केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के इस दावे को खारिज कर दिया है कि राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड से उनकी झाँकी को अस्वीकार करना राजनीति से प्रेरित है। सरकार ने मुख्यमंत्रियों के उन दावों का खंडन किया और कहा कि यह निर्णय गैर-राजनीतिक विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा किया गया है। इसे क्षेत्रीय गौरव के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
कहा जा रहा है कि केंद्र के सूत्रों ने कहा, “यह एक गलत मिसाल है, जिसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा एक वस्तुनिष्ठ प्रक्रिया के परिणाम को केंद्र और राज्यों के बीच टकराव के बिंदु के रूप में चित्रित करने के लिए अपनाया गया है। यह देश के संघीय ढाँचे को काफी हद तक नुकसान पहुँचाता है। इन मुख्यमंत्रियों के पास शायद कोई सकारात्मक एजेंडा नहीं है, इसलिए हर साल गलत सूचना के तहत उसी पुरानी चाल का सहारा लेना पड़ रहा है।”
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब गणतंत्र दिवस परेड में केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों की झाँकियों को अस्वीकार कर दिया गया है। विपक्ष दलों द्वारा शासित सभी राज्यों ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यह सब कुछ जानबूझकर किया गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में अपना गुस्सा और निराशा व्यक्त किया है।
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि उनके राज्य की झाँकी को बिना स्पष्टीकरण के खारिज कर दिया गया था। केरल के कुछ नेताओं ने इसे केंद्र सरकार द्वारा किया गया अपमान बताया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने अपने पत्र में कहा कि जुलूस में तमिलनाडु के प्रमुख मुक्ति नायकों की झाँकी शामिल नहीं करने से उन्हें निराशा हुई।
குடியரசு தின அணிவகுப்பில், தமிழ்நாட்டிலிருந்து நாட்டின் விடுதலைக்காகப் போராடிய வீரர்களின் உருவங்கள் அடங்கிய ஊர்தி இடம்பெறுவது மறுக்கப்பட்டிருப்பது குறித்து மாண்புமிகு முதலமைச்சர் @mkstalin அவர்கள் மாண்புமிகு பிரதமர் @narendramodi அவர்களுக்குக் கடிதம் எழுதியுள்ளார். pic.twitter.com/l33BpS3WXc
— CMOTamilNadu (@CMOTamilnadu) January 17, 2022
इस मामले में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की।
No comments:
Post a Comment