अजीब विडंबना है, चुनावों में अपने आपको निष्पक्ष और ईमानदार बताने वाली कांग्रेस की असलियत सामने आने लगी है यानि राजस्थान की कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार की पोल चुनाव परिणाम आने से पहले ही खुलने लगी है। क्योकि सभी राजनीतिज्ञ विश्लेषक भी मानते हैं कि राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब और हिमाचल आदि प्रदेशों में हर 5 साल के बाद सत्ता बदलती रही है।
बीजेपी के पूर्व विधायक और आर्य के बेटे ने लगाए थे UIT इंजीनियर्स पर आरोप
कोटा रिवर फ्रंट को लेकर करीब दो माह पहले कोटा उत्तर से पूर्व विधायक रहे प्रहलाद गुंजल ने UIT में बड़े घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से टेंडरों में बड़े भ्रष्टाचार की बात कही थी। वहीं इसी माह 20 नवंबर को रिवर फ्रंट पर दुनिया की सबसे बड़ी घंटी निकालते हुए इंजीनियर देवेंद्र आर्य की मौत हो गई थी। इसी मामले में उनके बेटे ने भी UIT इंजीनियर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि मंत्री शांति धारीवाल के पॉलिटिकल प्रेशर के चलते उनके पिता को परेशान किया जा रहा है। अब एसीबी ने यूआईटी में चंबल रिवर फ्रंट का काम देख रहे इंजीनियर कमल मीणा पर रेड की कार्रवाई की है। कमल मीणा की मूल पोस्टिंग राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड में है। लेकिन अपनी जुगाड़ के चलते वह 10 साल से ज्यादा समय से यूआईटी में ही पोस्टेड है। यूआईटी में रहते हुए उसका प्रमोशन भी हुआ है। वर्तमान में कमल मीणा के पास एग्जीक्यूटिव इंजीनियर का चार्ज है। कोटा में करोड़ों के प्रोजेक्टों में कमल मीणा शामिल रहा है। जिनमें चंबल रिवर फ्रंट भी शामिल है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने तीन ठिकानों पर चलाया अभियान
राजस्थान के कोटा में एसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आय से अधिक संपत्ति मामले में एक सहायक अभियंता के पास भारी मात्रा में सोना, चांदी और भूखंड के दस्तावेज बरामद किए हैं। एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर इंटेलिजेंस की इकाई की टीम ने कमल मीणा के तीन अलग-अलग ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि “ब्यूरो मुख्यालय द्वारा मिली सूचना के आधार पर राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड के सहायक अभियंता कमल मीणा के विरुद्ध शिकायत का सत्यापन करने के लिए एक टीम गठित की गई। जिसके लिए एसआई डब्ल्यू जयपुर इकाई और इंटेलिजेंस यूनिट के सहयोग से ललित शर्मा विशेष अनुसंधान इकाई जयपुर के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत, एसीबी कोटा ग्रामीण और अन्य टीमों की संयुक्त कार्रवाई में सहयाक अभियंता के तीन विभिन्न ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई की गई।
यूआईटी इंजीनियर और उसकी पत्नी पर वैध आय से बहुत अधिक संपत्ति मिली
अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी के मुताबिक, ब्यूरो की प्रथम सूचना रिपोर्ट के प्राथमिक आकलन और अब तक मिले दस्तावेजों के अनुसार सहायक अभियंता कमल मीणा और उसकी पत्नी पर अनेक परिसम्पत्तियां अर्जित करने की सूचना है, जो उनकी वैध आय से आनुपातिक रूप से बहुत ही अधिक है। आरोपी इंजीनियर द्वारा अपनी अवैध आय को कोटा, जयपुर, केशोरायपाटन, बूंदी में आवासीय, व्यावसायिक भूखण्डों, फ्लैटों और म्यूचअल फण्ड, इन्श्योरेन्स आदि में निवेश की सूचना मिली है। जयपुर में एसीबी मुख्यालय को कमल मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति होने का इनपुट मिला था। जिस पर FIR दर्ज हुई है। इसके बाद जयपुर, कोटा व टोंक एसीबी की टीमों ने बुधवार सुबह से यूआईटी इंजीनियर कमल मीणा के घर व हॉस्टल पर सर्च की कार्रवाई शुरू की।
ACB को सर्च ऑपरेशन में क्या-क्या मिला?
एक अन्य टीम कोटा यूआईटी के इंजीनियर कमल मीणा के कल्पना चावला सर्किल विवेकानन्द नगर स्थित घर पहुंची। वहीं अन्य टीमों ने घर, बैंक और हॉस्टल में सर्च ऑपरेशन चलाया। इसमें ACB को करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। एसीबी के अनुसार, कमल मीणा ने खुद व पत्नी के नाम से कोटा, जयपुर, केशवरायपाटन बूंदी में आवासीय/व्यवसायिक/भूखंडों फ्लैट्स, म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस में निवेश किया हुआ है। कमल मीणा के घर से 32 हजार 110 रुपए की नगदी, 22 लाख का गोल्ड, डेढ़ किलो से ज्यादा चांदी व परिजनों के नाम से अलग-अलग जगहों पर 29 आवासीय व कृषि भूखंडों के दस्तावेज मिले हैं। ACB अधिकारियों का कहना है कि मीणा के ठिकानों पर सर्च अभियान जारी है। जिसमें और भी खुलासा होने की उम्मीद है।
10 करोड़ का आठ मंजिला हॉस्टल, PWD करेगा संपत्ति का आंकलन
ACB की टीम कमल मीणा के हॉस्टल में भी पहुंची। ये हॉस्टल सालभर पहले ही बनाया गया है। अंदर पहुंची तो देखकर चौंक गई। हॉस्टल बोरखेड़ा, बारां रोड़ स्थित कॉरल पार्क में है। इस 8 मंजिला हॉस्टल को दो प्लॉट को मिलाकर बनाया गया है। इस हॉस्टल में कुल 83 रूम है। हर रूम में एसी व फर्नीचर लगा हुआ है। हर फ्लोर पर करीब 10 कमरे बनाए हुए हैं। ACB अधिकारियों के अनुसार, कमल मीणा ने साल 2022 में हॉस्टल निर्माण का काम शुरू करवाया था। इस हॉस्टल की कीमत 8 से 10 करोड़ रुपए बताई जा रही है। एसीबी की टीम जब्त दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है। ये 29 प्लॉट कब कब व कितने कितने रुपये में खरीदे गए। इसे लेकर पूछताछ की जा रही है। एसीबी की टीम ने सर्च कार्रवाई में मिले दस्तावेजों की कीमत करोड़ों में बताई है।
राजस्थान में मंत्री ही बन रहे हैं मासूम जनता के कातिल…
राजस्थान में मंत्री ही मासूम जनता के `हत्यारे’ बन रहे हैं। पहले जल संसाधन मंत्री महेश जोशी ने एक व्यक्ति को इतना प्रताड़ित किया कि उसने घबराकर जान ही दे दी। अब नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल दो इंजीनियरों की मौत के बाद सवालों के घेरे में। आरोप है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही कोटा में दुनिया का सबसे बड़ा घंटा लगाने के लिए उन्होंने और यूआईटी अध्यक्ष ने इंजीनियरों पर दबाब बनाया। चुनाव आचार संहिता लगी होने के बावजूद इस काम को तत्काल कराने के पीछे राजनीतिक मंशा विधानसभा चुनाव में फायदा लेने की थी। लेकिन स्वार्थ भरी इस राजनीति, दबाव और घंटा लगाने की जल्दबाजी ने दो लोगों की जान ही ले ली। रिवर फ्रंट पर बनाए गए घंटे को लेकर भी यूआईटी पर आरोप लगाए गए थे। मृतक इंजीनियर देवेन्द्र आर्य के बेटे धनंजय आर्य ने आरोप लगाया था कि मोल्ड बॉक्स से घंटी निकालते समय हादसा हुआ था। जिसमें कांट्रेक्टर इंजीनियर देवेंद्र आर्य और उनके सहयोगी छोटू की मौत हो गई थी। इस मामले में मंत्री धारीवाल और यूआईटी अधिकारी लगातार घंटे को जल्दी खोलने के लिए दबाव बना रही थे. धनंजय का आरोप था कि अधिकारी चुनाव से पहले घंटी खोलने का दबाव बना रहे थे।
चुनाव के चलते मंत्री-अधिकारी की जिद ने इंजीनियर पर बनाया दबाव
बहुचर्चित कोचिंग सिटी कोटा के चंबल रिवर फ्रंट पर विश्व का सबसे बड़ा घंटा लगा है। इसका वजन लगभग 79000 किलो है और इसे विशेष तकनीक से लंबी मेहनत के बाद तैयार किया गया। घंटा को पिछले कुछ समय से मोल्ड बॉक्स के अंदर पैक रखा गया था। करोड़ों की लागत से बनाए गए चंबल रिवर फ्रंट का पिछले दिनों ही सीएम अशोक गहलोत ने लोकार्पण किया था। इस दौरान गहलोत सरकार की करीब-करीब पूरी कैबिनेट कोटा पहुंची थी। इसी रिवर फ्रंट पर लगे घंटा का तत्काल खोलने का दबाव नगर विकास मंत्री शांति धारीवाल, जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद मीणा बना रहे थे।
पिता ने चेताया था कि जल्दबाजी में घंटा टूट सकता है, लेकिन मंत्री नहीं माने
इंजीनियर देवेंद्र आर्य के बेटे का आरोप है कि उसके पिताजी को धारीवाल, अनूप बरतरिया और जिला कलेक्टर उन्हें घंटा जल्दी खोलने के लिए धमका रहे थे। जबकि उन्होंने कहा था कि इस घंटे को चुनाव के बाद तकनीकी प्रोसेस के साथ खोलेंगे। जल्दबाजी में यह घंटा टूट सकता है। लेकिन, वे नहीं माने और वही हुआ, जल्दबाजी ने उसके पिता की जान ले ली। इनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या की एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। जनता की गाढ़ी कमाई को खर्च कर करीब 1500 करोड़ रुपये का यह चंबल रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट पहले दिन से ही विवादों में है। क्योंकि इसे चंबल नदी की चौड़ाई सीमा में घड़ियाल सेंचुरी सीमा के पास बनाया गया है। कोटा बैराज के डाउन स्ट्रीम में होने के साथ-साथ वन्यजीव अधिनियम, पर्यावरणीय कानूनों का उल्लंघन होने के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) पहले ही इस पर कोटा यूआईटी, राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर चुका है। अब दो लोगों की मौत ने इसे और भी भयावह बना दिया है।
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