किसी कीमत पर केजरीवाल को माफ़ी न दे; सुप्रीम कोर्ट में माफ़ी के कोई मायने नहीं हैं

सुभाष चन्द्र

केजरीवाल ने ध्रुव राठी के ट्वीट को Retweet करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में माफ़ी मांगते हुए कहा है कि उनसे Retweet करने में गलती हुई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने शिकायतकर्ता विकास सांस्कृत्यान के वकील से पूछा कि क्या वो मुख्यमंत्री के माफ़ी मांगने और गलती मान लेने से केस बंद करने को सहमत हैं

विकास के वकील ने कहा कि वे इस विषय में अपने Client से पूछ कर ही कुछ कह सकते हैं केजरीवाल का वकील अभिषेक मनु सिंघवी तड़प रहा था कि आगामी चुनाव को देख कर लोग ट्रायल में जल्दी  कर रहे हैं अदालत ने ट्रायल कोर्ट को 11 मार्च तक कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया

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आज वैसे केजरीवाल का वकील सिंघवी राज्य सभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में पिट गया है

अब सवाल उठता है कि केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के 5 फरवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में  चुनौती दी थी क्योंकि हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के समन को ख़ारिज करने से मना कर दिया था जो माफ़ी केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में मांगी वह वो दिल्ली हाई कोर्ट में भी मांग सकता था लेकिन वहां तो उसने पैरवी करते हुए ट्रायल कोर्ट पर दोषारोपण किया था कि ट्रायल कोर्ट ने गलती की है

फिर, यदि माफ़ी मांगनी थी तो केजरीवाल को विकास सांस्कृत्यान से मांगनी चाहिए थी सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी मांगने का कोई औचित्य ही नहीं है और सुप्रीम कोर्ट को शिकायतकर्ता से सवाल करने की बजाय  केजरीवाल से पूछना चाहिए था कि यह माफ़ी उसने शिकायतकर्ता से क्यों नहीं मांगी और यह माफीनामा दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल क्यों नहीं किया

ये धूर्त मक्कार केजरीवाल की गर्दन जब फंसने लगती है तब ही ये माफ़ी-कार्ड चलता है ऐसी माफ़ी यह पहले स्वर्गीय अरुण जेटली, नितिन गडकरी, कपिल सिब्बल, अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और भाजपा नेता अवतार सिंह भड़ाना से भी मांग कर अपने विरुद्ध आपराधिक मानहानि केस वापस करवा चुका है मगर फिर भी बाज़ नहीं आता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ को अपमानजनक शब्दों की बौछार लगा दी है है इस मक्कार ने और अभी उनकी डिग्री को लेकर गुजरात में लड़ रहा है लेकिन जिस दिन इसे लगेगा कि लपेटे में आ जाएगा और सजा हो सकती है, उस दिन वहां भी माफ़ी मांगने में गुरेज नहीं करेगा

इसलिए अब केजरीवाल ने माफ़ी मांग ली है तो गलती तो स्वीकार कर ही ली और इसलिए शिकायतकर्ता को किसी कीमत पर इसे माफ़ी नहीं देनी चाहिए जिसके लिए यह विकास को मोटी रकम भी देने के लिए यह आगे आ सकता है बस विकास अपना तंत्र Active रखे और जो भी कुछ offer मिले उसकी recording कर पूरा केस पुख्ता कर ले

भाजपा पर केजरीवाल ने अपने विधायकों को 25 करोड़ में खरीदने का आरोप लगाया था और जब पुलिस ने सबूत मांगे तो सिट्टी पिट्टी गुल हो गई लिहाजा इस केस को Logical End तक ले जाना चाहिए और सजा होने देनी चाहिए, माफ़ी देने की कोई जरूरत नहीं है

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