कोरोना काल में एक तिमाही में जब भारत की GDP गिर गई थी तब कांग्रेस समेत सारा विपक्ष खुश हो गया था। और मई 2022 में कोरोना का असर ख़तम होने पर रघुराम राजन ने दिसंबर, 2022 में कहा था कि अगर भारत की GDP वर्ष 2023-24 में 5% भी रही तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी और भारत को नौकरियां देने के लिए चीन की तरह 8% GDP हासिल करनी होगी और यही आधार रहता है राहुल “कालनेमि” के बिना सोचे समझे बयानों का।
पिछले 6 तिमाहियों में अबकी बार वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में GDP सबसे अधिक 8.4 प्रतिशत रही, जबकि पहली और दूसरी तिमाही में यह 7.8 और 7.6 प्रतिशत थी जिसे संशोधित करके 8.2 और 8.1 प्रतिशत कर दिया गया और वार्षिक विकास दर 6.5% रहने की उम्मीद है जो चीन में केवल 4.5 % होगी।
GDP के आंकड़े आने के बाद GST ने भी फरवरी, 2024 माह के रिकॉर्ड बनाया और 12.5% तेजी के साथ 1.68 लाख करोड़ रुपए पर रहा और शेयर मार्किट उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। GDP और GST एवमं शेयर मार्किट का उच्चतम स्तर देश की आर्थिक समृद्धि को प्रमाणित करते हैं लेकिन राहुल “कालनेमि” लोगों में एक ही भ्रम फैलाने में लगा है कि नोटबंदी और GST से किसी को कोई फायदा नहीं हुआ और उद्योग बंद हो गए।
उद्योग बंद होने पर GDP और GST कैसे बढ़ सकते हैं, ये क्या पता है राहुल को। नोटबंदी से अगर किसी को नुक्सान हुआ तो वह केवल पाकिस्तान को हुआ क्योंकि उसका जाली नोटों का व्यापार ठप हो गया जो कांग्रेस की मेहरबानी से फलफूल रहा था।
दो दिन पहले कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा था कि पाकिस्तान भाजपा के लिए शत्रु देश है जबकि कांग्रेस के लिए एक “पड़ोसी” है। मतलब साफ़ था कांग्रेस के लिए मित्र राष्ट्र है पाकिस्तान और आज राहुल “कालनेमि” से साफ कह दिया कि भारत से कहीं बेहतर हालत पाकिस्तान और बांग्लादेश एवं भूटान की है। अब सच्चाई तो यह है कि एक पागल कुत्ता बस भौंकता रहता है बिना सोचे समझे। पाकिस्तान का जयकार करने के लिए लगता है राहुल “कालनेमि” को लंदन में निताशा कौल ने किसी रंगीन मुलाकात में पाठ पढ़ाया है क्योंकि वो “प्रोफेसर” जो है।लेखक
लोगों को हर वक्त अडानी अडानी का राग अलापेगा तो कांग्रेस को राहुल “कालनेमि” निश्चित ही अबकी बार 20 सीट पर ले आएगा क्योंकि पार्टी में राहुल एक “पनौती” साबित होता जा रहा है। हर राज्य में कांग्रेस बिखर रही है। बिजली का स्विच ऑन करोगे तो बिजली का बिल अडानी की जेब में जाएगा, यह राहुल का कहना साबित करता है कि उसके पागल होने में कोई कसर नहीं बची है।
आज जिस तरह लालू यादव ने पटना में मोदी के खिलाफ अपशब्द बोले हैं, उससे साबित होता है कि लालू ने बीमारी का झूठा बहाना बना कर 5 सजाओं के खिलाफ जमानत ली हुई है। दरअसल, भारतीय राजनीति में लालू और अरविन्द केजरीवाल बहुत शातिर है, किसको कब किस की टोपी पहना दें। पहले ही मुझे शंका रहती है लालू और न्यायपालिका के बीच “नापाक” गठजोड़ की लेकिन अब यकीन हो गया है कि लालू को पैसे के दम पर अदालत मौज करा रही है। इसकी जमानत अब रद्द करके जेल में डाल देना चाहिए। अभी लालू को होश नहीं है कि भगवान राम के अपमान करने का उसे क्या दंड मिला है, अभी और भुगतना बाकी बचा लगता है।
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