष का कौन नेता “हमास” से सांठगांठ कर देश में दंगे करने के साजिश कर रहा हो। किसी ने तो हमास के पूर्व अध्यक्ष से बात की होगी जो उसने केरल की रैली को संबोधित किया।
आज विपक्ष ने खासकर राहुल गांधी और कांग्रेस ने जिस स्थिति में देश को लाकर खड़ा कर दिया है, उससे बचाव के लिए विपक्ष पर ही नहीं न्यायपालिका पर भी नज़र रखनी जरूरी है।
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