केरल सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्राओं को कविता और साहित्य के नाम पर ‘ओरल सेक्स’ को बेस्ट बताने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर इफ्तिखार अहमद के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। केरल पुलिस ने छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में बेकल पुलिस ने कान्हागंज की अदालत में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आईपीसी की धारा 354 के तहत चार्जशीट अदालत को सौंपी गई।
ये चार्जशीट 13 नवंबर वाले मामले में दाखिल की गई, जब परीक्षा के दौरान एक छात्रा बेहोश हो गई थी। उस छात्रा को उठाने के बहाने इफ्तिखार अहमद ने उसकी छाती व अन्य अंगों को अनुचित तरीके से छुआ। लेकिन इस मामले में केरल सेंट्रल वूनिवर्सिटी की आंतरिक टीम ने जाँच की खानापूर्ति की और आरोपित इफ्तिखार अहमद को आरोपों से बरी कर दिया। इस दौरान इफ्तिखान अहमद के खिलाफ क्लास की सभी छात्राओं ने उत्पीड़न के आरोप लगाए और कहा कि क्लासरूम में कविता और साहित्य के नाम पर इफ्तिखार अहमद घटिया बाते करता है।
इफ्तिखार अहमद पर 34 छात्राओं ने आरोप लगाए थे। इसके बावजूद आंतरित जाँच समिति ने आरोपों को खारिज कर दिया। इसके बाद चार छात्राओं के परिजनों ने पुलिस में शिकायत की। जानकारी के मुताबिक, 23 नवंबर को असिस्टेंट प्रोफेसर इफ्तिखार अहमद को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने निलंबित कर दिया, लेकिन पुलिस को सूचना नहीं दी। लेकिन जब चार छात्राओं के परिजनों ने कलेक्टर से शिकायत की, तो कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी, जब जाकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
पुलिस ने इस मामले में इफ्तिखार अहमद के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354ए(1) और आईपीसी की धारा 509 के तहत मामला दर्ज किया। हालाँकि पुलिस ने सभी छात्राओं के आरोपों को खारिज करते हुए सिर्फ एक छात्रा के यौन उत्पीड़न का ही मामला पाया। बता दें कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की जाँच समिति आईसीसी ने इफ्तिखार अहमद को यौन उत्पीड़न की जगह सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया, इसके बाद 23 फरवरी को कुलपति ही उसका निलंबन रद्द कर दिया गया था। इसके बाद पूरे यूनिवर्सिटी में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके 6 दिन बाद 29 फरवरी को कुलपति ने इफ्तिखार अहमद को फिर से निलंबित कर दिया। इस बार इफ्तिखार अहमद की जमानत की शर्तों को लेकर पेंच था।
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