तेलंगाना में कांग्रेस की बहुमत से जीत होने के बाद कहा जा था कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी प्रदेश में अगले मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन अब खबर ये है कि वहाँ कांग्रेस के जीते विधायकों ने रेवंत रेड्डी के मुख्यमंत्री बनने पर अड़ंगा लगाया है।
मीडिया खबरों में बताया जा रहा है कि रेवंत रेड्डी के शपथ वाले दिन राज भवन में तैयारी हो गई थी। लेकिन उसी समय बीच में आकर कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस कार्यक्रम को टालने की माँग उठाई।
संभावनाएं यह भी हैं कि अगर पार्टी ने किसी तरह से नाराज़ विधायकों को किसी तरह राजी भी कर लिया, पार्टी कभी भी टूट सकती है, जिसका लाभ KCR उठाने का मौका नहीं छोड़ेंगे। अगर किसी भी कारण से कांग्रेस टूटती है, मुस्लिम फिर चौराहे पर आ जायेंगे, जिन्होंने कांग्रेस को जिताने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री KCR द्वारा मुस्लिमों पर किये उपकारों को नज़रअंदाज़ कर दिया था। रेड्डी के मुख्यमंत्री बनने में अड़ंगा डालने से अटकलों का बाजार भी गरमा गया है।
रेवंत रेड्डी का विरोध करने वालों में मल्लू भाटी विक्रमारका, उत्तम कुमार रेड्डी, श्रीधर बाबू और कोमाटी रेड्डी थे। इनकी माँग के कारण कार्यक्रम टाल दिया गया। अब मल्लिकार्जुन खड़गे फैसला लेंगे की क्या रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं।
⚡️Telangana CongRace - AICC observers and Karnataka deputy CM DK Shivakumar will meet with party president #MallikarjunKharge at 12.00 pm in Delhi. Anti #RevanthReddy group senior MLAs Bhatti,Damodar & Uttam Kumar Reddy will also meet Kharge today. pic.twitter.com/fVKio52EWc
— Mister J. - مسٹر جے (@Angryman_J) December 5, 2023
बताया गया है कि अब रेवंत रेड्डी के मुख्यमंत्री बनने का निर्णय दिल्ली में चर्चा होने के बाद आएगा। इस चर्चा में कर्नाटक के AICC के ऑब्जर्वर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और तेलंगाना में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के इंचार्ज मणिकराव ठाकरे भी शामिल होंगे। लेकिन इससे पहले ये दोनों तेलंगाना में विधायकों की आम सहमति जानेंगे। ये लोग तेलंगाना में जीतकर आए 64 विधायकों की व्यक्तिगत बातें सुनेंगे फिर चर्चा करके अपना फैसला लेंगे।
पिछले साल भी रेवंत रेड्डी के विरोध की खबरें मीडिया में आई थीं। कांग्रेस के कई बड़े नेता ने रेड्डी पर आरोप लगाया था कि वो पार्टी में किसी बड़े नेता की नहीं सुनते सिर्फ अपनी-अपनी चलाते हैं। ऐसे में उनके साथ वो काम नहीं कर सकते। उस समय भी उनके खिलाफ उठी आवाजों को लेकर लंबी बैठकें हुई थीं।
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