भारत के किसी भी राज्य में होने वाले चुनाव में दिल्ली और पंजाब मॉडल को लेकर कूदने वाले अरविन्द केजरीवाल की पार्टी की तीनो हिन्दी बेल्ट राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पतंग कन्नों से काट दी। तीनों राज्यों ने केजरीवाल के दिल्ली मॉडल और फ्री की रेवड़ियों को सिरे से नकार ज़मीन पर पटक धूल चाटने को मजबूर कर दिया यानि NOTA से भी कम वोट। कभी किसी विभाग का फण्ड रोक कर्मचारियों को चार-चार महीने वेतन की प्रतीक्षा करनी होती। यमुना नदी की सफाई के लिए मिले फण्ड को विज्ञापन आदि पर खर्च कर, पवित्र नदी को दूषित कर दिया है। लोग बदहाल हुई दिल्ली की तरह अपने राज्य को नहीं देखना चाहते। तीनों राज्यों में केजरीवाल की हुई इतनी शर्मनाक हार पर दिल्ली वालों को शर्म भी पता नहीं आएगी या नहीं।
भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीनों हिन्दी भाषी राज्यों में जीत दर्ज की है। मध्य प्रदेश में उसने सत्ता वापस हासिल करने में सफलता पाई है तो वहीं राजस्थान और छतीसगढ़ से उसने कॉन्ग्रेस को बाहर कर दिया है। कॉन्ग्रेस भी तेलंगाना जीतने में सफल रही है। लेकिन इन चुनावों में हिस्सा लेने वाली आम आदमी पार्टी की हालत अब भी खराब है।
आम आदमी पार्टी ने इनमें से मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और राजस्थान में अपने 215 उम्मीदवार उतारे थे। राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी जम कर प्रचार किया था। हालाँकि, इन राज्यों के चुनावी नतीजों में AAP कहीं नहीं दिख रही है।
राजस्थान में आम आदमी पार्टी ने 88 सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे जिनमें से एक भी जीत हासिल नहीं कर सका है। राजस्थान में पार्टी का वोट प्रतिशत भी 0.3% रहा है। इसके अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। कई जगह AAP के उम्मीदवारों से अधिक वोट NOTA (इनमें से कोई नहीं) के विकल्प को मिले हैं।
कमोबेश ऐसी ही हालत AAP की मध्य प्रदेश में भी है। यहाँ AAP ने 70 उम्मीदवार उतारे थे। मध्य प्रदेश में सिंगरौली और दमोह सीट पर इसके उम्मीदवारों की बड़ी चर्चा हुई थी। सिंगरौली में AAP की प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान मेयर रानी अग्रवाल जबकि दमोह से चर्चित टीवी एक्ट्रेस चाहत पांडे को टिकट मिला था। चाहत पांडे के कई वीडियो भी वायरल हुए थे।
चाहत पांडे दमोह में मात्र 11 राउंड की गिनती के बाद 1,418 वोट पा सकी हैं और चौथे स्थान पर रही हैं। चाहत पांडे की सीट पर भाजपा के उम्मीदवार जयंत मलैया 60 हजार वोट पा चुके हैं। रानी अग्रवाल भी अपनी सीट सिंगरौली के मुकाबले में चौथे स्थान पर रही हैं। उन्हें कुल 8,008 वोट मिले हैं। इस सीट पर भी भाजपा उम्मीदवार राम निवास शाह आगे हैं।
AAP को मध्य प्रदेश के भीतर 0.4% वोट मिला है। यहाँ भी इसके अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है।
इन दोनों राज्यों के अलावा 90 विधानसभा वाले छत्तीसगढ़ में भी AAP 57 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। यहाँ भी इसके कोई उम्मीदवार जीतने में नहीं कामयाब हो सके हैं। यहाँ इसके कई उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। छतीसगढ़ में AAP को लगभग 0.9% वोट मिले हैं।
आम आदमी पार्टी की तीनों राज्यों में इस करारी हार पर शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि भगवंत मान ने AAP को ₹500 करोड़ की मदद दी फिर भी वह इन चुनावों में एक सीट तक नहीं जीत सके।
AAP या फिर केजरीवाल की तरफ से इन चुनाव नतीजों और उनकी पार्टी के प्रदर्शन पर अभी कोई ट्वीट या आधिकारिक बयान नहीं आया है।
The puppet CM @BhagwantMann ignored Punjab for the last 6 months & spent Rs 500 crore of Punjabis to help @AamAadmiParty in elections in other States, results of which are being declared today.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) December 3, 2023
The very fact that AAP has got ZERO seats (till now) proves people in India have… pic.twitter.com/5enq91Gt2D
The vote share of AAP is less than NOTA in all the states!
— Prabhakar Naidu (@Naidutalks) December 3, 2023
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